________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
" अथ श्री चोवीश जिन कल्याणक स्तवनम् ”
दुहा ॥ प्रणमी जिन चोवीशने, कहुं कल्यांणक तास; मास अमावास्यां तणी, रिति धरी सुवि लास ॥ १ ॥ जेहनां नाम स्मरण थकी, नारों भव भव पाप; तिणें कल्याणकनें दिनें, कीजें प्रभुनो जाप ॥ २ ॥ च्यवनें परमेष्ठी नमः, जन्मे अर्हते नमः ॥ नाथाय नमः दिक्षापदें, गुणीएं नीज गुंण | कांम ॥ ३॥ सर्वज्ञाय नमः केवले, मोक्षे पारंगताय; आंबील पौषधनें वली, एकासणें पण थाय ॥ ४ ॥
ढाल ॥ १ ॥ प्रभु चित्त धरीनें अवधारो मुज वात ॥ ए देशी ॥ आशो शुदि पूनिंम दिनें जी, चवीआ नमि जिनराय; वदि पांचम दिन केवली जी, संभव जीनवर थाय; भवी भाव धरीनें गावो | जिन कल्याण ॥१॥ ए आंकणी ॥ वे कल्याणक बारसें जी, नेमिजी च्यवन प्रमाण; पद्म प्रभुजि जनमीयां जी, | तेरसें दीक्षा मंडाण; ॥ ०भवीभा० ॥ २ ॥ वीर अमासें शीवगयां जी, हवे कार्त्तिक शुदि जांण; त्रीजें सुविधि केवली जी, बारसें अरजीन नांण; ०भविभा० ॥ ३ ॥ कार्तीक वदी पांचम दीनें जी, सुविधी जन्म इंम होय; छड़ें व्रत सुविधी लीएं जी, दशमें वीर व्रत जोय; ०भविभा० ॥ ४ ॥ अग्यारश दिन
For Pitvate And Personal Use Only