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na Kande
Acharya Sh Kasagar
Gyanmandie
शांतिना- थना.
पंचक० स्तवन,
॥३५॥
सदा होलाल० कुंडेंछे०, पिस्तालीश सहस छसें जिन संपदा हो० छसें०॥९॥यमक गिरिएं वीश प्रासाद , शाश्वता होलाल. प्रासाद०, चोवीसमें जिन बिंब अनोपम छाजतां होलाल० अनोपम०; इणिपरें सकल संख्याए तिर्यगू लोकमां होलाल० तिर्यग् छत्रीससे ओगणसठि प्रासाद अनुपमा होलाल. प्रासाद०॥१०॥ तिहां त्रिण लाख एकाणुं सहस त्रणसें होलाल. सहस० उपरि वीश जिनेश्वर बिंब ते दिल वसे होलाल. बिंब, तिमवली व्यंतर ज्योतिषी द्वीप समुद्रमा होलाल. द्वीप० असंख्यातां जिन बीबथी भवमा नवि भमें होलाल० भवमां ॥ ११ ॥ __ ढाल-॥२॥ इंडर आंबा आंबली रे॥ ए देशी॥ हवें पाताल लोकमां रे, असुर कुमार भवणिंद: तिहां प्रासाद , शाश्वतां रे; चोसठ लाख सुखकंद-चतुरनर वंदो ते जिनराय ॥१॥ए आंकणी॥ एकसो कोडि उपरें रे, पन्नर कोडि विश लाख; सासय जिण पडिमा भणी रे, आगमनी छे साखच०॥२॥ नाग कुमार निकायमा रे, जिन घर चोराशी लाख; एकसो कोडि एकावन्न रे, कोडी बिंब वीश लाख-च०॥३॥ सुवर्ण कुंमार मांहिं वलीरे, प्रासाद बहोतेर लाख; जिन बिंब कोडी
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॥३५॥
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