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जिनगुणहीरपुष्पमाला नाम तेरा जाम आठो जपने से आराम हो हो कृपा हम पर तुमारी सिद्धगीरी बीश्राम हो, माया मोहकी नींद से जगालो मुजे ॥ मेरे० ॥ २ ॥ खोया लडकपन खेल मे युवा कटी मोह जाल मे, आया बुढाया अब प्रभुजी रहेम करो इस हाल मे, कुकरमीको धरमी बनालो मुजे ॥ मेरे० ॥ ३॥ बीनती मेरी ये ही हयके जीनजी तेरा दीदार हो, वचुभाई कहे प्रभु भक्तीसे भक्तोका बेडा पार हो, शीवपुर पाने की पाथी पटालो मुजे ॥ मेरे० ॥ ४ ॥
॥ कव्वाली ॥ नजर शुभ दीन पर करके, उधारोगे तो क्या होगा, अतुल बलरूप है प्रभुजी, बतावोगे तो क्या होगा ।।टेर ।। लिया है आसरा तेरा, करो उपकार अब मेरा, चरण का दास तुम केरा, उवारोगे तो क्या होगा ।। १ ।। दयालु देवना देवा, करुं मै आपकी सेवा, चाहुं छु मोक्ष सुख सेवा, चखावोगे तो क्या होगा ॥२॥
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