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उगवना
५८ .
उछांटना उगवना, उगाना स० क्रि० 'उगना' नुं उचाट पुं०, उचाटी स्त्री० [सं. उच्चाट] प्रेरक; ऊगवq
. उदासीनता; मन न लागवू ते उगार(-ल) पुं० धुंक; गळफो के कफ ... उचाटना सक्रि० 'उचटना'नुंप्रेरक(२) उगालवान पुं० धूकदानी
जीव हठाववो-काढी लेवो उगाहना स० क्रि० उघरावq; एकळु . उचाड़(-र)ना सक्रि० 'उचड़ना'नुं प्रेरक -- करवं .
उचाना स० क्रि० ऊंचं करवू उगाही स्त्री० उपराव ते (२) उचारना स० क्रि० (प.) उच्चारवं;
उघराणुं (३) व्याजवटुं; धीरधार बोलवं (२) जुओ 'उचाड़ना' उगिलना सक्रि० जुओ 'उगलना' उचित वि० [सं.] योग्य; घटतुं; वाजवी उन वि० [सं.] प्रचंड; प्रबळ; तेज . उचेलना स० क्रि० जुओ 'उकेलना' (२) पुं० महादेव
.. उच्च वि० [सं.] ऊंचु (२) श्रेष्ठ उघटना स०क्रि० ताल आपवो (२) उच्च (-च्चा)रण पुं० [सं.] उच्चार ते गईगुजरी वारंवार काढवी (३) भलं- उच्च (-च्चा)रना स० कि० ऊचर; बूरुं कोईने कहेवू (जुओ 'उकटना') . उच्चारधू; बोलवू उघटा वि० जुओ 'उकटा'
उच्चार, ०ण पुं० [सं.] बोलवं ते . उघड़ (-र)ना अ० क्रि० ऊघडवू (प्रेरक उच्छव पुं० (प.) ओच्छव उघाड़ (-र) ना)
उच्छाव पुं० (प.) उत्साह उचकन पुं० कशाने एक बाजु ऊंचुं। उच्छाह पुं० (प.) जुओ 'उछाह'
करवा नीचे मुकातुं टेकण . .उच्छिष्ट वि० [सं.] एर्छ (२) पुं० एठवाड "उचकना अ.क्रि० ऊंचे थवू (२) कूदवू (३) मध
[उछांछळ (३) स०क्रि० ऊछळीने लेवं (प्रेरक उच्छृखल वि० [सं.] उदंड; निरंकुश; उचकाना)
उच्छेद पुं० [सं.] खंडन; नाश । उचका अ० अकदम; अचानक उच्छ्वास पुं० [सं.] श्वास भेटवू उचक्का पुं० (स्त्री०-क्को) ऊंचकी । उछंग पुं० (प.) खोळो; गोद.-लेना
जनारो- चोर; ठग; बदमाश उछकना अ०क्रि० (प.) छाक के नशो उचटना अ०क्रि०अलग थवू; हटवू (२) . ऊतरवो; भानमा आवद्यु
ऊखडq (३) भडकवू(४) विरक्त थर्बु उछर(-ल)ना अ०क्रि० ऊछळवू; कूदवू उचड़(-२)ना अ० क्रि० ऊखड, (२) (२) खूब राजी थर्बु (३) ऊपसवं हठवू; अलग थQ
(प्रेरक उछार (-ल)ना) उचना अ०क्रि० (प.) ऊंचुं थवं; 'उचक- उछल-कूद स्त्री० खेलq कूदवू ते (२) ना' (२) सक्रि० ऊंचुं करवू
अधीराई; अजंपो उचरंग पुं० पतंगियु
उछलना अ० क्रि० जुओ. 'उछरना' उचरना अ०क्रि० ओचर; बोलवं (२) उछाँटना सक्रि० मन ऊंचु कराव(२) जुओ 'उचड़ना'
(प.) 'छाँटना'; वीण
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