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स्वास्थ्य
स्वतंत्र स्वतंत्र वि० [सं.] स्वाधीन; मुक्त स्वस्तिक पुं० [सं.] साथियो स्वतः अ० [सं.] आपमेळे; स्वयम् स्वस्थ वि० [सं.] तंदुरस्त (२) शांत; स्थिर स्वतोविरोधी पुं० [सं.] पोते ज पोतानी स्वांग पुं० स्वांग; बनावटी वेश (२)
वस्तुनो विरोध करनार; वदतो- तमाशो; खेल. -बनाना, -भरना, व्याघातवाळं
-लाना=वेश लेवो स्वप्न पुं० [सं.] स्वप्नुं (२) सूर्यु ते स्वांगी पुं० बहुरूपी; स्वांग काढी पेट स्वभाव पुं० [सं.] प्रकृति; तासीर भरनारो स्वयं अ० [सं.] जाते; पोते
स्वांत पुं० [सं.] अंतःकरण (२) मरण स्वयंभू पुं० [सं.] जाते थनार (प्रभु, स्वागत पुं० [सं.] आवकार कामदेव, ब्रह्मा इ०)
स्वातंत्र्य पुं० [सं.] आझादी; स्वतंत्रता स्वयंवर पुं० [सं.] इच्छापूर्वक परणवू ते; । स्वाति,-ती स्त्री० [सं.] एक नक्षत्र , लग्ननो एक प्रकार
स्त्री स्वाद पुं०[सं.] जीभनो रस (२) लहेजत; स्वयंवरा स्त्री० [सं.] स्वयंवरथी परणनार मजा (३)(प.) इच्छा. -दिष्ट, -दिष्ठ स्वयंसिद्ध वि० [सं.] आपमेळे सिद्ध वि० अति स्वादवाळं स्वयंसेवक पुं० [सं.] स्वेच्छाए-खुशीथी स्वादी वि० [सं.] स्वाद माणनाएं; रसिक सेवा करनार
स्वादु वि० [सं.] स्वादवाळं स्वर पुं० [सं.] सूर; अवाज (२) अक्षरनो । स्वाधीन वि० [सं.] पोताना काबुन; एक प्रकार
स्वतंत्र; स्वायत्त स्वराज्य पुं० सं.] स्वराज
स्वाध्याय पुं० [सं.] अभ्यास; मनन स्वरित वि० [सं.] स्वरयुक्त (२) पुं० स्वान पुं० (प.) श्वान; कूतरुं (२) [सं.] त्रणमांथी वचला उच्चारनो स्वर
.. अवाज स्वरूप पुं० [सं.] आकार; रूप (२) आत्मा स्वाप पुं० [सं.] ऊंघ स्वरोद पुं० एक तंतुवाद्य
स्वापन पुं० [सं.] ऊंघाडवं ते (२) तेवू स्वर्ग पुं० [सं.] देवलोक. ०वास पुं०
एक अस्त्र
[कुदरती मरण. ०वासी वि० मृत; मरहूम.
स्वाभाविक वि० [सं.] स्वभाव मुजबर्नु; -गीय वि० स्वर्गवासी (२) स्वर्ग
स्वामित्व पुं० [सं.] धणीपणुं; मालकी जेवू - उत्तम
स्वामिनी स्त्री० [सं.] धणियाणी स्वर्ण पुं० [सं.] सोनुं. कार पुं० सोनी स्वामी पुं० [सं.] धणी; मालिक; पति स्वधुनी स्त्री० [सं.] गंगा नदी स्वायत्त वि० [सं.] स्ववश; स्वतंत्र. स्वल्प वि० [सं.] अति थोडं
शासन पुं० स्थानिक स्वराज स्वसा स्त्री० [सं.] बहेन
स्वार्थ पुं० [सं.] वाच्यार्थ (२) पोतानी स्वसुर पुं० ससरो.-राल स्त्री० सासरी मतलब के गरज के हेतु (२) वि० स्वस्ति अ० [सं.] 'भलं थाओ' एवं स्वार्थी. -र्थी वि० [मननी) आशीर्वचन
स्वास्थ्य पुं० [सं.] स्वस्थता (तन के
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