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रसा ४५०
रहना रसा स्त्री० [सं.] रसना (२) पृथ्वी (३) रसोई स्त्री० रसोई (२) रसोडु
पुं० रसो (४) वि० [फा.] पहोंचनार रसोईखाना, रसोई-घर पं० रसोड् । रसाई स्त्री० [फा.] पहोंचवू ते(२) पहोंच; रसोईदार पुं० रसोइयो. -री स्त्री०
प्रवेश (३) ओळख (४) धीरज; सबूरी तेनुं काम रसादार वि० रसावाळू (शाक) रसोन पुं० [सं.] जुओ 'रसुन' रसायन पुं० [सं.] रसायण शास्त्र (२) रसौत स्त्री० एक दवा भस्मवाळी औषधि
रसौता पुं०, -ती स्त्री० वरसाद थता रसाल पुं० [सं.] शेरडी (२) आंबो पहेलां कराती वावणी
(३) वि० रसाळ; मीठु के सुंदर रसौर पुं० जुओ 'बखीर' रसाला पुं० जुओ 'रिसाला' (२) स्त्री० रसौली स्त्री० रसोळी [सं.] दहींनी एक वानी; 'सिखरन' रस्ता पुं० जुओ 'रास्ता' (३) द्राक्ष (४) जीभ
रस्म स्त्री० [अ.] 'रसम'; रिवाज (२) रसाव पुं० झमवू के चूq-'रसना'-ते वर्तन; व्यवहार रसावर (-ल) पुं० जुओ 'रसौर'- रस्म-उल्-खत पुं० [अ.] लिपि 'बखीर'
रस्सा पुं० रसो; जाडु दोरडु रसिक वि० [सं.] रस पडे एवं; रसयुक्त रस्सी स्त्री० रसी; दोरडी
(२) रसज्ञ; रसियु (३) प्रेमी; विलासी रहँकला पुं० रेकडी के तेवी (तोप रसिया पुं० रसियो (२) फागणमां
लादवानी) नानी गाडी गवातुं एक प्रकारचें गायन रहें (-ह) चटा पुं० चसको; लालसा रसीद स्त्री० [फा.] पहोंच, ते के तेनी रहॅट पुं० [सं. आरघट्ट रहेंट। पावती. -करना = पहोंचतुं करवु (२) रहँटा पुं० (प.) रेंटियो दई देवू; मारवं. -काटना = रसीद रहँटी स्त्री० लोढवानो चरखो (२) दर फाडवी के आपवी
महिने अमुक हपते आपवाना करीने रसील (प.), -ला वि० रसीलु (२) अपातुं उधार
स्वादिष्ट (३) रसियुं (४)छबीलु; सुंदर रह स्त्री० 'राह' नुं समासमां आवतुं रसु(-सो)न पुं० लसण; 'लहसुन' रूप. दा० त० रहगुजार, रहजन इ० रसूम पुं० [अ. 'रस्म' नुं ब०व०] नियम; रहचटा स्त्री० जुओ 'रहँचटा' धारो (२) धारा प्रमाणे आपवाना रहजन पुं० [फा.] जुओ 'राहजन'. -नी लागानुं धन. उदा० रसूम अदालत स्त्री० डकाटी; लूट अदालतमां केस करवा आप, पडतुं रहन,-नि, नी स्त्री० रहेणी के रहेवं ते धन; कोर्ट-फी .
रहन-सहन स्त्री० रहेणीकरणी । रसूल पुं० [अ.] पेगंबर; ईश्वरनो दूत. रहना अ०क्रि० रहे. रहा जाना-ली वि० रसूल संबंधी
रहेवावु (प्रायः आ प्रयोग नकार साथे). रसोइया पुं० रसोइयो; महाराज रहा-सहा = थोडंधणुं बचेलं; रघुसा
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