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४४८
रफ़ाह
रमैया रफ़ाह स्त्री० [अ.] सुख; आराम (२) रब्बाब पुं० जुओ 'रबाब' परोपकार
रमक पुं० प्रेमी; यार [सं.] (२) स्त्री० रफ़ीक पुं० [अ.] साथी; सहायक; मित्र लहेर; तरंग रफ़् पुं० [अ.] कपडं तूणq ते रमक स्त्री० [अ.] अंतिम श्वास (२) थोडो रफ़्गर पुं० तूणनार; तूणियो. -री भाग (३) नशानी थोडी असर के
स्त्री० तेनुं काम [भागी गयेखें रमकझमक (४) वि० थोडंक; जराक रफू-चक्कर वि० रफूचक्कर; गेब; रमकना अ०क्रि० हीडोळा पर झूलवू रफ्त वि० [फा.] गयेलं; गत
(२) डोलती चाले चालवू रफ्तनी स्त्री० [फा.] बहार जq ते (२) रमजान पुं० [अ.] हिजरी सननो नवमो. मालनी निकास
रोजानो मास रफ्तार स्त्री० [फा.] चाल; गति रमजानी वि० रमजानने लगतुं के ते रफ़्ता रफ्ता अ० [फा.] रफते रफते; मासमां जन्मेलं (२) भुखाळवू धीरे धीरे; क्रमशः
रमण पुं०[सं.] क्रीडा (२) संभोग (३) रब पुं० [अ]पालनपोषण करनार; ईश्वर
कामदेव (४) पति (५) वि० रमण रबड़ (-र) पुं० [इ.] रबर ।
करनार (६) प्रिय; सुंदर रबड़ना सक्रि० घुमावq; चलाव, (२)
रमणी स्त्री० [सं.] (सुंदर) स्त्री प्रवाहीने घुमरडी खवडाववी (३) रमणीक,-य वि० [सं.] सुंदर; मनोहर अ०क्रि० रवडवू; रखडवू
रमद पुं० [अ.] आंख लाल थई जवानी रबड़ी स्त्री० बासूदी
एक बीमारी रबदा पुं० चालवानो थाक (२) कीचड. रमना अ०क्रि० रमवू; आनंद के भोग
-पड़ना = खूब वरसाद थवो। विलास करवो (२) घूमवं; विचरवु (३) रबा (-वा)ब पुं० [अ.] सारंगी जेवू एक पुं० रमणुं; चोगान के चरो (४) बाग
वाद्य. -बिया पुं० ते वगाडी जाणनार के तेवू रम्य स्थान [एक विद्या रबी स्त्री० [अ. रबीअ] वसंत के ते । रमल पुं० [अ.]पासा नांखी जोष जोवानी ऋतुनी फसल - रवी पाक
रमा स्त्री० [सं.] लक्ष्मी । रबी-उल-अव्वल पुं० [अ.] अरबी वर्षनो रमाना सक्रि० रमाडq (२) मोहित बीजो मास
करवू; लोभाववं रबी-उल-आखिर, रबी-उस्सानी पुं० . रमीदगी स्त्री० [फा.] घृणा; नफरत [अ.] अरबी वर्षनो चोथो मास
रमीम वि० [अ.] जीर्ण; जरीपुराणुं रबीब पुं० [अ.] आंगळियो पुत्र (२) रमूज स्त्री० [अ. 'रम्ज़' नुं ब०व०] पालक-पितानो पुत्र
आंखनो इसारो (२) रहस्य; झीणी वात रब्त पुं० [अ.] रफ्त; महावरो (२) मेळ; रमती स्त्री० खेतीमा संढलनी रीत के संबंध. जन्त पुं० मेळ; खूब संबंध. तेनो दिवस -डालना = महावरो पाडवो; टेवावु रमैया पुं० (प.) राम; ईश्वर
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