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बकवाद ३५८
बगरी बकवाद,-स,-सी स्त्री० बकवाद; टांको. -उधेड़ना= सीवण खोलवू (२)
बकबक. -दी वि० बकवाद करनार वातनो भेद उघाडो करवो बकस पुं० पेटी; 'बॉक्स'
बखियाना सक्रि० बखिया दई सीववं बकसना सक्रि० बक्षवं (२) माफ । बखीर स्त्री० शेरडीना रसमां रांधेलो कर, (प्रेरक बकसाना)
भात
-ली स्त्री०) बकसुआ (-वा) पुं० 'बकलस'; बकल बखील वि० [अ.] बखील; कंजूस (नाम बकायन स्त्री० एक झाड
ब-खुद अ० [फा.] जाते; पोते बकाया पुं० [अ.] बाकी; बचत बखूबी अ० [फा.] खूबीथी; अच्छी तरह बकारी स्त्री० बोल; शब्द; मोमांथी बखेड़ा पुं० बखेडो; झघडो; (२) पंचात; नीकळतो ध्वनि. -फूटना= बोल के झंझट. -डिया वि० झघडाळु; बखेडो शब्द नीकळवो
करनारु बकावल पुं० [फा.] बबरची
बखेरना सक्रि० विखेर बक्रिया वि० [अ.] शेष; बचेलं; परिशिष्ट ब-खेर अ० [फा.] बरोबर; खूबोथी बकुचा पुं० (स्त्री०-ची) बचको; पोलं बस्त पुं० [फा.] नसीब; भाग्य बकेन (-ना) स्त्री० बाखडी गाय-भेंस बखतर पुं० [फा.] जुओ ‘बकतर' बकैयाँ पुं० चूंटणिये चालवू ते बख्तावर, बख्तियार' वि० [फा.] बकोटना सक्रि० नखथी उझरडो भरवो भाग्यशाळी 'ब-कौल अ० [अ.] कोल प्रमाणे बख्शना सक्रि० बक्षq (२) त्यागवू (३) बक्कल पुं० [सं. वल्कल] 'बकला'; छाल क्षमा करवी (२) छोड़ें
बखिशश स्त्री० [फा.] बक्षिश (२) बक्काल पुं० [अ.] बकाल; वाणियो उदारता (३) क्षमा बक्र-ईद स्त्री० [अ.] बकरी-ईद बग पु० बगलो बक्स पुं० 'बकस'; पेटी
बगई स्त्री० बगाई बखतर पुं० जुओ 'बकतर'
बग-छुट, बगटुट अ० जोरथी; सडसडाट बखरा पुं० [फा.] भाग; हिस्सो बगदना अ०क्रि० बगडवू (२) भूलq (३) बखरी स्त्री० रहेवा लायक (सारु) घर । भ्रष्ट थवं बखशीश, बखसीस (प.) स्त्री० जुओ। बगमेल पु० बराबरी; स्पर्धा 'बख्शिश
बगर पं० महेल के मोटे मकान (२) घर बखान पुं० वर्णन (२) वखाण (३) आंगणुं बखानना सकि० वर्णवq (२) वखाणवू बगर(-रा) ना अ०क्रि० (प.) फेलावू; (३) गाळो भांडवी
वीखरा बखार पुं० अनाजनो कोठार के वखार बगराना अ०क्रि० जुओ 'बगरना' (२) (स्त्री० -री= नानी वखार) सक्रि० फेलावq; विखेरवू बखिया पुं० [फा.] बखियो; सिलाईनो बगरी स्त्री० जुओ 'बखरी'
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