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बंदना
३५७ बंदना सक्रि० वंदq (२) स्त्री० वंदना बंधेज पुं० कशुं नियमित बांधq के बंधावू बंदर पुं० वांदरो (२) [फा.] बन्दर. ते; बंधामणी; करार (२)बंधी;प्रतिबंध -घुड़की, -भबकी= खाली डराववा पुलिस स्त्री० सार्वजनिक जाजरूनुं माटे धमकावq ते
स्थान बंदरगाह पुं० [फा.] बन्दर
बंब स्त्री० बम बम ध्वनि (२) नगारुं बंदा पुं० [फा.] दास; सेवक (स्त्री० -दी) बंबा [अ. मंबा] बंबो (२) स्रोत; झरj बंदा-नवाज वि० [फा.] दास पर दया। बँबाना अ० क्रि० (ढोरनु) बांघडवू करनार; दीनदयाळ
बंसकपूर, बंसलोचन पुं० वांसकपूर बंदिश स्त्री० [फा.] बांधवं ते (२) प्रबंध बंसरी, बंसी स्त्री० वांसळी; बंसी (३) पेंतरो
बँहगी स्त्री० 'बहँगी', पाणीनो बांगो; बंदी पुं० [फा.] केदी (२) भाट; चारण कावड (३) स्त्री० बंधी घरेणुं (४) दासी ब [फा.] पूर्वग; 'स' जेम, सहित एवा (५) बंधी; केद; बंधन. ०खाना, घर अर्थमां; उदा० बक़ौल, बशर्त इ० पुं० केदखान; जेल. ०वान पुं० केदी. बईद अ० [अ.] दूर ०छोर पु० केदमाथी छोडावनार बक पुं० [सं.] बगलो (२) बकासुर (३) बंदूक स्त्री० [फा.] बंधूक. -चलाना, स्त्री० बकवू ते; बकवाद; लवारो. -छोड़ना, -मारना, -लगाना=बंदूक शक, ०बक स्त्री० बकवाद फोडवी. -भरना=बंदूक भरवी. बक (-कु)चा पुं० [तु. बुक्चः ] जुओ -छतियाना=बंदूक फोडवा तैयार ___ 'बकुचा'; बचको थवं. ०ची पुं० बंदूकवाळो . बकची स्त्री० 'बकुची'; बचकी बंदोबस्त पुं० [फा.] बंदोबस्त; प्रबंध; बकझक स्त्री० बकवाद; 'बक'
व्यवस्था (२) महेमूलनी जमाबंधी बक (-ख)तर पुं० बख्तर; कवच बंध पुं० [सं.]बंधन; बेडी; केद(२)पाणीनो बकना सक्रि० बकवू; बोलवू; बकवाद बंध; बांध (३) बांधण-रसी इ० __ करवो.-झकना व्यर्थ बोलवू; बकवाद बंधक पुं० गीरो मूकेली वस्तु; 'रेहन' । करवो बंधन पुं० [सं.] बांध, ते (२) बंध, बेडी, बकबक स्त्री० बकवाद; लवारो; 'बक'
केद, रस्सी इ० [साधन बकर-ईद स्त्री० जुओ 'बक़ ईद' बंधना अ० क्रि० बंधा, (२) पुं० बांधवानुं बकर-क़साव पुं० बकरांनुं मांस वेचनार बंधान पुं० धारो; बंधी; करार (२) बकरना स० कि० एकला बकवू-बबडवू
पाणीनो बांध (३) सम ताल (२) पोते कबूल करी के कही देवू बंधी स्त्री० नक्की प्रबंध के कार्यक्रम; बकरा पुं० बकरो. -री स्त्री० बकरी
'बंधेज'; बंधावू ते के स्वजन बकरीद स्त्री० जुओ 'बक्र-ईद' बंधु पुं० [सं.] भाई; भांडु (२) भाईबंध बकलस [इं. बकल्स] बकल बंधुआ, -वा पुं० बंधायेलो ते; केदी बकला पुं० वल्कल (२) फळनं छोडूं
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