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पुलाव
३३० पुलाव पुं० मांस साथे थती चोखानी पुस्तक स्त्री० [सं.] चोपडी; 'किताब'. एक वानी
-कालय पुं० ग्रंथालय. -की, पुस्तिका पुलिंदा पुं० बंडल; थोकडो
स्त्री० नानी चोपडी; चोपानियं पुलिन पुं० [सं.] रेताळ नदीकिनारो (२) पुह (-४)प पुं० (प.) पुष्प
पाणी हठीने थती कांपवाळी जमीन पुहुमी स्त्री० (प.) पृथ्वी; भूमि पुलिस स्त्री० [इं.] पोलीस. ०मैन पुं० पूछ स्त्री० पूंछडी (२) पछवाडेनो भाग.
पोलीसनो सिपाई परंपरानी) ०ड़ी स्त्री० पूंछडी । पुश्त स्त्री० [फा.] पीठ (२) पेढी (वंश- पंजी स्त्री० पंजी: धन (२) मडी. ०पति प्रश्तक स्त्री० [फा.] घोडा गधेडानी पं० मूडीदार; धनवान. ०वाद पुं० पाछला पगनी लात
मूडीवाद पुश्तनामा पुं० [फा.] वंशावळी पूआ पुं० पूडो के मालपूओ पुश्त-पनाह पुं० [फा.] मददगार; टेको पूग पुं० [सं.] सोपारी के तेनुं झाड
आपनार. -ही स्त्री० मदद; टेको (२) पुंज; ढगलो (३) फणस के तेनुं पुश्ता पुं० [फा. पुस्तो; बांध (२) झाड. -गी स्त्री० सोमारी के तेनं झाड
जुओ 'पुट्ठा' (२) [एटलो भार पूछ स्त्री० पूछवं ते (२) तपास; खोळ पुश्तारा पुं० [फा.] पीठ पर लेवाय (३) कोई पूछे ते; आदर; गणना पुश्ती स्त्री० [फा.] टेको (२) मदद पूछता (-पा)छ स्त्री० पूछपरछ (३) तरफदारी (४) तकियो पूछना सक्रि० पूछवू [पूछताछ' पुश्तैन स्त्री० वंशपरंपरा; पेढी दर पेढी पूछपाछ, पूछता(-पा)छी स्त्री० जुओ पुश्तैनी वि० [फा.] वंशपरंपरा चालतुं पूजक पुं० [सं.] पूजा करनार आवेलु के चालनालं
पूजन पुं० [सं.] पूजा; पूजवू ते पुष्कर पुं० [सं.] कमळ (२) तळाव (३) पूजना सक्रि० पूजवं; सेवा करवी (२)
पाणी. -रिणी स्त्री० तळावडी लांच आपवी (३) अ.क्रि० पूरुं थर्बु पुष्कल वि० [सं.] पुष्कळ; खूब (२) (४) भरावं; बरोबर थवं . उत्तम (३) परिपूर्ण; भरपूर
पूजनीय वि० [सं.] पूज्य; पूजाने पात्र पुष्ट वि० [सं.] खाईपीने ताजु माजु पूजा स्त्री० [सं.] पूजा; उपासना; अर्चन
(२) पोषायेलं (३) दृढ; मजबूत (२) लांच (३) मार; मेथीपाक पुष्टई स्त्री० ताकात के पुष्टिनी दवा पूज्य वि० [सं.] पूजनीय पुष्टि स्त्री० [सं.] पोषण (२) पुष्ट पूड़ा पुं० मालपूडो
थवं ते (३) दृढता (४) समर्थन पूड़ी स्त्री० पूरी पुष्प पुं० [सं.] फूल (२) आंखमां फूल । पूत वि० [सं.] पवित्र; शुद्ध (२) पुं० पुत्र पडे ते (३) स्त्रीनी रज
पूतड़ा पुं० बळोतियुं पुसाना अक्रि० (प.) पूरुं पडवू के । पूति स्त्री० [सं.] पवित्रता (२) दुर्गंध . ठीक लागवं; पोसावं
पूती स्त्री० गांठ (२) लसण- जीडवू
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