________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पांशु
३२०
पाटन पांशु पुं० [सं.] धूळ; रज. ०ल वि० पाखाना पुं० [फा.] पायखानु (२) मळ. धूळवाळु (२) व्यभिचारी
-फिरना=झाडे फरवं पांस स्त्री० खेतरमा नांखवा- खातर.. पाग स्त्री० पाघडी (२) पुं० चासणी. ना सक्रि० खातर नांख,
ना सक्रि० चासणीमा मूक - पांसा पं० [सं. पाशक रमवानो पासो. पागल वि० [सं.] पागल; गांडं. खाना -उलटना-बाजी फरी जवी
पुं० गांडानुं दवाखान पा पुं० [फा.] पग (प्रायः समासमां) पागुर पुं० वागोळवू ते; 'जुगाली' पा-अंदाज पुं० [फा. पगलुछणियुं पाचक वि० [सं.] पचावे एवं (२) पुं० पाइप पुं० [इं. पाईप; नळ [लीटी रसोइयो. -न पुं० पचवू ते (२) पाई स्त्री० पाई नाणुं (२) पाणनी ऊभी पकावq ते पाउँ पुं० पग; 'पाँव'
पाछ स्त्री० चीरो; फाट पाउंड पुं० [इ.] पाउंड सिक्को के नाणुं पाछना सक्रि० चीरवं; फाट करवी; पाउडर पुं० [इं.] पाउडर; भूको फाडवू पाक वि० [फा.] पवित्र (२) निर्दोष पाछल, पाछिल (-ला) वि० (प.) पाछलुं (३) पुं० [सं.] रांधव-पकववं ते. पाछी,-छू,-छे अ०(प.) पछी; पाछळ -करना, -होना= कोई अनिष्टमांथी पा(य)जामा पुं० [फा.] पायजामो; मुक्त करवू के थq [खिस्सुं पाक (के)ट पुं० पाकीट; थेली के
पाजी पुं० दुष्ट; हलकुं; खोटुं पाक-दामन वि० [फा.] पतिव्रता;
पा(०य) जेब स्त्री० [फा.] नूपुर; झांझर शीलवती (स्त्री)
पाटंबर पुं० रेशमी वस्त्र पाकबाज वि० [फा.]. अति पाक-पवित्र पाट पुं० पहोळाई; जेम के धोतियानो पाकर पुं० पीपळy (?) झाड
पनो; नदीनो पट (२) चक्कीनु पडियु पाक-साफ़ वि० तद्दन पाक (२) तद्दन (३) रेशम (४) शण (५) राजपाट (कशाथी) अलग-संबंध रहित
-सिंहासन (६) नदीनो पट (७) शिला पाकी स्त्री० [फा.] पाक के पवित्र होवं ते के जाडं पाटियु, जेम के धोबीन (८) पाकीजा वि०[फा.] पाक; पवित्र; शुद्ध कवा परतुं चोकर्छ । (२) सुंदर (३) निर्दोष ।
पाटन स्त्री० छत; गच्ची (२) पहेला पाकेट पुं० पाकीट; खिस्सु. -गरम माळ उपरनो मकाननो भाग (३)
करना लांच लेवी के आपवी पाटण - गाम पाक्षिक वि० [सं.]पक्ष संबंधी(२)पक्षपाती। पाटना सक्रि० सपाट-समतल करवं पाखंड पुं० वेद विरुद्ध आचार (२) (२) तृप्त करवू (३) खाडा परथी ढोंग. -डी वि० पाखंडवाळु
के अध्धर जवाने अध्धर पुल जेवी पाख पुं० पक्ष; पखवाडियुं (२) मकानना गोठवण करवी करानो उपलो त्रिकोण भाग पाटव पुं० [सं.] पटुता; चालाकी
सूथj
For Private and Personal Use Only