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अग्रगण्य
अछरी अग्रगण्य वि० (सं.) आगळ गणातुं अचवन पुं० आचमन (२) जमीने हाथ अग्रज,-जन्मा पुं० (सं.) मोटो भाई मों धोई कोगळा करवा ते . (२) ब्राह्मण
अचवना सक्रि० 'अचवन' करवू (जुओ भग्रणी, -सर पुं० (सं.) आगेवान
. 'अचवन') भग्रहायण पुं० (सं.) जुओ 'अगहन' .. अचांचक,अचानक अ०अचानक; ओचितुं भग्राह्य वि० (सं.) त्याज्य ; ग्रहण
अचार पुं० 'आचार'; अथाj करवा माटे अयोग्य
अचित वि० (सं.) निश्चित; बेफिकर अग्रिम वि० (सं.) आगामी (२) मुख्य आचत्य वि० (स.) चितनीय; अज्ञय भघ पुं० (सं.) पाप (२) दुःख (२). बेहद; धार्याथी खूब (३) मघट वि० अघटित; अयोग्य (२) दुर्घट: आकस्मिक; अणधार्यु दुष्कर (३) अक्षयः; घटे नहि एy..
अचिर वि० (सं.) जलदी; तरत (४) एकरस; स्थिर [अयोग्य
अचीता वि० (स्त्री० -ती) अणधायु; मघटित वि० असंभव; अशक्य (२)
आकस्मिक (२) अचिंत्य ; बेशुमार मघवाना स० क्रि० 'अघाना' नुं प्रेरक
अचूक वि० निश्चित; अमोघ (२) अ. अघाई स्त्री० संतोष; तृप्ति ; धरावं ते
__ अवश्य ; जरूर (३) होशियारीथी
अचेत वि० (सं.) बेहोश ; बेभान (२.) अघाट पुं०. कायमी भोगवटानी-वेची न शंकाय एवी मालकीनी जमीन
आकुल व्याकुल (३) अजाण (४)
अणसमजु; मूढ भघात वि० अगाध; घj; मनमान्यु
अर्चन पुं० बेचेनी; व्याकुलता अघाना अ० क्रि० धराईने खावं (२)
अच्छ वि० (सं.) स्वच्छ, निर्मळ संतोष पामh (३) प्रसन्न-खुशी थर्बु
अच्छत पुं० अक्षत; चोखा भधी पुं० (सं.) पापी; कुकर्मी अच्छरा,-री स्त्री०. (प.) अप्सरा भघोर वि० (सं.) शोभीतुं; सौम्य (२) अच्छा वि० (स्त्री० -च्छी) उत्तम;
अतिधोर; भयंकर (३)पुं०(सं.)महादेव उमदा (२) तन्दुरस्त ; नीरोगी (३) भधारपथ पु० अघोरी बावाओनो प्रथ अ० सारं; 'हा, ठीक' अर्थसूचक अघोरी पुं० एक भयंकर अने मेली
__ उद्गार. अच्छे आना बरोबर अवसर साधना करनार (२) वि० अति पर आव, मेलुं ने घृणा उपजावे एवं
अच्छाई स्त्री०, -पन पुं० उत्तमता; अचंभा पुं० अचंबो; आश्चर्य
'अच्छा' होवू ते [(२) नीरोम अचक वि० खूब; बहु (२) पुं० अचंबो अच्छा बिच्छा वि० सारं सारं; चूंटेलु अचकन पुं० एक जातनो लांबो कोट अच्युत वि० (सं.) अचळ ; अटळ ; नित्य अचर वि० (सं.) स्थिर; जड (२) पुं० विष्णु . [पस्तावू अचरज पुं० आश्चर्य
अछताना पछताना अ० क्रि० खूब अचल वि० (सं.) अचळ (२)पुं० पर्वत अछरा,-री स्त्री० (प.) अप्सरा
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