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अगवाई
अग्र अगवाई स्त्री० सामे-आगळ जईने अगुआई स्त्री० आगेवानी; सरदारी । सत्कार करवो ते; 'अगवानी' (२) अगुआना स० क्रि० आगेवान बनाववो पुं० आगेवान ; अग्रेसर ['अगवानी') के ठराववो (२) अ.क्रि० आगळ वधवं अगबान पुं० 'अगवानी' करनार (जुओ अगुण वि० (सं.)गुणरहित(२)मूरख (३) अगवानी स्त्री० सामे जईने सत्कार पुं० अवगुण करवो ते (२) विवाहमा जानने सामे अगुरु वि० (सं.) हलकू; भारे नहि लेवा जवानो विधि (३) पुं० आगेवान एवं (२) गुरु वगरनुं (३) पुं० अगस्त पुं० ऑगस्ट मास(२)अगस्त्य ऋषि चंदन (४) शीशम । अगहन पुं० अग्रहायण ; मागशर मास अगुवा पुं० जुओ 'अगुआ' अगहनिया वि० मागशरमा थनाएं (धान) अगुवानी स्त्री० जुओ ‘अग्रवानी' अगहनी स्त्री० मागशरमा लेवाती फसल अगूता अ० आगळ; सामे [व्यक्त अगहुड़ अ० (प.) आगळ
अगोचर वि० (सं.) इंद्रियातीत; अअगाऊ वि० अगाउथी; 'पेशगी'. उदा० अगोट पुं० आड; रोकाण 'उसको अगाऊ कुछ दाम दे दो' अगोटना स० कि० रोक (२) केद (२) अ०. (प.) आगळ ; अगाडीथी कर (३) घेर (४) अ० क्रि० अगाड़ी अ० अगाडी; आगळ (२) पुं० रोकावू; आड आववी वस्तुनो अगाडीनो भाग (३) घोडानी अगोरना स० क्रि० राह जोवी (२) अगाडी
रखवाळी करवी अगाड़ अ० अगाडी
अगोरिया पुं० रखेवाळ [टोचई अगाध वि० (सं.) अगाध; घणुं ऊंडु अगौरा पु० शेरडीनो छेडानो भाग(२) अपार (३) अगम'; गहन (४) अग्नि स्त्री० (सं.) आग; देवता (२) पुं० खाडो
[अग्नि
जठराग्नि । अगिन वि० अगणित (२)स्त्री० अगन; अग्निकर्म पुं० (सं.) हवन (२) अग्निदाह अगिनबोट पुं० आगबोट
अग्निक्रिया स्त्री० (सं.) अग्निदाह अगिया स्त्री० एक वनस्पति(२) आगियो । अग्निदाह पुं० (सं.) मड, बाळवू ते; अगियाना अ० क्रि० आग ऊठवी अग्निसंस्कार . [थवी ते अगिया बैताल पुं० आग जेवो क्रोधी अग्निमांद्य पुं० (सं.) मंदाग्नि; भूख मंद माणस [नाखवानी क्रिया अग्निसंस्कार पुं० (सं.) अग्निदाह अगियारी स्त्री० आगमां धूप इ० अग्निसेवन पुं० (सं.) तापवू ते . अगियासन पुं० आगियो
अग्य वि० (प.) अज्ञ; अजाण अगीतपछीत अ० आगळ पाछळ (२) अग्यारी स्त्री० जुओ ‘अगियारी . पुं० आगळ ने पाछळनो भाग
अग्न पुं० (सं.) आगळनो भाग (२) अगुआ पुं०आगेवान; मुखी; नेता (२) वि. आगळy; पहेलं; उत्तम (३) पंचात वगेरे करीने विवाह गोठवनार अ० आगळ ; अग्रे
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