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जटना
जटना स० क्रि० ठगी लेबुं जटल स्त्री० गप; बकवाद जटा स्त्री० [सं.] वाळनी जटा जटित वि० [सं.] जडित; जडेलुं जटिल वि० [सं.] जटावाळं (२) चालु अटपटुं [वृद्ध (३) कठण जठर पुं० [ सं . ] पेट; होजरी (२) वि० जठराग्नि स्त्री० [ सं . ] जठरनो अग्नि जड़ वि० [सं.] निर्जीव; अचेतन ( २ ) मूर्ख (३) मूंग के बहेरु
जड़ स्त्री० मूळ; मूळियुं ( २ ) पायो. -जमना, -पकड़ना = 'जमना'; दृढ थवुं जड़ना स०क्रि० जडवुं; बेसाडवु (२) मारखं ठोकवुं (३) चाडी खावी; कही दे
जड़हन पुं० डांगर
जड़ावर पुं० [हि. जाड़ा ] गरम कपडां जड़िया पुं० जडवानुं काम करनार जड़ी, ०बूटी स्त्री० जडीबूटी; वनस्पति औषधि
जत अ० ( प. ) जेटलुं
जतन पुं० यत्न; प्रयत्न. नी वि० जतन करनाएं (२) चतुर
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जतलाना, जताना स० क्रि० जणाववुं (२) अगाउथी सूचववुं जति, ती पुं० यति; संन्यासी जत्था पुं० जथो समूह (२) मंडळी; जूथ जत्था ( -त्थे ) दार पुं० जथानो नायक जत्थाबंदी स्त्री० दलबंधी; जूथ बांधवं ते जया अ० ( प. ) यथा; जेम (२) स्त्री० धन; पूंजी (३) पुं० जथो; ' जत्था ' जब अ० (प.) यदि; जो (२) ज्यारे;यदा जदपि अ० यद्यपि जोके [चोटनुं लक्ष्य जब स्त्री० [फा.] चोट; मार (२) हानि (३)
जनसंख्या
जदल पुं० [अ.] जंग; युद्ध [भोग बनेलु जदा वि० [फा.] 'जद' - हानि के चोटनं जदीद वि० [ अ ] नवुं; नवीन जदुनाथ, जदुपति, जदुराई .पुं० श्रीकृष्ण जद्द स्त्री० [अ.] प्रयत्न; कोशिश ( २ ) पुं० दादा (३) वि० ज्यादा; वधु ( प. ) जद्दपि अ० ( प. ) यद्यपि; जोके जद्दबद्द पुं० खराब - न कहेवा जेवी वात जद्दी वि० [अ०] बापदादानुं जद्दोजेहद स्त्री० [ अ ] दोडधाम; प्रयत्न जन पुं० [ सं . ] माणस ( २ ) लोक (३) पेवक जनकपुं० [ सं . ] पिता (२) वि० पेदा करनार जन स्त्री० [फा.] स्त्री (२) पत्नी. ० मुरीद वि० पत्नीवश
जनखा वि० [फा.] नपुंसक जनता स्त्री० [सं.] जनसमाज; लोक जनन पुं० [सं.] उत्पत्ति जनना स० क्रि० जणवं (२) पेदा करवुं जननी स्त्री० [सं.] माता जनम पुं० जन्म (२) जिंदगी जनमना अ० क्रि० जनमवुं; पेदा थकुं जनमघूँटी स्त्री० गळयूथी जन-मुरीद वि० [फा.] पत्नीवश जनरल पुं० [इं.] सेनापति (२) वि०
आम; साधारण
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जनरव पुं० [सं.] जनवाद; अफवा ( २ ) लोकनिंदा लोकापवाद जनवरी स्त्री० जान्युआरी मास जनवाई स्त्री० जुओ 'जनाई' जनवाना स० क्रि० 'जनना' (जणवुं) नुं, 'जानना' (जाणं) नुं प्रेरक जनवास ( -सा) पुं० जानीवासो जनश्रुति स्त्री० [सं.] अफवा; लोकवायका जनसंख्या स्त्री० [सं.] वस्ती
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