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चिलगोजा १८०
चीरना चिलगोजा पुं० [फा.] एक मेवो चीकट वि० बहु मेलू (२) पुं० तेलनो चिलचिल स्त्री० अबरख [चीस पाडवी मेल (३) एक रेशमी वस्त्र चिलचिलाना अ.क्रि० चमकवं (२) चीख स्त्री० चीस चिलड़ा पुं० एक पकवान [वंचळ
चीखना अ०क्रि० चीस पाडवी चिलबिला (-ल्ला) वि० 'चुलबुला'; चीखना स० क्रि० 'चखना'; चाखवू चिलम स्त्री० [फा.] चलम
चीज स्त्री० [फा.] चीज; वस्तु (२)जणस चिलमची स्त्री० [तु.] अंदर हाथ-मों, (३)गायन के राग (४) विलक्षण के धोवानुं एक वासण (२)चलम पीनार
[सरसामान चिलमन स्त्री० [फा.] 'चिक'; चक चीज-वस्तु स्त्री० जणस-भाव (२) चिल्लड़ पुं० जुओ ‘चीलर'
चीठी स्त्री० चिठ्ठी चिल्लपों स्त्री० शोरबकोर
चीड़ (-) पुं० चीडनुं झाड चिल्लवाना सक्रि० 'चिल्लाना'नं प्रेरक चीतना सक्रि० चितवं ; विचारवं (२) चिल्ला पुं० [फा. चाळीस दिवस के तेनुं याद करवू (३)चीतरवू साप व्रत के पुण्यपर्व (२) प्रसवना चाळीस चीतल पुं० एक जात- हरण(२) चीतळो दिवस (३) धनुषनी दोरी.-खींचना चीता पुं० चित्तो (२) चित्त = चाळीस दिवस एकांतमां ईश्वरो- चीत्कार पुं० [सं.] चीस'; बुमराण पासनामां गाळवा. -बाँधना=चाळीस चीथड़ा (-रा) पुं० चीथरूं दिवसनुं व्रत करवू. चिल्लेका जाड़ा= चीथना सक्रि०(कपडु)फाडवू [उत्तम खूब ठंडी
चीदा वि० [फा.] पसंद करेलु; चूंटेलु(२) चिल्लाना अ०क्रि० शोर करवो बुमराण चीन पुं० [सं.] धजा (२) सीसु (३) दोरो करवं
[चिल्लपों (४) एक रेशमी वस्त्र (५) चीन देश चिल्लाहट स्त्री० शोर करवो ते; चीनना सक्रि० जुओ 'चीन्हना' । चिहुँकना अ० क्रि० (प.) चोंकवु; चीना पुं० चीनो; चीननो वतनी (२) चमक
[(२) चोंटवू वि० चीननु चिहुँटना सक्रि० (प.) चूंटी खणवी चीनी स्त्री० खांड चिहूँटी स्त्री० चूंटी; चीमटी (२) चपटी. चीन्हना सक्रि० चीनवु; ओळखवू चिह्न पुं० [सं.] निशानी. -ह्नित वि० चोपड़ पुं० चीपर्दा चिह्नवाळू; अंकित
चीफ़ वि० [इ.] मुख्य (२) पुं० राजा; ची स्त्री० [फा.] चहेरा पर पडती __ सरदार. ०कमिश्नर, जस्टिस, जज करचोळी.-ब-जबी होना= गुस्से थवं इ० मां ची-चपड़ स्त्री० सामे जवाब आपवो ते चीमड़ वि० चवड; चामडा जेवू चींटा पुं० जुओ 'चिउँटा' (स्त्री० -टी) चीर पुं० [सं.] वस्त्र (२) चीथ (३) चीक स्त्री० 'चीख'; चीस (२) पुं० स्त्री० चीरवं ते कसाई (३) कीचड़
चीरना सक्रि० चीर; फाडवू
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