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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चित्रकार १७९ चिलकना चित्रकार पुं० [सं.] चितारो. -री स्त्री० चिरंजीव वि० [सं.] चिरंजीवी (२) पुं० चित्रविद्या पुत्र (३) 'घणुं जीवो' एवो आशीर्वाद चित्रण पुं० [पं.] चीतर ते चिरंतन वि० [सं.] पुरातन; प्राचीन चित्रपट पुं० [सं.] जेना पर चीतयु चिर वि० (२) अ० लांबा वखतर्नु; जून होय ते (२) सिनेमा चिरकना अ० क्रि० चरकवू; जराक चित्रविचित्र वि० [सं.] रंगबेरंगी (२) अघy; जरा जरा घणी वार अघq नकसीदार रंगबेरंगी चिरकीन वि० [फा.] मेलं; गंदूं चित्रित वि० [सं.] चीतरेलु (२) चित्र; । चिरकुट पुं० फाटेलु वस्त्र; चीथरूं चिथड़ा पुं० चीथरुं [अपमानQ । चिरना अ० क्रि० ('चीरना' नुं कर्मणि) चिथाड़ना सक्रि० चीर; फाडवू (२) फाटवं; चिरायूँ चिदात्मा, चिदानंद पुं० [सं.] चैतन्य; ब्रह्म चिरमि (०टी) स्त्री० चनोठी चिद्विलास पुं० [सं.] माया; लीला चिरवाई स्त्री० चिरामण;चिरावq ते(२) चिनक स्त्री० बळतरा(जेम के पेशाबमां) पहेला वरसाद पछीनी खेड चिराववं चिनगारी, चिनगी स्त्री० तणखो; चिरवाना सकि० 'चीरना' नुं प्रेरक; चिणगारी चिराँदा स्त्री० वाळ चामडु इ० बळवानी चिनिया वि० चिनाई; चीनन (२) चीनी गंध (२) बदनामी (३) वि० चीडियु; माटो जेवू; सफेद.-केला-नानी जातनुं 'चिड़चिड़ा' केळं. -बदाम चिनाईसींग; मगफळी चिरा अ० [फा.] केम ? शा माटे ? चूं व चिन्हार वि० परिचित(नाम,-रीस्त्री०) चिरा करना = चेंचूं करवं चिपक (-ट)ना अ०क्रि० चोटवू;वळगवू चिराई स्त्री० जओ 'चिरवाई' चिपकाना सक्रि० चोटाडवू; लगाडवू चिराग पुं० [फा.] दीवो.-जले दीवाचिपचिपा वि० चीक[; चोटे एवं वखते..दान पुं० दीवी.-बत्तीका वक्त चिपचिपाना अ०क्रि० चीकणुं लागq = दीवा-वखत; संध्या चिपटा वि० चपटुं चिराना सक्रि० चिरावq (२) वि० चिपड़ी,-री स्त्री० छाj. -पाथना = प्राचीन; पुराणुं बदनामी फेलावी छाणुं थापवू [(२) पोपडी। चिरायध स्त्री०जुओ चिराँदा'.-फैलना चिप्पड़ पुं० नानो चपटो ककडो; चापडो । चिरायता पुं० करियातुं चिप्पी स्त्री० नानो 'चिप्पड़' ‘चिरायु वि० [सं.] चिरंजीव ; दीर्घा, चिबुक पुं० [सं.] 'ठोड़ी'; हडपची; दाढी चिरिया पुं० जओ 'चिड़िया' चिमटना अ०क्रि० चोटq (२) वळगq चिरौंजी स्त्री० चारोळी (प्रेरक-चिमटाना) चिलक स्त्री० चळक (२) सणको चिमटा पुं० चमठो; चीमटो; चीपियो चिलकना अ.क्रि० चमक चमक थ; चिमटी स्त्री० नानो चीपियो चळक (२) सणको नांखवो (प्रेरक चिमड़ा वि० जुओ 'चीमड़' चिलकाना) For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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