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गूदा
गूदा पुं० गर; फळ के कोई चीजनो अंदरनो मावो; मगज [एक घास गून स्त्री० रसी; दोरडुं ( नावनं) (२) गुना पुं० [फा.] वर्ण; रंग (२) प्रकार गूनागूं, -गून वि० [फा.] विधविध; भात भातनुं (२) रंगबेरंगी गूमा पु० एक छोड - औषधि गूलर पुं० उमरडो. - का कीड़ा = कूपमंडुक. - का फूल = दुर्लभ वस्तु गृध पुं० [सं.] गीध गृह पुं० [सं.] घर [घरकंकास गृह कलह, गृहयुद्ध पुं० घरनो झघडो; गृहस्थ पुं० [ सं . ] घर-संसारी ( २ ) खेडूत गृहस्थी स्त्री० गृहस्थनं कर्तव्य ( २ ) गृहव्यवस्था (३) कुटुंब के घरनो सरसामान (४) खेतीवाडीनो रोजगार गृहिणी स्त्री० [ सं . ] स्त्री; घरवाळी गृही पुं० [ सं . ] गृहस्थ [स्वीकृत गृहीत वि० [ सं . ] ग्रहण करेलुं; मानेलं; गंगटा पुं० जुओ 'केकड़ा' गेंड़ना स० क्रि० घेवु; खेतरनी चारे कोर हदनो पाळो बांधवो गेंडली स्त्री० चळ; कुंडाळं (जेम के, सापनं) - बाँधना, - मारना=गूंचळं वळ
गेंड़ा पुं० शेरडीनां उपलां पान ( २ ) शेरडी (३) 'गैंडा', गेंडो
गेंडुआ, वा पुं० तकियो (२) मोटी गेंद; दो [उढाणी गेंडुरी, -ली स्त्री० जुओ 'गेंडली' ( २ ) गेंद पुं० दडो. ०घर पुं० क्रिकेट, टेनिस, बिलियर्ड इ० रमवानं स्थान. ०तड़ी स्त्री० मारदडीनी रमत गेंद बल्ला पुं० गेडीदडो (२) क्रिकेट
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गैर-जरूरी
गेंदा पुं० एक फूलझाड; हजारी गेंदुआ, या पुं० (गोळ) तकियो, ओशीकुं गेगला वि० मूरख; बाघुं गेटिस पुं० [इं. गार्टर ] मोजां बांधवानी पट्टी-गार्टर
ती स्त्री० [फा.] संसार गेय वि० [सं.] गवाय एवं गेरना स० क्रि० गेरवबुं; पाडवुः ‘गिराना' (२) घेरवुं
गेरवाँ, गेराँव पुं० जुओ 'गराँव' ; गाळियुं गेरुआ वि० गेरु रंगनं; भगबुं (२) पुं० घउंनो गेरवो रोग
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गेरू स्त्री० गेरु माटी गेस पुं० [फा.] वाळनी लट; जुलफुं ह पुं० [सं.] घर
गेहनी स्त्री० ( प. ) गृहिणी; घरवाळी गेहुँअन पुं० घवर्णो एक झेरी साप गेहुँआ वि० घवर्णं गेहूँ पुं० घरं
गैंडा पुं० गेंडो
ती स्त्री० तीकम के कोदाळी ग्रैब पुं० [अ.] गेब; अदृष्ट; परोक्ष विषय बत स्त्री० [ अ ] चुगली; गीबत; निंदा बी वि० [अ.] परोक्ष; गुप्त; अज्ञात; गूढ गैयर पुं० ( प. ) गयवर; मोटो हाथी गया स्त्री० गाय
गैर स्त्री० ( प. ) अंधेर; अन्यायती अंधाधुंध (२) निंदा
और वि० [अ.] अन्य; बीजं (२) परायुं; अजाण्यं परजन (३) अभाव सूचवतो 'गेर' पूर्वंग
गैर-आबाद वि० [अ.] उज्जड; वेरान; पडतर ( जमीन ) गैर-जरूरी वि० [अ.]
[ अनावश्यक बिनजरूरी;
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