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खलीफ़ा
१३१ खलीफ़ा पुं० [अ.] अध्यक्ष (२) बुजरग खसलत स्त्री० [अ] स्वभाव; प्रकृति (२) (३) खलीफ (४) हजाम (५) दरजी आदत; टेव
पाडवू (६) बबरची .
खसाना सक्रि० नीचे खसेडवू; नीचे खलील पुं० [अ.] साचो मित्र खसासत स्त्री० [अ.] 'खसीस'-पणं खलु अ० [सं.] खरेखर; नक्की; अवश्य खसिया, खसी पुं० बकरो (२) खसी खल्क स्त्री० [अ.] खलक; सृष्टि (२) ___ करेल. पशु (३) नपुंसक मनुष्यमात्र
खसीस वि० [अ.] कंजूस खल्लड़ पुं० 'खलड़ी'; खालडी (२) ।
खसोट,-टी स्त्री०('खसोटना' परथी नाम) मशक के चामडानो थेलो (३) खल खसोटना स० क्रि० जोरथी उखाडवू, (वाटवानो) [रोग (२) तालियो खेंच (२) छीनवं खलवाट पुं० [सं.] ताल पडी जवानो खस्ता वि० [फा.] छुट; भभरु (२) खवा पुं० खभो [कूवास्तंभनो खाडो दुःखी (३) भांगेलं (४) घायल खवाई स्त्री० खावं ते (२) वहाणना (नाम, -स्तगी स्त्री०) खवाना स० क्रि० 'खाना' नुं प्रेरक खस्सी पुं० [अ.] जुओ 'खसी' खवा(-व्वा)स पुं० [अ.] खवास; दास खाँ पुं० जुओ 'खान' खवासिन स्त्री० दासी; खवासण खाँखर वि० पोलु (२) काणांकाणांवाळ खवासी स्त्री० खवासनुं काम; चाकरी खाँग पुं० कांटो (२) गेंडा के सूवरनो खवैया पुं० खानार
आगळनो दांत के शिंगडु (३) स्त्री० खशखाश स्त्री० [फा. खसखस कमी; ऊणप खस स्त्री० [फा. वीरणनो वाळो-खस खाँगना अ०क्रि० कमी थर्बु (२) लंगडा खसकना अ० क्रि० खसवं; सरकवू खाँगी स्त्री० कमी; 'खाँग' (धीमेथी, चूपचाप)
खाँचा पुं० (स्त्री० -ची)टोपलो झाबा' खसख (-खा)स स्त्री० जुओ 'खशखाश' खांड़ स्त्री० साफ कर्या वगरनी खांड खसखसा वि० भभरु; छुटुं (२) बारीक; (२) (प.) खाडो ।
खसखस जेवू घर के ओरडो खाँड़ना स० क्रि० खंडवू; तोडवू (२) खसखाना पुं० [फा.]खसनी टट्टीओ बांधेलं चाव, (३) खांड खसखास स्त्री० जुओ 'खशखाश' खाँडा पुं० खांडु (२) खंड; भाग खसना अ०क्रि० (प.) खसवं; 'खसकना' । खाँभ पुं० 'खंभा'; थांभलो (२) खसम पुं० [अ.] खसम, पति (२) मालिक परबीडियु; 'खाम' कर, (३) 'खस्म;' शत्रु
खांभना स० क्रि० परबीडियामां बंध खसरा पुं० [अ.] तलाटी- खेतरोने खाँवा पुं० पहोळी खाई अंगेनं पत्रक (२) काचो रोजमेळ (३) खाँसना अ० क्रि० [सं. कासन] खांसवं 'खारिश'; खूजली (४) ओरी-माता खाँसी स्त्री० उदरस नीकळे ते
खाई स्त्री० (कोट इ० नी) खाई
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