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खरीता
खलीता खरीता पुं० [अ.] (स्त्री० -ती) थेली खलक पुं० खलक; जुओ 'खल्क' (२) खीसु (३) खरीतो
खलक-खुदा पुं०, खलकत स्त्री० खरीद स्त्री० [फा.] खरीदवं ते के ईश्वरनी सृष्टि । खरीदेली चीज
खलखलाना अ० क्रि० खळखळवू खरीदना स० क्रि० खरीदवं; वेचातुं लेवू खलड़ा पुं० खाल; काचुं चामडु खरीद-फरोख्त स्त्री० [फा.] क्रय-विक्रय खलड़ी स्त्री० खालडी; खाल (२) खरीदेली चीज
खलना अ० क्रि० बुरुं, माटु लागवू खरीदार पुं० [फा.] खरीदनार; घराक खलफ़ पुं० [अ.] पुत्र (२) वारस । खरीदारी स्त्री० [फा.] घराकी; खपत खलब (-भ)ल,-ली स्त्री० खळभळ; खरीफ़ स्त्री० [अ.] खरीफ-चोमासु पाक __ 'खरभर' (२) खळखळवू खरोंच (-ट) स्त्री० छोलावानुं चिह्नः खलब (-भ)लाना अ० क्रि० खळभळवू 'खराश' (२) एक पकवान खलल पुं० [अ.] खलेल; हरकत खरोंच (-ट)ना स० क्रि० छोलवू खलल-अंदाज वि० खलेल पाडनार खरोट, ना जुओ 'खरोंच, खरोंचना' खलवत स्त्री० [अ.] एकांत खरोश पुं० [फा.] शोर-बकोर खलवत-खाना पुं० खानगी वात माटेनी खरोष्ट्री,-ठी स्त्री० खरोष्ठी लिपि बेठक; खलबत (२) जनानो खर्च,-र्चा पुं० [अ. खर्ज] खरच खला पुं० [अ.] खला; खाली जगा (२) खर्चना स० क्रि० जुओ 'खरचना' आकाश (३) जाजरू खोतरj खर्चीला वि० खरचाळ; उडाउ खलाल वि० [अ.] (धातुनू) दांत खजूर पुं० [सं.] खजूर के तेनुं झाड खलास वि० [अ.] पूरु; खलास (२) खर्पर पुं० [सं.] खप्पर (२) खोपरी __ मुक्त (३) च्युत; भ्रष्ट खर्ब,- पुं० सो अबज; खर्व संख्या (२) खलासी पुं० खलासी (२) स्त्री० वि० नानू (३) ठींगणुं
__ मुक्ति; छुटकारो खर्रा पुं० खरडो (२) लांबो हिसाब खलित वि० (प.) स्खलित; खरेलू के दस्तावेजनो कागळ
खलिया(-हा)न पु० खळं (२) 'ढेर' खर्राच वि० [फा.] खरचाळ; उडाउ । खलियाना स० क्रि० खाल उतारवी खर्राटा पुं० ऊंघमां नाक बोलवानो (२) खाली करवू अवाज. -भरना, मारना, लेना=3 खलिश स्त्री० [अ.] पीडा (२) चिता घसघसाट ऊंघवं
(३) डंखवू ते खर्व पुं० जुओ 'खर्ब'
खलिहान पुं० जुओ 'खलियान' खल वि० [सं.] धूर्त; दगाबाज (२) खली स्त्री० खोळ मिलनसार दुष्ट; नीच (३) निर्दय; क्रूर (४) खलीक वि० [अ.] सुशील; सज्जन; निर्लज्ज (५) पुं० वाटवानो खल. ०ई। खलीज स्त्री० [अ.] अखात; खाडी. (प.) स्त्री० दुष्टता; सलता खलीता पुं० [फा.] जुओ 'खरीता'
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