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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गाढ़ा ० १३ 9999 www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सहचरित धूमवांच इत्येतादृश समूहालंबन ज्ञानस्य कोटियो पस्थापकत्वे नैतदीप तादवस्थ्य मिति वाच्यम् । साध्योपस्थिति जनकतावच्छेदकीभूता या साध्याभावो पस्थिति जनकतावच्छेदकीभूत प्रकारता तदाश्रयत्व निवेशात् तादृश समू हालंबन ज्ञान निरूपितयो र्वन्हि तदभाव साहचर्यावच्छिन्न प्रकारतयोः प्रत्येकं तादृश जनकता इया वच्छेदकत्व विरहेणा ति प्रसंग विरहात् धूम सहचरित वन्हिमान् धूमाभाव सहचरित वन्हिमांश्च पर्वत इत्यादि समूहालंबन ज्ञाने प्रकारता वच्छेदक भेदेन वन्हयादि प्रकारता भेदात् प्रत्येकं कस्याश्चिदपि प्रकारताया स्तादृश जनकता इया वच्छेदकत्वा संभवेपि धूमधूमाभाव सहचरित वन्हिमान् पर्वत इत्यादि ज्ञानीयो भयधर्मावच्छिन्न विलक्षणैक प्रकारताया स्तथात्वेन वन्हयादी लक्षणसमन्वयः । वन्हि तदभाव सहचरित धूमवान् पर्वत इत्याकरको भय साहचर्य्यावच्छिन्न प्रकार - ताशालि ज्ञान मादायातिप्रसंगस्तु तादृश प्रकारता वच्छेदकता पर्याप्त्यधिकरण धर्मावच्छिन्नत्व विवक्षया स्वयमेव निराकरिष्यते अथ ( १ ) वन्हि साहचर्य मात्रेण वन्यभाव साहचर्य मात्रेण वा वच्छिन्ना याव्याप्यस्य विरूद्धस्य वा प्रकारता तस्याच उद्बोधकांत्तर वशात् साध्य तदभावो भय विषयक समूहालंवनो पस्थिति जनक ज्ञानीयतया प्रत्येकं साध्यो पस्थिति जनकतायां साध्यभावो पस्थिति जनकतायां चावच्छेदकत्वेनातिप्रसंग ः यदिच (२) (१) टि० कल्प द्वया नुसारेण स्थल द्वय मुक्तं यत्रा दो व्याप्य विरुद्वयोः कारणता मादाय द्वितीये विरुद्ध प्रकारता मादाया तिव्याप्ति बोध्या ॥ (२) टि० – अत्र जनकता समानाधिकरण्य प्रवेशे वन्यभाव सहचरित जलत्व वानि त्यादि ज्ञानीयो भय साहचर्याविच्छिन्न प्रकारता या वन्यू पस्थितित्वावच्छिन जनकता समानाधिकरण सैवालो भय विषयक समूहा लंबनो पस्थिति वृत्ति सैवालो पस्थितित्वावच्छिन्न जन्यता निरूपित जनकता बच्छेशक तथा न्ह्यभावो पस्थिति जनकता बच्छेदक कल्पे च विरुद्धे वन्हिमान जलां दिल्यादा वतिप्रसंग : ॥ For Private and Personal Use Only KJKJKJKJKJK JHHHHHHHHKJKJKJez. १३
SR No.020372
Book TitleHetvabhas Savyabhichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangadhar Pandit
PublisherGangadhar Pandit
Publication Year
Total Pages90
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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