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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गादा ० १२ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir de यत्वा वच्छिन्नं प्रति जनकत्वा दिति वाच्यम् । साध्य संशयत्वावच्छिन्न निरूपित जनकता नियतजन्यता निरूपकी भूत जनकताया एव पक्ष धर्मता ज्ञान विशेषणत्वोपगमा नित्यत्वा नित्यत्व विषयक ज्ञानवत्ता ज्ञान जन्यतायाः संशया * जनक साधारण धर्मवत्ता ज्ञानाद्यजन्य तदुभयो पस्थिति साधारणतया संशयत्वावच्छिन्न जनकता व्यभिचारित्वेनाति ॐ प्रसंग विरहात् साधारण्यादि विशिष्ट धर्मवत्ता ज्ञान जन्य तदुभयो पस्थितीनां च सर्वासां तादृशो पस्थितित्वेन संशयत्वा ॐ वच्छिन्नं प्रति हेतुतया तादृश ज्ञान निरूपित कोट्युपस्थिति निष्ठ जन्यतायाः संशयत्वा वच्छिन्न निरूपित जनकता निय तत्व मक्षत मेव । अथवा उक्ताऽतिप्रसंग वारणाय तादृश जनकता वच्छेदका वच्छिन्नत्व मेव जन्यतायां निवेशनीयम् अव्यवहितोॐ तरत्व संबंधेन साधारण्यादि विशिष्ट धर्मवत्ता ज्ञानविशिष्ट तत्कोट्युपस्थितित्व रूप तादृश ज्ञानजन्यता वच्छेदक धर्म एव च संशय जनकतावच्छेदक: । नतु तादृश ज्ञान जन्य तत्तत्कोटयु पस्थितित्वं जन्यता पेक्षया तद्घटकस्या व्यवहितो ॐ तरत्वस्य लघुत्वात् अत आत्माश्रयेण साधारण्यादि धर्मवत्ता ज्ञान जन्यत्वस्य तादृश ज्ञान जन्यता नवच्छेदकत्वेपि | ॐ नक्षति:- जनकतावच्छेदकावच्छिन्नत्वंच जनकता वच्छेदक पर्याप्ता वच्छेदकताकत्वं तेन साध्यसंदेह जनकतावच्छेदक घटक ज्ञानादेि र्नित्यत्व तदभाव विषयक ज्ञानवत्ता ज्ञानादि जन्यतावच्छेदक घटकत्वेपि नक्षतिः । जनकतावच्छेदकतायाः पर्य्याप्तिर्न निवेश्यते प्रयोजन विरहात् तेन साधारण्यादि विशिष्ट धर्मवत्ता ज्ञानस्य जन्यतावच्छेदक कोटौ तद्वैशिष्ट्य मात्रनिवेशेनैवोपपत्तौ प्रयोजन विरहेण संशय जनकतावच्छेदक घटकस्य साध्योपस्थितित्वादेः साधारण धर्मवद्धार्मे ज्ञान जन्यतावच्छेदक कोटा वनिवेशेपि नक्षतिः नचैवम् साध्य संशय निवेशनं व्यर्थम् यत्किंचिज्जनकतावच्छेदकावच्छिन्न जन्यता निवेशेनै | वोपपत्तेर्नित्यत्व तदभाव विषयक ज्ञानवत्ता ज्ञानजन्यतावच्छेदकस्या व्यवहितोचरत्व संबधेन तादृश ज्ञानविशिष्ट नित्यत्वादि For Private and Personal Use Only YKYKYKYK १२
SR No.020372
Book TitleHetvabhas Savyabhichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGangadhar Pandit
PublisherGangadhar Pandit
Publication Year
Total Pages90
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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