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प्रमा
विषय.
विषय. कंकुष्ठोत्पत्तिलक्षण .... .... २०३ क्षुद्रधान्यका लक्षण रत्ननिरुक्ति और निरूपण.... .... २०४ | कंगुका लक्षण .... .... .... , हीरकका नाम, लक्षण और गुण .... , चीनाक और श्यामाक .... मारित हीरक आदिकोंका लक्षण.... २०६ कोद्रवका गुण .... .... वैडूर्य, मौक्तिक, प्रवाल आदि रत्नों- रुचकका लक्षण ....
का गुण .... .... .... ,, वंशभव और कुसुंभबीज .... .... , ग्रहप्रियरत्न, उपरत्न .... .... २०७ गवेधुकाका गुण .... .... वत्सनाभ, हारिद्र, सक्तुक प्रदीपन- प्रसाधिकाका गुण
का गुण .... .... .... , पवनका नामगुण .... .... .... , सौराष्ट्रिक, शृंगी, कालकूटहालाह__लोंका लक्षण .... .... २०८
शाकवर्ग ब्रह्मपुत्रका स्वरूप .... .... २०९ शाकोका निरूपण .... ....
पोतकीका नामगुण .... धान्यवर्गः।
तंडलीय तथा पलक्या ...... धान्योंका भेद .... .... .... २११ नाडीका और पट्टशाक ...... उनोंका गुण .... .... .... २१२ कलंबी और लोणिका .... केदार और स्थलन धान्य.... ,, चांगेरी और चुक्रका गुण । त्रीहि धान्यका लक्षण .... .... २१३ मूलक तथा मवानी .... .... २३१ पष्टिकाओंका लक्षण .... २१४ चवक और सेहुंड गेहूंका नामआदि.... .... .... २१५ पर्पट और गोजिव्ह .... .... २३२ मूंगकी निरुक्ति .... .... .... २१७ पटोलगुण .... .... .... माष और राजमाष .... .... गुडूची और कासमर्द निष्पाव, मकुष्ठ, मसूर, तुवरी इत्या- चणक, कलाप, सर्षप ....
दिका गुण .... .... २१८ अगस्तिपुषा, कदलीपुष्प .... .... चणक, कलाय, त्रिपुट, इनोंके ना- शिग्रुपुष्प और शाल्मलीपुष्प
मगुण .... ... .... २१९ कूष्मांड, अलाबुका गुण .... .... कुलित्थ और तिलोंका गुण .... २२० कटुतुंबी तथा कर्कटी .... .... अतसीका गुण .... .... .... २२१ चिचिंडा और कारवेल .... .... २३५ तुवरीका गुण .... .... .... , महाकोशातकी, धामार्गव .... .... , शिरसमका गुण .... .... .... , पटोल तथा बिंबीका गुण .... ....
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