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आगणन-आग्नेय तोषमें बत्ती देना।-पर आग डालना-जलेको जलाना। अधिक कुशल, चतुर । -पर पानी डालना-क्रुद्धको शांत करना, लड़नेवालोंको आगरी-पु० नमक बनानेवाला। समझाना-बुझाना। -पर लोटना-तड़पना, बेचैन होना; आगल*-पु० अगड़ी। वि० अगला । अ० आगे, सामने । ईर्ष्या करना ।-पानीका वैर-सहज वैर ।-फाँकना- आगला* -वि० अगला ।। डींग मारना ।-फूकना-बद्ध करना ।-फूसका वैर- आगवन-पु० दे० 'आगमन' । सहज वैर ।-बबूला या भभूका होना-गुस्सेसे लाल आगा-पु० वस्तुका आगेकी ओरका भाग; अँगरखे आदिमें होना, अतिक्रुद्ध होना ।-बरसना-सख्त गरमी पड़ना आगेका पल्ला या टुकड़ा; मकानके आगेका सहन, अगया लू चलना; गोले-गोलियोंकी बौछार होना ।-बरसाना वारा, सेनाका अग्रभाग, लिंगेंद्रिय; चेहरा; माथा; गलही; -दुश्मनपर गोले-गोलियोंकी वर्षा करना।-बुझा लेना- भविष्या आगम । -पीछा-पु० आगे पीछे होनेवाली कसर निकालना।-बोना-उत्पात खड़ा करना; झगड़ा बातें; (कार्यका) परिणाम, नतीजा; हिचक, पसोपेश; लगाना ।-भड़काना-हलचल मचाना; लड़ाई बढ़ाना; देहका अगला-पिछला भाग, विशेषतः गोपनीय अंग । जोश बढ़ाना ।-भूनना-अति करना ।-में कूदना- मु०-काटना-किसी अपशकुन-कारक व्यक्ति या प्राणीका अपने ऊपर विपत्ति लेना।-में घी छोड़ना या डालना- आगेसे निकल जाना। -भारी होना-गर्भवती होना । क्रोध भड़काना झगड़ा बढ़ाना ।-में झोंकना-(किसीको) आग़ा-पु० [सं०] बड़ा भाई मालिक काबुलका रहनेवाला। आफत, खतरे, अनिष्टमें ढकेल देना।-में पानी डालना- आगान*-पु० प्रसंग हाल, वृत्तांत । क्रोध शांत करना; झगड़ा मिटाना।-लगना-क्रोध भड़क आगामिक-वि० [सं०] भविष्यत् कालसे संबंध रखनेवाला; उठना, गुस्सेसे लाल हो जाना; डाहसे जलने लगना; किसी आनेवाला। वस्तुका बहुत महंगा हो जाना; नष्ट होना । -लगाकर आगामी (मिन्)-वि० [सं०] आनेवाला; भावी । तमाशा देखना-झगड़ा खड़ा करके उसमें आनंद लेना। आगार-पु० [सं०] घर; स्थान; भांडार (अस्त्रागार); -लगाकर पानीको दौड़ना-पहले झगड़ा लगाकर फिर खजाना । -गोधिका-स्त्री० छिपकली । उसको शांत करनेका यत्न करना । -लगाना-क्रोध या आगाह-वि० [फा०] जानकार, खबर रखनेवाला, अमिश । ईर्ष्या भड़काना चुगली खाना; नाश करना। -लगेपर | पु० होनहार, भवितव्य । कुआँ खोदना-पहलेसे करनेके कामको ऐन वक्तपर करने आगाही-स्त्री० जानकारी, सूचना । चलना । -लेने आना-उलटे पाँव लौट जाना। -से आगि*-स्त्रा० आग। पानी होना-क्रोध करनेके बाद शांत होना। -होना- आगिल(ला)-*वि० अगला । क्रुद्ध होना।
आगी*-स्त्री० आग। आगणन-पु० [सं०] ( एस्टिमेट) दे० 'प्राक्कलन'। आगू*-अ० आगे। पु० परिणाम । आगत-वि० [सं०] आया हुआ, पहुँचा हुआ; घटित; आगृहीत-वि० [सं०] (ड्रान) जमा किये हुए धनमेंसे प्राप्त; बाहरसे आया हुआ (माल)। -पतिका,- पुनः निकाला या लिया हुआ। भर्तका-स्त्री० बह नायिका जिसका पति परदेशसे लौटा आगृहीता, आग्राहक-पु० [सं०] (ड्राअर) जमा किये हो -स्वागत-पु० अतिथि, निमंत्रितका स्वागत- हुए धनमेंसे कुछ अंश निकालनेवाला । सत्कार, आव-भगत ।
आगे-अ० सामने सामनेकी और कुछ दूरपर; पहले; आग-पीछ*-पु० आगा-पीछा ।
पीछे बादमें; अधिक; आइंदा; गोदमें । -आगे-अ० आगम-पु० [सं०] आना, अवाई; समागमः प्राप्ति; क्रमशः कुछ दिन बाद; आगे चलकर । -पीछे-अ० एक जन्म; वृद्धि, संचयः (धनागम ), आमदनी; (रेवेन्यू) के बाद एक मुँहपर और पीठ पीछे; अव्यवस्थित रूपसे; दे० 'राजस्व'; प्रवाह; ज्ञान; वेद, शास्त्र; दर्शन; तंत्र- पास-पास; थोड़ा आगे या पीछे; वंशमें ( उसके आगे-पीछे शास्त्र, नीतिशास्त्र, न्यायमें माने हुए चार प्रमाणोंमेंसे कोई नहीं)। मु०-आना-सामना करना; कर्मका फल एक, शब्द-प्रमाण सिद्धांत; साक्षिपत्र; शब्दसाधनमें किसी मिलना; घटित होना । -करना-सामने रखना, हाजिर वर्णकी वृद्धि (व्या०); होनहार; आनेवाला समय: उपक्रम । करना; अगुआ बनाना; खतरे आदिके सामने कर देना, वि० आगामी ।-जानी-वि० [हिं०] होनहार-भविष्यको आड़ लेना ।-को-आगेसे, आइंदा । -डालना-खानेके समझनेवाला । - ज्ञानी (निन्)-वि० दे० 'आगम- लिए सामने रखना ।-दौड़ पीछे चौड़-आगे करते जाना जानी'। -वक्ता(क्त)-वि, पु० भविष्य बतलाने- और पीछेका खयाल न रखना। -धरना,-रखनावाला ।-सोची-वि० [हिं०] आगेकी बात सोचनेवाला । हाजिर करना; भेंट करना; आदर्श बनाना ।-निकलनामु०-जनाना-होनहारकी सूचना देना । -बाँधना- साथियों, प्रतिस्पद्धियोंसे आगे बढ़ जाना। -लेनाआनेवाली बातका निश्चय करना ।
अगवानी करना, आगे जाकर मिलना। -से-पहलेसे; आगमन-पु० [सं०] आना; लौटना; प्राप्ति; उत्पत्ति । भविष्यमें सामनेसे ।-से लेना-वागत करना ।-होकर आगमी (मिन्)-वि० [सं०] ज्योतिषी; सामुद्रिक जानने- लेना-आगे बढ़कर स्वागत करना। होना-अग्रसर होना; वाला; शास्त्रश; आनेवाला; भावी ।
बढ़ जाना; सामना करना; परदा करना; स्वागत करना । आगर-पु० आकर, खान; ढेर, खजाना; घर छप्पर नागौन*-पु० आगमन । नमक जमानेका गड्ढा; * अगड़ी, ब्योड़ा । वि० बढ़कर, भाग्नेय-वि० [सं०] अग्नि-संबंधी; अग्निको अर्पित अग्नि
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