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मंगना - मजमा
मगना * - अ० क्रि० प्रसन्न होना; डूबना, लीन होना । मगर - पु० एक हिंस्र जलजंतु, मकर, घड़ियाल; कानमें पहनने का एक गहना । -मच्छ-पु० मगर; बहुत बड़ी मछली ।
मगर - अ० [फा०] लेकिन, पर ।
मग़रिब - पु० [अ०] सूरज डूबनेकी दिशा, पच्छिम । -की नमाज़ - शामकी नमाज ।
मग़रिबी - वि० [अ०] पश्चिमका, पश्चिमी ।
मग़रूर - वि० [अ०] गरूरवाला, घमंडी | मगसिर - पु० दे० ' मार्गशीर्ष' ।
मगह + - पु० दे० 'मगध' । - पति-पु० जरासंध । मगहय, मगहर* - पु० मगध देश ।
मगही - वि० मगधका; मगध में उपजनेवाला ।-पान - पु० मगध में होनेवाला पान जो पानकी सबसे बढ़िया किस्म
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माना जाता मगु* - पु० दे० 'मग'
मग्ग* - पु० दे० 'मग' |
मरज - पु० [अ०] मींगी, गूदा, गिरी; भेजा, दिमाग; सार भाग । -चट - वि० मग्ज चाट जानेवाला, बक्की । चट्टी-स्त्री० मग्ज चाट जाना, बकबक करके खोपड़ी खा जाना। -पच्ची - स्त्री० माथा-पच्ची, सिर खपाना । मु० - के कीड़े उड़ाना - बकवाससे खोपड़ी खा जाना । -खा जाना, - खा लेना,-चाट जाना - बक बक करके खोपड़ी खाली कर देना । - पिलपिला करना - मारकर भरता बना देना ।
मग्न - वि० [सं०] डूबा हुआ; तन्मय; हर्ष-मग्न । मघवा (न्) - पु० [सं०] इंद्र | - जित्-पु० मेघनाद | मघा - स्त्री० [सं०] २७ नक्षत्रों में से दसवाँ; एक औषध । मघोनी * - स्त्री० इंद्राणी ।
मघौना- पु० नीले रंगका कपड़ा; * दे० 'मघवा' । मचकना - अ० क्रि० लकड़ी, चमड़े आदिकी चीजका दबकर 'मच-मच' आवाज करना, लचकना । स०क्रि० (दबाकर 'मच-मच' शब्द उत्पन्न करना ।
मचका - पु० मचक, झोंका; झूलेकी पेंग । मचकाना - स० क्रि० लचकाना, हिलाना ।
मचमचाना-स० क्रि०, अ० क्रि० इस तरह लचकाना या लचकना कि 'मच-मच' की आवाज निकले ।
मचलना - अ० क्रि० किसी चीजको लेने या न देनेका हठ पकड़ लेना, किसी चीजके लिए रोना-धोना । मचला - वि० मचलने वाला, हठी । पु० बाँसकी बनी डिविया । मचलाना - अ० क्रि० मतली मालूम होना । मचली - स्त्री० मतली, वमनकी प्रवृत्ति ।
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कनेसे होनेवाली आवाज ।
मचिया- स्त्री० छोटी, चौकोर चौकी जो खाटकी तरह सुतली आदिसे बुनी गयी हो । मचिलई * - स्त्री० मचलनेका भाव, छठ ।
मच्छ - पु० दे० 'मत्स्य'; बड़ी मछली । - घातिनी-स्त्री० बंसी ।
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मच्छड़ - पु० दे० 'मच्छर' ।
मच्छर- पु० एक उड़नेवाला कीड़ा जो आम तौर से बरसात में पैदा होता और आदमियों जानवरोंका खून पीता तथा कई रोगोंके फैलनेका कारण होता है । -दानीस्त्री० मच्छरोंसे बचनेके लिए लगाया जानेवाला जालीदार परदा । मु०- पर तोप लगाना- छोटे आदमीको दबाने, दंड देनेके लिए भारी तैयारी करना ।
मच्छर* - पु० दे० 'मत्सर' । - ता* - स्त्री० मत्सर । मच्छी- स्त्री० दे० 'मछली' । - काँटा - पु० एक तरहकी सिलाई । भवन - पु० राजाओंके महलों, चिड़ियाघर आदि में मछलियाँ पालनेके लिए बना तालाब या हौज । -मार - पु० मछुआ, मल्लाह । मच्छोदरी* - स्त्री० व्यासकी माता सत्यवती । मछली - स्त्री० एक प्रधान जलजीव जिसकी छोटी-बड़ी अगणित जातियाँ होती हैं और जो फेफड़ेके बदले गलफड़ेसे साँस लेता है, मत्स्य; मछलीकी शकलका लटकन । -दार- पु० दरीकी एक बुनावट । -मार - पु० मछुआ । मळवा - पु० मछलीका शिकार करनेकी नाव । मछुआ, मछुवा - पु० मछलियाँ पकड़नेका पेशा करनेवाला, मल्लाह । - जहाज - पु० ( ट्रॉलर) मछलीका शिकार करनेकी नाव या जहाज ।
जाय ।
मज़दूर- पु० [फा०] उजरत, मजदूरीपर काम करनेवाला; मोटिया; बनिहार; शरीरश्रमसे जीविका करनेवाला । - दल - पु० संघटित श्रमिकवर्ग - संघ- पु० श्रमिकों या व्यवसाय विशेष के मजदूरोंका संघ ।
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मचना - अ० क्रि० होना; जारी, बरपा होना; ( शोर, मज़दूरी - स्त्री० [फा०] शरीरश्रम, बोझ ढोने आदिका हलचल ) फैलना । काम; उजरत, पारिश्रमिक । - पेशा- वि० मेहनत-मजदूरीका पेशा करनेवाला |
मज़कूर - वि० [अ०] जिसका जिक्र किया गया हो, कथित । मजकूरी- पु० समन आदि तामील करनेका काम करनेवाला; अवैतनिक चपरासी जिसे तलबानेसे उजरत दी
मजना * - अ० क्रि० डूबना, निमग्न होना । मजनू - वि० [अ०] पागल, बावला; सिड़ी; आशिक, किसी पर मरनेवाला । पु० अरबीकी प्रसिद्ध प्रेमकथा लैलामजनूका नायक, कैस; बहुत दुबला-पतला आदमी । मज़बूत - वि० [अ०] दृढ़, पक्का, टिकाऊ; पुष्ट, बलयुक्त । मज़बूती - स्त्री० [अ०] ढ़ता, टिकाऊपन; सबलता । मजबूर - वि० [अ०] जिसपर जब किया गया हो, विवश,
लाचार ।
मचवा - पु० खाट; मचिया ।
मचान - पु० खंभोंपर बाँसके फट्टे आदि बाँधकर बनाया हुआ आसन, मंच |
मजबूरन् - अ० [अ०] मजबूर होकर, लाचारीसे ।
मचाना - स० क्रि० मचनेका कर्ता, साधक होना; कराना; मजबूरी-स्त्री० [अ०] विवशता, लाचारी ।
जारी या बरपा करना ।
मचामच - स्त्री० 'मच-मच' की आवाज, किसी चीज के लच
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मजमा - पु० [अ०] लोगोंके जमा होनेकी जगह; भीड़,
जमाव ।