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बाती-बानत रना। -में बात निकालना-बातमें बारीकी निकालना, बादाम-पु० [फा०] एक प्रसिद्ध भेवा जिसकी गिरी खायी बालकी खाल खोचना । -रखना-कहा मान लेना, जाती और बहुत पुष्टिकर होती है। उसका पेड़ ।-पाकबातका आदर करना; मान रखना; अपने वचनका पालन पु० एक प्रसिद्ध पुष्टिकर पाक । करना; दुराग्रह करना । -रहना-वचनका पालन होना; | बादामी-वि० [फा०] बादामके रंगका बादामकी शकलप्रतिष्ठा बनी रहना। -लगना-बातसे आहत होना । का बादामका बना हुआ। पु० बादामके छिलकसे मिलता (बाते)छाँटना-बढ़-बढ़कर बोलना ।-बनाना-बना हुआ रंग। -आँख-स्त्री० बादामकी शकलकी छोटी वटी बातें, बहाना करना; चापलूसी करना। -सुनना | आँख । -कड़ी बातें सुनना । (बातौँ)बातों में-बातोंके सिल-वादि*-अ० व्यर्थ, बेकार । सिले में, बातचीतके दरमियान । -में आना-बातका बादित*-वि० जो बजाया गया हो। विश्वास कर लेना, धोखा खाना । -में उड़ाना-इधर- बादी-पु० दे० 'वादी'। वि० वातकारक, वातज । स्त्री० उधरकी बात या हँसी में टालना।
वातविकार । -पन-पु० वायुविकार; वातकारक होना। बाती*-स्त्री० बत्ती।
-बवासीर-स्त्री० बवासीरके दो भेदोंमेंसे एक जिसमें बातुल-वि० दे० 'वातुल' ।
मस्सेसे खून नही आता। बातूनी-वि० बहुत बोलनेवाला, बक्की ।
बादीगर*-पु. बाजीगर । बाथ*-पु० गोद, अंक ।
बादुर*-पु. चमगादड़-'ते विधना बादुर रचे रहे उरध बाद-अ० बेमतलब, फजल, बेकार । पु० दे० 'वाद';
मुख झूल'-साखी। बहस, हुज्जत; शत, बाजी । मु०-मेलना* --शर्त बदना।
बाध-पु० [सं०] प्रतिरोध; रोक, प्रतिबंधकष्ट, पीड़ा बाद-पु० दस्तूरी; अतिरिक्त मूल्य जो पीछे काट दिया
बाधा देनेवाला; + पूँजकी ररसी । जाता है । वि० छोड़ा हुआ । मु०-करना-देना-अलग
बाधक-पु० [सं०] बाधा करनेवाला, रुकावट डालनेवाला; कर देना, काट देना।
विघ्नकारक, कष्ट देनेवाला ।। बाद-अ० [अ० पीछे, अनंतर । -को-में-पीछे।
बाधन-पु० [सं०] बाधा डालना विरोध करना; कष्ट देना। बाद-पु० [फा०] हवा, वायु; घोड़ा। -कश-पु० छतसे
बाधना*-स० क्रि० रुकावट डालना; विघ्न करना। लटकानेका पंखा; धौंकनी। -गीर-पु० झरोखा । -
बाधा-स्त्री० [सं०] अड़चन, रुकावट, विघ्न; पीड़ा, कष्ट; नुमा-पु० वायुकी दिशा बतानेवाला आला । -बान
भय (प्रेतबाधा)। -हर-वि० बाधा दूर करनेवाला। पु० पाल।
बाधित-वि० [सं०] जिसमें रुकावट पड़ी हो; असंगत; बादना-अ० क्रि० बहस करना, झगड़ा करना; लह
ग्रस्त; आभारी। कारना।
बाध्य-वि० [सं०] पीड़ित रोका हुआ विवश । बादर-* पु० बादल।
बान-पु० बाण; एक तरहकी आतिशबाजी ऊँची लहर बादरायण-पु० [सं०] बेदांत-सूत्रके रचयिता ऋषिविशेष,
रुई धुननेका धुंबददार डंडा, मुठिया; बाध; * कांति; वेदव्यास । -संबंध-पु० बहुत दूरका, खींच-तानकर
चमक । स्त्री० सजधज; आदत । जोड़ा हुआ संबंध ।
बानइत*-पु० दे० 'बानैत'। बादल-पु० वायुमंडल में संचित और घनीभूत भाप जो
बानक*-स्त्री० बाना, भेस; एक तरहका रेशम । मेहके रूपमें धरतीपर आती है, मेध, अब्र; एक तरहका
बानगी-स्त्री० थोड़ीसी चीज जो ग्राहकको देखने के लिए दूधिया रंगका पत्थर । मु०-उठना,-चढ़ना-बादलोंका
दी जाय, नमूना। फैलना, छाना, घटा उठना।-गरजना-बादलोकसंघपसेबानना*-स०वि०बनाना । घोर ध्वनि उत्पन्न होना। -घिरना-मेघोंका छाना।
बानबे-वि० नब्बे और दी। पु० ९२ की संख्या। -छंटना,-फटना-घटाका विखरना। -में थिगली बानर-पु० दे० 'बंदर'। लगाना-कठिन काम करना । (बादलौँ)से बाते। बाना-पु० पहनावा, भेस; बुनावट; तानेमें भरा जानेवाला करना-आकाशसे बातें करना, बहुत ऊँचा होना।
आड़ा सूत; एक तरहका बारीक तागा; भाले जैसा एक बादला-पु० चाँदीका चपटा तार जो गोरा बुनने या कला | हथियार जिसका ऊपरी हिरसा दुधारी तलवारकासा बत्त बनानेके काम आता है, जरबफ्त ।
होता है; रीति, चाल, पहली जुताई; * निशान; वर्ण, बादशाह-पु० [फा०] राजा, सुलतान; सरदार; स्वतंत्र | रंग । स० क्रि० फैलाना, प्रसारित करना (मुँह बाना)। प्रकृतिका पुरुष; शतरंजका एक मुहरा; ताशका एक | बानावरी*-स्त्री० बाणावली; बाणविद्या (१)। पत्ता । -जादा-पु० बादशाहका बेटा, राजकुमार । बानि*-स्त्री० बान, आदता सजधज; चमक वचन, वाणी। बादशाहत-स्त्री० [फा०] राज्य, हुकूमत; बादशाहका बानिक*-स्त्री० भेस, बाना । पदा राजत्व ।
बानिन, बानिनि-स्त्री० बनियेकी स्त्री। बादशाही-वि० [फा०] बादशाहका राजोचित, शाहाना। बानिया-पु० दे० 'बनिया' । स्त्री० राज्य, शासन; मनमाना व्यवहार । -खर्च-पु० बानी*-स्त्री० दे० 'बाणी'; * वर्ण; चमक* वाणिज्य । शाहाना खर्च, भारी फुजूलखर्ची । -फरमान, हुक्म- *पु० बनिया। पु० राजाज्ञा।
बानैत-पु० बाना फेरनेवाला; बाण चलानेवाला; योद्ध।।
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