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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५४७ बरदशना-बचना देनेवाला (नामोंके अंतमें) बख्शिश, देन, प्रसाद (गुरु- करनेवाला। बख्श, करीमबख्दा)।-नामा-पु० दे० 'बख्शिशनामा'। बगलौहा*-वि० तिरछा। बख्शना-स० कि० देना, दान करना; क्षमा करना । बगसना*-म०क्रि० दे० 'बख्शना'। वरस्शवाना, बशाना-सक्रि० दिलाना; माफ कराना। बगा*-पु० जामा; बागा; बगला । बदिशश-स्त्री० [फा०] दान; देन; इनाम; क्षमा । बगाना-स० क्रि० घुमाना-फिराना; सैर कराना । अ० -नामा-पु० हिब्बानामा, दानपत्र । क्रि० भागना, दौड़ना; घूमना-फिरना । बरशी-पु० [फा०] तनखाह बाँटनेवाला कर्मचारी, खजांची। बगा+-पु० गायोंको बाँधनेकी जगह । बख्शीशा-स्त्री० दे० 'बख्शिश। बगारना*-स० क्रि० दे० 'बगराना' । बग-पु० बगला; 'वाग'का लधु और समासमें व्यवहृत बग़ावत-स्त्री० [अ०] बागी होना; राज-विद्रोह, विप्लव रूप । -छुट,-टुट-अ० सरपट, बेतहाशा । -मेल-अ० अराजकता, बदअमली । मु०-का झंडा उठाना या बुलंद बाग मिलाये हुए । पु० पंक्तिबद्ध होकर धावा बोलना करना-विद्रोह करना, विद्रोहकी घोषणा करना । बराबरी। बगिया-स्त्री० छोटा बाग, बाटिका । बगई।-स्त्री० एक घास जिसकी पत्तियाँ पुड़िया आदि | बगीचा-पु० बाग; छोटा बाग । बाँधने और बान बनानेके काम आती है; कुकुरमाछी। बगीची-स्त्री० छोटा बाग । बगदना-अ० क्रि० बिगड़ना; गुस्से में अंड-खंड बकना; बगला-पु० दे० 'बगला'। -भगत-वि० दे० 'बगलागिर पड़ना, लुढ़क जाना; भूलना, बहकना । भगत'। बगदहा।-वि० बिगड़नेवाला; लड़नेवाला। बगूरा*-पु० दे० 'बगूला'। बगना*-अ० कि० धूमना-फिरना; दौड़ना, भागना । बगूला-पु० [फा०] भँवरकी तरह घूमती हुई हवा, बवंडर । बगर-पु० महल; मकान सहन; गाय बाँधनेका बाड़ा। बगेदना*-स० कि० धक्का देकर गिरा देना, हटा देना। * स्त्री० दे० 'बग़ल'। बगेरी-स्त्री० गौरैयासे मिलती-जुलती एक छोटी चिड़िया, बगरना-अ० क्रि० फैलना, बिखरना । भरद्वाज । बगराना*-स० वि० बखरना, फैलाना । अ० क्रि० बग्गी, बग्घी-स्त्री० चार पहियेकी घोड़ा-गाड़ी, जोड़ी। फैलना, बिग्घरना। बघंबर-पु० दे० 'वाधंबर' । बगरी*--स्त्री० बखरी, मकान । बघ-पु० बाघ'का समासमें आनेवाला लघु रूप ।-छालाबगरूरा-पु० बगूला, बवंडर । पु० दे० 'बाघंबर'। -नला-पु० उँगलीमें पहननेका बग़ल-स्त्री० [फा०] मोके नीचेका गढ़ा, काँख; पहलू , एक हथियार जिसमें बाघके नखकी शकलके काँटे निकले पाव; समीपवर्ती स्थान; कपड़ेका टुकड़ा जो अँगरखे-कुरते होते हैं, शेरपंजा; बच्चोंको पहनानेका एक गहना। आदि में कंधेकनीचे लगाया जाता है, बगली। -बंदी- -नहाँ*-पु० दे० 'बधनखा। -नहियाँ*-स्त्री० दे० स्त्री० एक मिरजई जिसमें बगलमें बंद बाँधे जाते हैं। 'बघनखा'। -बार-पु० बाधकी मूंछका बाल । -का फोड़ा-काँखमें होनेवाला फोड़ा, कँखौरी । -का बधना*--पु. एक गहना जिसमें बाघ नख लगे होते हैं। घुसा-दे० 'बराली धूसा'। -मैं-पासमें, एक ओर । बघरूरा-पु० दे० 'बगूला'। मु०-गरम करना-(स्त्रीका) साथ सोना, बगल में सोना। बघार-पु० बघारनेकी क्रिया; वह चीज या मसाला जी -म ईमान दबाना-बेइमानी करना, ईमान छोड़कर | वधारनेके काममें लाया जाय, छौंक; बघारकी गंध । बोलना ।-में दबाना, मे दाबना-काँख में छिपा लेना; बघारना-स० क्रि० हींग, जीरा, प्याज आदि धीमें कड़कब्ज में कर लेना। (बग़ले)झाँकना-निरुत्तर होना; कड़ाकर दाल, तरकारी आदिमें डालना, छौंकना, तड़का बचावका रास्ता ढूँढ़ना ।-बजाना-बगल में हथेली दबाकर देना; पांडित्य दिखानेके लिए किसी विषयकी चर्चा करना, आवाज निकालना; अति प्रसन्नता प्रकट करना। छाँटना (वेदांत बघारना)। बगला-पु. एक पक्षी जो मछलियों आदिका शिकार बघूरा*-पु० दे० 'बगूला' । करता और जो अपनी कपटवृत्तिके लिए प्रसिद्ध है, बक। बघेलखंड-पु० मध्यभारतका एक प्रदेश जिसमें रीवा, मैहर -भगत-वि० साधुका ढोंग कर दुनियाको ठगनेवाला, आदि शामिल हैं। पाखंडी। बच-स्त्री० एक पौधा जिसकी जड़ दवाके काम आती है। बगला, बगलामुखी-स्त्री० दे० 'वगला'। * पु० दे० 'वचन'। बगलियाना-अ०क्रि० बगलसे होकर जाना, अलग हटकर बचका-पु० आलू , लौकी आदिका पतला, चिपटा, लंबा जाना । स० कि० अलग करना, बगलभं करना । टुकड़ा जिसपर बेसन लपेटकर घी या तेल में तलते हैं। बग़ली-वि० [फा०] बगलका, एक ओरका । स्त्री० अंगरखे बचकाना-वि० बच्चोंके लायक; बच्चोंकी नापका, छोटा । आदि में कंधेके नीचे लगाया जानेवाला टुकड़ा; वह थैली बचत-स्त्री० बचनेका भाव, बचाव; जो खर्चसे वच जाय, जिसमें दी सुई, तागा रखते है। बगल में रखनेका तकिया बची हुई चीज, रकम लाभ, नफा । दरवाजेकी बगल में मारी जानेवाली सेंध; मुगदरकी एक बचन-पु० दे० 'वचन'। कसरत । -घूसा-पु० बगलसे मारा जानेवाला घुसा; बचना-अ० कि० बाकी रहना, खर्चसे उबरना; रक्षा, छिपकर किया जानेवाला वार; दोस्त बनकर दुश्मनी बचाव होना (खतरे, बिपत, सांघातिक रोग आदिसे); ३५ For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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