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प्रजल्पित - वि० [सं०] कहा हुआ । पु० जो बात कही गयी हो; वार्तालाप |
प्रजवन - वि० [सं०] वेगवान्, तीव्र गतिवाला, तेज । जी (वि) - वि० [सं०] अधिक वेगवाला, वेगवान् ; तेज । पु० दूत, हरकारा ।
प्रजांतक - पु० [सं०] यम ।
प्रजा - स्त्री० [सं०] प्रजनन; संतति, औलाद, शुक्र, वीर्य, प्राणी; किसी राजा द्वारा शासित जनता, किसी राज्य या राष्ट्रकी जनता । - काम - वि० संतान चाहनेवाला, संतानेच्छु । पु० संतानकी कामना । - कार - पु० प्रजा उत्पन्न करनेवाला, सृष्टिकर्ता, ब्रह्मा । -क्षोभ - पु० ( इन सरजेंसी) राजसत्ता के विरुद्ध प्रजामें व्याप्त क्षोभया विद्रोह की भावना । - गुप्ति-स्त्री० प्रजाकी रक्षा । - तंतु-पु० वंशपरंपरा; वंश, संतान । तंत्र- पु० प्रजा या प्रजाके प्रतिनिधियों द्वारा परिचालित शासन व्यवस्था । वि० प्रजा या प्रजाके प्रतिनिधियों द्वारा परिचालित (शासनव्यवस्था ) । - तीर्थ - पु० जन्मका शुभ काल | -दानपु० संतानोत्पत्ति; चाँदी । -नाथ- पु० ब्रह्मा; मनु; दक्ष; राजा । - पति-पु० सृष्टिका रचयिता, सृष्टिका अधि छाता देवता, सृष्टिकर्ता, ब्रह्मा; दक्ष आदि दस लोककर्ता जिन्हें ब्रह्माने सृष्टिके आदि में उत्पन्न किया था; विश्वकर्माः सूर्य; अग्निः विष्णु; यज्ञ; राजा; जामाता; पिता, जनक; लिंगेंद्रिय । - पाल, -पालक - पु० राजा । - पालन - पु० प्रजाका पालन । - वृद्धि - स्त्री० संतानकी बढ़ती, संतानकी बहुलता । - व्यापार - पु० प्रजाकी देखभाल, प्रजाका हितचिंतन |- सत्ता-स्त्री० दे० 'प्रजातंत्र' । -सत्ताक, - सत्तात्मक - वि० ( शासन व्यवस्था) जिसमें शासन-सूत्र प्रजा या उसके प्रतिनिधियों के हाथमें हो ।
प्रजाता - स्त्री० [सं०] प्रसूता स्त्री । प्रजाति - स्त्री० [सं०] प्रजा, संतान, संतान उत्पन्न करना प्रजनन; प्रजनन शक्ति; पौत्रकी उत्पत्ति ।-गत भेदभाव पु० (रेशियल डिस्क्रिमिनेशन) एक प्रजातिको अन्य प्रजातियंसि श्रेष्ठ मानकर उनमें भेदभाव करना, भिन्न-भिन्न प्रजातियोंके प्रति समानताकी नीति न बरतकर उनमें अंतर करना । - संहार - पु० (जेनोसाइड) किसी देशकी सरकार द्वारा एक सुनियोजित नीतिके अनुसार राज्यसीमा के भीतर रहनेवाली किसी अल्पसंख्यक जाति या वर्ग के विनाशका कार्य ।
प्रजारना * - स० क्रि० भली भाँति या पूरी तरह जलाना; उद्दीप्त करना ।
प्रजावती स्त्री० [सं०] भाईकी स्त्री; बड़े भाई की स्त्री । वि० स्त्री० गर्भवती; संतानवाली ।
प्रजुरना* - अ० क्रि० प्रज्वलित होना; प्रकाशित होना । प्रजुरित, प्रजुलित * - वि० दे० 'प्रज्वलित' ।
प्रजेश, प्रजेश्वर - पु० [सं०] प्रजापति; राजा । प्रजोग* - पु० दे० 'प्रयोग' |
प्रजल्पित-प्रणाशी
भाव, सूचना; बुद्धि; संकेत, इशारा; प्रतिज्ञा, कौल । प्रज्ञा स्त्री० [सं०] बुद्धि, विवेक, समझ; मति; सरस्वती । - चक्षु (स् ) - पु० बुद्धिरूपी नेत्र; धृतराष्ट्र | वि० अंधा (जिसके लिए उसकी बुद्धि ही आँखका काम देती है); बुद्धिमान् । - वृद्ध - वि० जो बुद्धिमें बढ़ा-चढ़ा हो, अधिक बुद्धिमान्, ज्ञान-वृद्ध । - हीन - वि०निर्बुद्धि, मूर्ख । प्रज्ञात- वि० [सं०] अच्छी तरह जाना हुआ; स्पष्ट; विवेचित; प्रसिद्ध ख्यात, विश्रत । प्रज्ञापन- पु० [सं०] जताना, सूचित करना । प्रज्ञावान् ( वत् ) - वि० [सं०] चतुर, बुद्धिमान् । प्रज्वलन - पु० [सं०] दहकना, जोरसे जलना । प्रज्वलित वि० [सं०] जलता हुआ, बलता हुआ; जला हुआ, दहका हुआ; चमकीला ।
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प्रण- पु० दृढ़ निश्चय, पण, प्रतिज्ञा । प्रणत- वि० [सं०] विशेष रूपसे झुका हुआ; जो प्रणाम कर रहा हो; विनीत, नम्रः शरणागत । काय - वि० जिसका शरीर झुका हो । - पाल, पालक- पु० शरणागतकी रक्षा करनेवाला ।
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प्रणति - स्त्री० [सं०] झुकनेकी क्रिया या भाव; प्रणाम विनय, नम्रता; शरण में जाना, शरणागति । प्रणदन-पु० [सं०] जोरकी आवाज, गर्जन । प्रणमन - पु० [सं०] झुकना; प्रणाम करना । प्रणमना - * स० क्रि० प्रणाम करना । प्रणम्य - वि० [सं०] प्रणाम करने योग्य, वंध
प्रणय-पु० [सं०] प्रेम, प्रीतिः प्रीतियुक्त प्रार्थना; विश्वास । - कलह - पु० नायक और नायिकाका आपसी झगड़ा या प्रीतिभंग; नायक-नायिकाका एक दूसरेसे रूठ जाना । - कुपित्त - वि० जो प्रणय- कलहके कारण रूठ गया हो, प्रणय- कलह से रूठा हुआ । - कोप- पु० नायिकाका नायक से रूठ जाना, मान। -भंग - पु० मैत्री न रहना; विश्वासघात । - वचन-पु० प्रेमपूर्ण वचन । - विमुख - वि० प्रेम या मैत्रीकी ओर जिसकी प्रवृत्ति न हो । प्रणयन- पु० [सं०] लाना; ले जाना; निबद्ध करना, लिखना; रचना; निर्माण; वितरण; (दंड) देना, लगाना । प्रणयिनी - स्त्री० [सं०] प्रेम करनेवाली, प्रेमिका; कांता । प्रणयी ( यिन् ) - वि० [सं०] प्रेम करनेवाला, अनुरागी, प्रणययुक्त; चाहनेवाला, इच्छुकः घनिष्ठ (संबंध ) । पु० मित्र; प्रेमी; पति; प्राथी; सेवक; उपासक । प्रणव- पु० [सं०] ओंकार; परमेश्वर; ढोल । प्रणवना* - स० क्रि० प्रणाम करना । प्रणष्ट - वि० [सं०] जो लुप्त हो गया हो; विनष्ट; मृत । प्रणाम - पु० [सं०] झुकना, नत होना; अपनी लघुता या विनय सूचित करने के लिए किसीके सामने झुकने, हाथ जोड़ने आदिका कार्य, नमस्कार, अभिवादन । प्रणामांजलि - स्त्री० [सं०] हाथ जोड़कर किया जानेवाला प्रणाम, करबद्ध प्रणाम ।
प्रज्ञ - वि० [सं०] प्रकृष्ट बुद्धिवाला, बुद्धिमान्, विद्वान् । प्रणाली - स्त्री० [सं०] पानी बहनेका कृत्रिम नाला, परपु० बुद्धिमान् मनुष्य; पंडित, विद्वान् । नाला परंपरा, प्रथा; दो बड़े जलमार्गोंको मिलानेवाला छोटा जलमार्ग; रीति, ढंग (हिं०) ।
प्रज्ञता - स्त्री० [सं०] बुद्धिमत्ता, विद्वत्ता ।
प्रज्ञप्ति - स्त्री० [सं०] जनाने या ज्ञात करानेकी क्रिया या प्रणाशी (शिन्) - वि० [सं०] नाश करनेवाला |
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