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प्रणिधान-प्रतिज्ञा
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प्रणिधान-पु० [सं०] रखना, रखा जाना; व्यवहार, | प्रतिकूल-वि० [सं०] विरूद्ध पक्षका अवलंबन करनेवाला; उपयोग; अभिनिवेश, आग्रह एक प्रकारकी समाधि (योग); जो अनुकूल न हो, विपरीत, विरुद्ध । -कारी(रिन्), भक्तिविशेष; अर्पण; चित्तकी एकाग्रता ।
-कृत,-चारी(रिन)-वि. विरुद्ध आचरण करने प्रणिधि-पु० [सं०] भेद लेना विशेष कार्यसे भेजा जाने- वाला, विरोधी। वाला दूत; गुप्त रूपसे काम करनेवाला दूत या एजेंट | प्रतिकूलिक-वि० [सं०] विरोधी, शत्रुता रखनेवाला। (सीक्रेट एजेंट)।
ग्रतिकृत-वि० [सं०] जिसका प्रतिकार या प्रतिशोध किया प्रणिपतन, प्रणिपात-पु० [सं०] प्रणाम करना; चरणोपर गया हो। पु० प्रतिकार, विरोध । गिरना।
प्रतिकृति-स्त्री० [सं०] प्रतिरूप, प्रतिमा बदला, प्रतिकार; प्रणीत-वि० [सं०] बनाया हुआ, निर्मित, रचा हुआ; सादृश्य, प्रतिबिंब प्रतिनिधि ।
सादृश्य, प्रतिाबब; प्राता निबद्ध; फेंका हुआ; अलग किया हुआ; प्रिया लाया प्रातक्रम-पु० [स] उल
प्रतिक्रम-पु० [सं०] उलटा क्रम । हुआ; प्रवेशित; विहित ।
प्रतिक्रिया-स्त्री० [सं०] दे० 'प्रतिकार'; किसी कार्यके प्रणेता(7)-पु० [सं०] पथप्रदर्शन करनेवाला, नेता;
परिणामके रूप में या विरोधमें होनेवाला कार्य; (रिऐक्शन) बनानेवाला, निर्माता; ग्रंथका रचयिता ।
सुधार, उन्नति या क्रांतिके विरुद्ध होनेवाली क्रिया या प्रणोदित-वि० [सं०] जिसे प्रेरणा की गयी हो, प्रेरित । गति । -वादी(दिन)-पु० (रिऐक्शनरी) वह जो प्रतंचा*-स्त्री० रोदा, धनुष्की डोरी।
उन्नति या क्रांतिका विरोधी हो। प्रतक्ष*-वि० दे० 'प्रत्यक्ष' ।
प्रतिक्रियात्मक सहयोग-पु० [सं०] (रेस्पांसिव कोऑपप्रतच्छ*-वि० दे० 'प्रत्यक्ष।
रेशन) सहयोगके जवाबमें या उसके प्रतिक्रियास्वरूप किया प्रतति-स्त्री० [सं०] विस्तार; लता, वल्ली।
जानेवाला सहयोग। . प्रतनु-वि० [सं०] अति क्षीण; अति सूक्ष्म; बहुत पतला प्रतिक्षण-अ० [सं०] प्रत्येक क्षणमें, हरदम, निरंतर । अत्यल्प; तुच्छ।
प्रतिक्षेपक-पु० [सं०] दे० प्रकाश परावर्तक' (रीफ्लेक्टर) । प्रतप्त-वि० [सं०] विशेष रूपसे तपाया हुआ; पीड़ित ।। प्रतिगमन-पु० [सं०] लौटना। प्रतान-पु० [सं०] फैलाव, विस्तार; लता; लतातंतु ।
प्रतिगृहीत-वि० [सं०] ग्रहण किया हुआ; अंगीकार किया प्रताप-पु० [सं०] राजाका कोष, दंड-जनित तेज; वीरता हुआ; ब्याहा हुआ।
प्रभुत्व, पराक्रम आदिका आतंक फैलानेवाला प्रभाव । प्रतिग्या*-स्त्री० दे० 'प्रतिज्ञा'। प्रतापवान्(वत्)-वि० [सं०] प्रतापी; तेजस्वी । प्रतिग्रह-पु० [सं०] ग्रहण करना, स्वीकार करना; विधिप्रतापी(पिन)-वि० [सं०] प्रतापवाला; दुःख देनेवाला।
पूर्वक दान की जानेवाली वस्तुको स्वीकार करना; दान प्रतारक-पु० [सं०] वंचक, ठग; धूर्त ।
लेना जो ब्राह्मणोंके ६ कर्मोंके अंतर्गत है; लेनेवाला; प्रतारण-पु० [सं०] वंचना, ठगी ।
उपहार, भेट; पत्नीके रूप में ग्रहण करना, ब्याहना; सेनाप्रतारणा-स्त्री० [सं०] दे० 'प्रतारण'।
का पिछला भाग। प्रतारित-वि० [सं०] जो ठगा गया हो, वंचित । प्रतिग्रहण-पु० [सं०] स्वीकार करना; दान लेना; पत्नीके प्रतिंचा-स्त्री० दे० 'प्रत्यंचा' ।
रूपमें ग्रहण करना, ब्याहनाः (एटैचमेंट) जुरमाने, ऋणकी प्रति-स्त्री० नकल; बहुतसी पुस्तकों आदिमेंसे एक, अदद
रकम आदिके बदले में न्यायालयके आदेशसे किसीकी (जैसे-इस पुस्तकी सभी प्रतियाँ बिक गयी)। उप० [सं०]
संपत्ति आदिपर अधिकार कर लेना। एक उपसर्ग जो शब्दोंके पहले आकर विरोध, विपरीतता प्रतिग्रही(हिन)-वि०, पु० [सं०] दान लेनेवाला। (प्रतिकार, प्रतिबल), बदला (प्रतिदान, प्रतिफल), वीप्सा प्रतिग्रहीता(7)-पु० [सं०] दान लेनेवाला; पति । (प्रतिदिन, प्रतिगृह), सादृश्य (प्रतिदेवता, प्रतिमूर्ति), प्रतिग्राहक, प्रतिग्राही(हिन्)-वि०, पु० [सं०] दान सामना, साम्मुख्य (प्रत्यक्ष), खंडन (प्रतिवाद), मुकाबला, लेनेवाला; (रिसीहर) झगड़े में पड़ी हुई संपत्तिसे या जो जोड़ (प्रतिभट) आदिका द्योतन करता है । अ० ओर, व्यक्ति दिवालिया हो गया हो उसकी संपत्तिसे होनेवाली तरफ; संबंधमें, विषयगे; मुकाबले में।
आमदनी लेने और उसकी निगरानी करनेवाला अधिकारी। प्रतिकर-पु० [सं०] विस्तीर्ण होनेका भाव, विस्तीर्णता; प्रतिग्राह्य-वि० [सं०] ग्रहण करने योग्य, स्वीकार करने प्रतिशोध; (कंपेनसेशन) जिस भूमि, संपत्ति आदिपर अधि
योग्य। कार कर लिया गया हो उसके बदले में, मुआवजेकी तरह, ग्रतिघात-पु० [सं०] निवारण; आघातके बदले किया दी जानेवाली रकम, क्षतिपूर्ति, हरजाना।
| गया आघात; मारण, वध; रुकावट, बाधा। प्रतिकर्ता(त)-वि०, पु० [सं०] अपकारका बदला लेने- प्रतिघातक-वि०, पु० [सं०] प्रतिघात करनेवाला। वाला, प्रत्यपकारका प्रतिकार करनेवाला ।
प्रतिच्छा*-स्त्री० दे० 'प्रतीक्षा'। ' प्रतिकार-पु० [सं०] वैर निकालना, बदला चुकाना; वह प्रतिच्छाया-स्त्री० [सं०] प्रतिरूप; प्रतिमा प्रतिबिंब, परछाई। अपकार जो किसी अपकारके बदले किया जाय चिकित्सा, प्रतिच्छेद-पु० [सं०] बाधा, विरोध; प्रतिरोध । इलाज; किसी बातके जवाबमें किया जानेवाला कार्य । प्रतिछाँई, प्रतिछाँह, प्रतिछाँही-स्त्री० परछाई, प्रतिबिंब । प्रतिकारक-वि०, पु० [सं०] प्रतिकार करनेवाला। प्रतिजिह्वा, प्रतिजिबिका-स्त्री० [सं०] गलेके भीतरकीघंटी। प्रतिकारी(रिन)-वि०,पु० [सं०] प्रतिकार करनेवाला। प्रतिज्ञा-स्त्री० [सं०] किसी कार्यको करने-न करने आदिका
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