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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिलवाना-दिसा ३५८ उत्साहित होना, जोश आना। -बढ़ाना-उत्साहित * स्त्री० मर्यादा-'दिल्ली दल दाविकै दिवान राखी करना, जोश दिलाना । -बैठा जाना-व्याकुल होना; दुनीमें-भू० । बेहोश होना। -भर आना-करुणा आदिसे विचलित | दिवाना*-वि० दे० 'दीवाना' ।*सक्रिदे० 'दिलाना' । होना। -मिलना-दे० 'मन मिलना'। -में आना- दिवाभिसारिका-स्त्री० [सं०] दिनमें अभिसार करनेवाली इच्छा होना, विचारमें आना। -में गाँठ या गिरह | नायिका। पड़ना-द्वष होना; फूट पैदा होना। -में घर करना, दिवारी-स्त्री० दे० 'दीवार' । -में जगह करना-किसी बातका हृदयमें अच्छी तरह | दिवारी*-स्त्री० दे० 'दीवाली' । जम जाना । -में फफोले पड़ना-बहुत अधिक मानसिक दिवाला-स्त्री० दे० 'दीवार' । कष्ट होना। -में फर्क आना-मनमोटाव होना ।-मैला दिवाला-पु० अर्थहीनताकी वह दशा जिसमें कोई व्यक्ति करना-दे० 'मन मैला करना। -लगना-दे० 'जी अथवा संस्था अपना ऋण न चुका सके; सर्वथा अभाव लगना'-लगाना-दे० 'जी लगाना' ।-से उतरना- हो जाना। स्नेह या श्रद्धाका पात्र न रह जाना । -से दूर करना- दिवालिया-वि० जिसके पास अपना ऋण चुकानेके लिए भुला देना। -हट जाना-मन फिर जाना। कुछ न रह गया हो, जिसका दिवाला निकला हो । दिलवाना-स० क्रि० दे० 'दिलाना' । | दिवाली-स्त्री० दे० 'दीवाली' । दिलवैया-पु० दिलानेवाला। दिवैया-पु० देनेवाला। दिलाना-स० क्रि० देनेका काम दूसरेसे कराना। दिवौका(कस्)-पु० [सं०] स्वर्ग में निवास करनेवाला; दिलावर-वि० [फा०] साहसी, हिम्मती, बहादुर, दिलेर। देवता; चातक पक्षी । दिलावरी-स्त्री० [फा०] दिलावर होनेका गुण, बहादुरी। दिव-पु० [सं०] स्वर्ग; आकाश; दिन प्रकाश चमक । दिलासा-पु० आश्वासन, सांत्वना, धीरज । दिव्य-वि० [सं०] स्वर्ग-संबंधी; स्वगीय; आकाशीयः दिली-वि० [फा०] जिससे किसी प्रकारका भेदभाव न हो, अलौकिक देवोचित; चमकीला, दीप्तियुक्त; अतिसुंदर, अभिन्न हार्दिक । भव्य, बढ़िया। पु० आकाशमें होनेवाला उत्पात-विशेष दिलेर-वि० [फा०] साहसी, जीवटवाला, जवाँमर्द । एक परीक्षा जिससे प्राचीन काल में अपराधीकी सदोषता दिलेरी-स्त्री० [फा०] हिम्मत बहादुरी । या निर्दोषताका निर्णय करते थे। -क्रिया-स्त्री० दिव्य दिल्लगी-स्त्री० हँसी, परिहास, मजाक । -बाज़-वि०, परीक्षा लेनेका कार्य । -चक्षु(स)-वि० दिव्य नेत्रोंपु० हँसी-परिहास करनेवाला, मसखरा । वाला; सुंदर आँखोंवाला; अंधा। पु० दिव्य दृष्टि; बंदर । दिल्ला-पु० किनारोंकी ओर कुछ ढालुआँ गढ़ा हुआ -दर्शी(शिन्)-वि० अलौकिक पदार्थोंका द्रष्टा । लकड़ीका चौकोर टुकड़ा जिसे शीशेके किवाड़ या खिड़कीके -दृष्टि-स्त्री० दे० 'दिव्यचक्षु'।-नदी-स्त्री० मंदाकिनी। पल्लेमें शोभाके लिए जड़ देते हैं। -नारी-स्त्री. अप्सरा देववधू । -सरित्-स्त्री० दिल्लीवाल-वि० दिल्लीका; दिल्लीका बना हुआ। पु० मंदाकिनी। दिल्लीका निवासी एक विशेष प्रकारका जूता। दिव्यांगना-स्त्री० [सं०] अप्सरा; देववधू । दिवंगत-वि० [सं०] स्वर्गगत । दिव्या-स्त्री० [सं०] लोकोत्तर गुणोंसे युक्त नायिका; हरीदिव-पु० [सं०] स्वर्ग; आकाश; दिन; वन । -राज तकी; वंध्या कर्कोटकी; शतावरी; महामेदा; ब्राझी । पु० इंद्र। दिव्यादिव्य-पु० [सं०] तीन प्रकारके नायकोंमेंसे एक, दिवस-पु० [सं०] दिन, वार, रोज। -अंध*-पु० दे० वह नायक जिसमें लोकोत्तर गुण भी हों, जैसे-नल आदि । "दिवांध' । -कर,-नाथ-पु० सूर्य मदार । -मणि- दिव्यादिव्या-स्त्री० [सं०] नायिकाओंका एक भेद, वह पु० सूर्य । -मुख-पु० प्रभात, सुबह । -मुद्रा-स्त्री० नायिकाजिसमलाकात्तर गुण भाहा, जस-दमयता आद। दिनभरकी मजदूरी, एक दिनका पारिश्रमिक । दिव्यास्त्र-पु० [सं०] मंत्र-शक्तिसे चलाये जानेवाले अस्त्र । दिवसेश, दिवसेश्वर-पु० [सं०] सूर्य । दिव्योदक-पु० [सं०] वर्षाका जल । दिवस्पति-पु० [सं०] इंद्र। दिशा-स्त्री० [सं०] ओर, तरफ; क्षितिज-मंडलके चार दिवांध-पु० [सं०] उल्लू । वि०जिसे दिनमें दिखाई न दे। कल्पित भागों-पूर्व, पश्चिम आदि-मेंसे कोई एक दसकी दिवा-+ पु० दीया, चिराग; [सं०] दिन, वार; एक संख्या। -गज-पु० दिग्गज । -पाल-पु० दिक्पाल । वर्णवृत्त । -कर-पु० सूर्य; मदार; कौआ; सूर्यमुखी -भ्रम-पु० दिशा भूल जाना, दिग्भ्रम । -शूल-पु० नामका फूल । -चर-पु० चांडाल; एक पक्षी, श्यामा।| दे० 'दिक्-शूल'। -सूल*-पु० दे० 'दिक्-शूल'। -चारी(रिन)-पु० दिनमें संचरण करनेवाला प्राणी। दिश्य-वि० [सं०] दिशासंबंधी; दिशाविशेषमें होनेवाला। -भीत-भीति-पु० उल्लू ; रातमें खिलनेवाला एक दिष्टि-स्त्री० [सं०] भाग्य; सौभाग प्रकारका कमल; चोर । -मणि-पु० सूर्य । -मध्य-पु० | दिसंतर-पु० देशांतर, विदेश । अ० बहुत दूरतक । मध्याह्न, दोपहर । -रात्र-अ०दिन-रात । -स्वम-पु० | दिस*-स्त्री० दे० 'दिशा'। दिनको सोना, दिवसनिद्रा; मनोराज्य, हवाई किला। दिसना*-अ० क्रि० दे० 'दिखना' । मु०-स्वप्न देखना-हवाई किले बनाना। दिसा -स्त्री० दे० 'दिशा'; मलत्याग ।-दाह*-पु० दे० दिधान-पु० दे० 'दीवान'; राजाका छोटा भाई; समूह। दिग्दाह'। -सूल*-पु० दे० 'दिक्-शूल'। For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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