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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९५ खेटक-खैराती खेटक-पु० [सं०] छोटा गाँव, खेड़ा; ढाल; बलरामकी लंबी कुदान, शतरंज, टेनिस आदिमें भाग लेनेवाले कुशल गदा; * आखेट, शिकार । खेलाड़ियों या व्यक्तियोंके बीच होनेवाली प्रतियोगिता। खेटकी-पु० भड़ेरिया, ज्योतिषी शिकारी । खेलना-अ० क्रि० मनबहलावके लिए या चित्तके उल्लाससे खेड़ा-पु० छोटा गाँव । -पति-पु० गाँवका मुखिया। दौड़ना, नाचना, उछलना-कूदना, क्रीड़ा करना; कामखेड़ी-स्त्री० एक तरहका इसपात; आँवल । केलि करना; अभुआना; * चला जाना; बिचरना। स० खेत-पु० जमीनका टुकड़ा जो जोता-बोया जाय या जा क्रि० कोई खास खेल (ताश, शतरंज, जुआ आदि) खेलना, सके, क्षेत्र खेतमें खड़ी फसल (ला०); घोड़े-बैल आदिकी अभिनय करना। किसी जातिका उत्पत्तिस्थान, नस्ल; रणक्षेत्र; तलवारका खेलवाड़-पु० खेल, क्रीड़ा। फल । मु०-आना-वीरगति प्राप्त करना ।-कमाना- खेलवाड़ी-वि० खेल-कूद में अधिक रुचि रखनेवाला (लड़का)। जुताई, खाद आदिसे खेतको उपजाऊ बनाना ।-करना- खेलवार*-पु० खेल करनेवाला, खिलाड़ी खेल । चाँद उगते समय चाँदनीका फैलना; युद्ध करना; * सम- खेला-स्त्री० [सं०] खेल,क्रीड़ा मनबहलाव (साकेत २४३)। थल करना। -छोड़ना-पीठ दिखलाना। -पर चढ़े खेलाड़ी-वि० दे० 'खिलाड़ी'। किसानी-योग्यताका पता काम पड़नेपर लगता है। | खेलाधार-पु० (प्ले-ग्राउंड) विद्यालय आदिसे संबद्ध वह -रहना,-होना-युद्ध में मारा जाना । मैदान जहाँ हाकी, गेंद-बला आदि खेलनेकी व्यवस्था हो । खेतिहर-पु० किसान, खेती करनेवाला । खेलाना-स० क्रि० खेलमें प्रवृत्त या शामिल करना; खेती-स्त्री० खेत जोतने-बोनेका काम, किसानी; बोआई, खेलनेका अवसर देना; (बच्चेको) बहलाना; शिकारको काश्त; फसल । -बारी-स्त्री० किसानी, कृषिकर्म। थकाने या क्रीड़ाके लिए दौड़ाना, नचाना; उलझाये खेद-पु० [सं०] दुःख, रंज; उदासी, ग्लानि; थकावट रखना। व्यथा। -जनक-वि० खेद देनेवाला; शोचनीय । खेलार*-पु० खिलाड़ी। खेदना*-स० क्रि० शिकारका पीछा करना; दे० 'खदेड़ना'। खेलौना-पु० दे० 'खिलौना' । खेदा-पु० किसी जंगली जानवरको घेरकर शिकारकी जगह खेवक*-पु० खेनेवाला; केवट । ले जाना, हकवा आखेट । खेवट-पु० पटवारीका एक कागज या बही जिसमें गाँवके खेना-स० क्रि० नाव चलाने के लिए डाँड़ मारना; बिताना। हर जमींदार या पट्टीदारके हिस्से, मालगुजारी आदिका खेप-स्त्री० उतना माल, बोझ जितना एक बार में ढोया जा ब्योरा रहता है; * खेनेवाला; केवट । -दार-पु० सके; एक बारका बोझा बोझ ढोनेवाले (आदमी, चौपाये, पट्टीदार। गाड़ी आदि) का एक बार आना-जाना, एक फेरा। खेवटिया*-पु० मलाह, केवट । खेपना-स० क्रि० बिताना; बिदा करना । खेवनहार-पु० खेनेवाला; पार लगानेवाला। खेम -पु० दे० 'क्षेम'। खेवना-स० क्रि० दे० 'खेना' । खेमटा-पु० एक ताल; उस तालपर गाया जानेवाला गीत। खेवरिया-पु० खेनेवाला । खेमा-पु० डेरा, तंबू । खेवा-पु० नाव खेनेकी उजरत, नावका भाड़ा, उतराई; खेरा*-पु० दे० 'खेड़ा। नावकी खेप; बार; * बोझ-लदी नाव । खेरोरा*-पु० एक तरहका लड्डू, बँडीरा । खेवाई-स्त्री० खेनेका काम; खेनेकी उजरत । मु०-भी खेल-वि० [सं०] क्रीड़ाशील । पु० [हिं०] मनबहलाव और बह भी जाना-पैसे देकर बेवकूफ बनना। या व्यायामके लिए या केवल चित्तके उल्लाससे किया खेवैया-पु० नाव खेकर पार ले जानेवाला व्यक्ति । जानेवाला काम, चेष्टा; क्रीड़ा; वाजी करतब, तमाशा, खेस-पु० एक तरहकी मोटे सूतकी बुनी चादर । अभिनय लीला; चाल, कारसाजीका काम; बहुत आसान | खेसारी-स्त्री० केरावकी जातिका एक कदन्न । काम; कामकेलि । -पंच-पु० (अंपायर) खेलों में, विशेष- खेह-स्त्री० धूल; राख । मु०-खाना-दुर्दशाग्रस्त होना। कर क्रिकेट आदिमें, विवाद उत्पन्न होने पर अभिनिर्णय खेहर*-स्त्री० दे० 'खेह'। करनेवाला व्यक्ति; (रेफरी) फुटबाल, हाकी आदिमें खंचना-स० क्रि० दे० 'खाँचना । पंचका काम करनेवाला । -मध्यस्थ-पु० (रेफरी) गेंद- खैर-पु० बबूलकी जातिका एक पेड़ जिसकी लड़की उबालबल्ला आदिके खेलमें खेलाड़ियोंके दोनों दलोंके खेलका कर कत्था बनाते हैं, खदिर, कत्था ।-सार-पु० कत्था। निरीक्षण करने तथा विवाद या मतभेद उत्पन्न होनेपर खैर-स्त्री० [अ०] भलाई; कुशल, सलामती । अ० अच्छा; पंच या निर्णायकका काम करनेवाला, अभिनिर्णायक । अस्तु । -खाह-वि० दे० 'खर.ख्वाह'। -स्वाह-वि० मु०-करना-किसी कामको तुच्छ समझकर हँसीमें खर, भलाई, चाहनेवाला, हितचिंतक । उड़ाना। -के दिन-खेलने-खानेके दिन, लड़कपन खैरलोभैर(ल)*-पु० खलबली, हलचल; शोरगुल । -खेलना-चाल चलना । -खेलाना-तंग, हैरान खैरा-वि० कत्थई । पु० कत्थई रंगका कबूतर या घोड़ा। करना । -समझना-बहुत आसान समझना। -बिग- खैरात-स्त्री० [फा०] ('खर'का बहुक्चन) पुण्यकर्म, दानड़ना-काम बिगड़ना। पुण्य । -खाना-पु० लंगरखाना, अन्नसत्र । खेलक*-पु० खेलनेवाला, खेलाड़ी। खेराती-वि० [फा०] खैरातका, धर्मार्थ संचालित; मुफ्तमें खेलनप्रतियोगिता-पु० [सं०] (टूर्नामेंट ) ऊँची कुदान, मिला हुआ। -अस्पताल, दवाखाना-पु०. वह दवा For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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