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खात-खार खात-पु० [सं०] खोदना; तालाब; कुआँ गड्ढा, खाई। खानक-पु० [सं०] खोदनेवाला; खान खोदनेवाला। वि० खोदा हुआ।
खानगाह-पु० [फा०] मठ, दरगाह । खातमा-पु० [अ०] अंत; मृत्यु; पुस्तकका अंतिम अध्याय । खानगी-वि० [फा०] घरका, घरेलू , निजी, जाती। खाता-स्त्री० [सं०] तालाब । पु० [हिं०] वह बही जिसमें खानदान-पु० [फा०] घराना, कुल; कुटुंब । हर एक ग्राहक, असामी आदिका अलग-अलग हिसाब खानदानी-वि० [फा०] कुलक्रमागत, पैतृक ऊँचे कुलका, लिखा जाय; लेखा, हिसाब; मद्द बखार । मु०-खोलना, कुलीन। -डालना--किसीसे लेन-देन आरंभ करना। -(ते)में | खाना-स० क्रि० ठोस आहारको चबाकर निगलना, भक्षण पड़ना-किसीके नाम, किसीके हिसाबमें लिखा जाना करना; निगलना; मारकर भक्षण करना (हिस्र जंतुओंका); पक्की बही में लिखा जाना।
चूसना, चबाना (पान, गड़ेरियाँ); चाट जाना (कीड़ों खातिर-स्त्री० [अ०] मन, दिल; ध्यान, खयाल; आदर, आदिका); खर्च करना; नष्ट करना; कमजोर, खोखला लिहाजा सत्कार, आवभगत; इच्छा, मरजी । अ० वास्ते, करना; काटना; सहना, अंगेजना; लगने, पड़ने देना (धूप, लिए। -स्वाह-अ० इच्छानुसार, जैसा मन चाहे । हवा आदि); हड़पना, गबन करना; चोरी, बेईमानीसे -जमा-स्त्री० इतमीनान, दिलजमई । -दारी-स्त्री० हथियाना, पैदा करना। पु० भोजन ।मु०खा जाना खा आवभगत, सत्कार।
डालना-निगल जाना; मार डालना; खर्च कर देना; खातिरन्-अ० [अ०] वास्ते; (किसीकी) प्रसन्नताके लिए । हजम,गबन कर लेना । खाना-कमाना-मेहनत-मजदूरीसे खाती-स्त्री० गड्ढा छोटा तालाब खतिया जाति; बढ़ई । पैसा कमाकर गुजर-बसर करना ।-खिलाना-अच्छी चीजें खातून-स्त्री० [तु०] भद्र, कुलीन महिला।
बनाकर खाने और दूसरोंको खिलानेका शौक रखना। खाद-स्त्री० जमीनका उपजाऊपन बढ़ानेवाली, पेड़-पौधोंके | खाना पीना-भोजन-पान, खाने-पीनेका सुख भोगना । लिए खाद्यरूप वस्तु । पु० [सं०] खाना, भक्षण ।
खा-पी जाना-खा-पीकर खतम करना, उड़ा डालना। खादक-वि०, पु० [सं०] खानेवाला; कर्जदार । | खाना-पु० [फा०] घर, आलम; स्थान; डिबिया, केस; खादर-पु० नीची जमीन जहाँ बरसातका पानी इकट्ठा हो आलमारी, संदूकका विभाग; कागज या कपड़ेपर रेखाओंजाय, कछार ।
से बना विभाग, कोष्ठक ।-आबाद-घर बसा, धनधान्यखादित-वि० [सं०] खाया हुआ।
से भरा रहे (आशीर्वचन)। -आबादी-स्त्री० घर ख़ादिम-पु० [अ०] खिदमत करनेवाला, सेवक ।
बसना; समृद्धि; व्याह । -खराब-वि० आवारा; बेघरख़ादिमा-स्त्री० [अ०] टहलुई, सेविका ।
बारका; घरको बरबाद करनेवाला ।-जंगी-स्त्री० आपसी खादिर-वि० [सं०] खदिरसे उत्पन्न । पु० कत्था । लड़ाई, गृहयुद्ध । -तलाशी-स्त्री० घरकी तलाशी। - खादी-स्त्री० हाथका बुना मोटा कपड़ा, गजी; हाथके कते दारी-स्त्री० घर-गृहस्थीका काम, गार्हस्थ्य।-परी-स्त्री० सूतका हाथ करघेपर बना हुआ कपड़ा। केंद्र-पु० खादी किसी.नकशे, सारणीके खानोंको भरना। -बदोश-वि० बुने जानेका केंद्र, वह स्थान जहाँ खादीका उत्पादन बड़े जिसका कोई घर, ठौर-ठिकाना न हो। पु० खेमों, सिरपैमानेपर हो।
कियोंमें रहनेवाली, स्थायी आवास-रहित जाति, जन । खाद्य-वि० [सं०] खाने योग्य । पु० खानेकी चीज,भोजन। खानि-स्त्री० [सं०] खान; * खूट; ओर, प्रकार, भेद ।
-समवितरण-पु० (फूड साशनिंग) नागरिकोंको निर्धा- खानिक-पु० [सं०]दीवार में किया हुआ छेद । *स्त्री० खानि। रित मात्रामें खाद्यान्नोंका समान रूपसे वितरण ।
खाब*-पु० दे० '..ख्वाब' । खाद्योज-पु० [सं०] (विटामिन) प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में खाम-पु० लिफाफा; जोड़ * खंभा । * वि० घटनेवाला। पाया जानेवाला सूक्ष्म तत्व जो प्राणियोंके स्वास्थ्य एवं ख़ाम-वि० [फा०] कच्चा; जो पका-पकाया या पक्का न अभिवृद्धिके लिए आवश्यक माना जाता है (इसके कई भेद हो; अप्रौद, अनुभवहीन; छोटा (बाट, तौल); अयुक्त, माने जाते हैं); पोषक तत्त्व, जीवन-तत्त्व ।
असंगत । -ख़याली-स्त्री० नासमझी; नासमझीका, खाध*-पु० दे० 'खाद्य' ।
बुद्धि विरुद्ध विचार ।। खाधु, खाधुक -पु० खानेवाला, भक्षक ।
खामखाह-अ० दे० 'ख्वाहम.ख्वाह'। खान-स्त्री० वह जगह जहाँसे धातु, कोयला आदि खोद- खामना-स० कि० आटे आदिसे (घड़े आदिका) मुँह बंद कर या पत्थरकी सिलें तोड़कर निकाली जायँ, खानि; करना; लिफाफेमें बंद करना । स्रोत; आकर, भंडार, खजाना। पु० खानेकी क्रिया ख़ामा-स्त्री० [फा०] कचाई; कमी; दोष; अनुभवहीनता। भोजन । -पान-पु० खाना-पीना; खाने-पीनेका ढंग; | खामोश-वि० [फा०] चुप, मौन । खाने-पीनेका व्यवहार, संबंध ।
ख़ामोशी-स्त्री० [फा०] चुप्पी । खान-पु० [तु०] स्वामी, मालिक, सरदार रईसपठान; | खार-पु० क्षार; क्षार गुण, खारापन; रेह; लोना; सज्जी; कुछ पठान शासकोंकी उपाधि, तातार और खताके पुराने राख, पोखरा, डबरा-'दई न जात खार उतराई, चाहत वादशाहोंकी उपाधि । -बहादुर-पु० ब्रिटिश सरकारकी चढ़न जहाज'-सू०, दे० 'खार'। एक उपाधि जो मुसलमानों और पारसियोंको दी जाती खार-पु०[फा०] काँटा,फाँस; दूष,जलन । मु०-खानाथी।-सामाँ-पु० शाही महलका भंडारी या पाकशाला. जलना, द्वेष करना। -निकालना-बदला लेना; जलन का प्रबंधक; बावरची।
मिटाना।
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