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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करसाइल-करेली १४२ करसाइल, करसायल-पु० काला हिरन । माँझी-'ज्यों करिया बिन नाव'-सू० । वि० काला। करसान*-पु० किसान । करियाई*-स्त्री० कालापन; कालिख । करसी-स्त्री० सूखे गोबर, उपलों आदिका चूर या छोटे | करियारी*-स्त्री० दे० 'कलियारी'; लगाम । टुकड़े। करिल*-स्त्री० बाँसका नया कला, कोंपल । वि० काला । करहंच*-पु० दे० 'करहंस' । करिश्मा-पु० [फा०] दे० 'करश्मा' । करहंस-पु० [सं०] एक वर्णवृत्ति । करींद्र-पु० [सं०] ऐरावत; श्रेष्ठ, बहुत बड़ा हाथी । करह*-पु० ऊँट; पुष्पकलिका। करी*-स्त्री० कली;+ सौरी नामकी मछली; कड़ी, धरन । करहाट,-हाटक-पु० [सं०] कमलकी जड़, कमलका छत्ता। करी (रिन् )-पु० [सं०] हाथी (समासमें 'करि')। कराकुल-पु० क्रौंच पक्षी। -कुंभ-पु० हाथीका मस्तक । -दारक-पु० सिंह । करा*-स्त्री० कला। -प-पु० महावत । -पोत,-शाव,-शावक-पु० कराइत-पु० दे० 'करैत'। हाथीका बच्चा। कराई-स्त्री० दालका छिलका जो पशुओंको खिलाया जाता करीना-प०अ० मेल, समानताः ढंग, सलीकाः तरतीब, है; करने या करानेका भाव या उजरत; * कालापन । क्रम, सिलसिला। कराघात-पु० [सं०] हाथका प्रहार, आघात । क़रीब-वि० [अ०] निकटस्थ, समीपी । अ० पास, निकट करात-पु० एक वजन जो लगभग ३॥ ग्रेनके बराबर होता | लगभग । -करीब-अ० लगभग । है और सोना-जवाहरात आदि तौलनेके काम आता है । करीबन्-अ० [अ०] लगभग । कराना-स० क्रि० 'करना'का प्रे० । करीबी-वि० [अ०] निकटका (संबंधी)। करापवंचन-पु० [सं०] (इवेज़न ऑव टैक्स) ऐसी हिकमत | करीम-वि० [अ०] उदार; दयालु नेक । पु० ईश्वर । या चालाकी करना जिससे कर अदा न करना पड़े। करीर-पु० [सं०] बाँसका नया कला; करील; घड़ा। कराबा-पु० [अ०] शीशेका सुराही जैसा बरतन । करील-पु० झाड़ीके रूपमें उगनेवाला एक कँटीला और करामात-स्त्री० [अ०] चमत्कार, सिद्धि; अचरजभरी बात। बिना पत्तेका पेड़।। करामाती-वि० [अ०] करामात करने-दिखानेवाला, करीश-प० [सं० दे० 'करी' । चमत्कारी। करीष-पु० [सं०] सूखा गोबर, बनकंडा, करसी। . करार-पु० नदीका ऊँचा और कुछ खड़ा किनारा, कगार। करीय-पटकरी। करार-पु० [अ०] ठहराव; चैन, आराम; धीरज प्रतिज्ञा, करुआ(वा)*-वि० दे० 'कड़वा' । पु० करवा घड़ा। इकरार। करुआई*-स्त्री० कड़वापन । करारना*-अ० क्रि० क व-काव करना; कर्कश स्वरमें | करुआ(वा)ना*-अ० कि० दुखना, गडना; कटुआ बोलना। लगना । स० क्रि० कड़वाहटसे मुँह बिचकाना । करारा-वि० कड़ा; तेज; दृढ़; खूब सिंका हुआ; गहरा। करुखी*-स्त्री० कनखी, तिरछी चितवन । पु० कगार टीला; कौआ। करुण-पु० [सं०] अनुकंपा, दया; एक काव्य-रस; परकरारोपण-पु० [सं०] (लेवी) कर आदि प्राधिकृत रूपसे । मात्मा। वि० करुणायुक्त दयनीयः करुणा उत्पन्न करनेवाला। लगाना, वसूल करना या उगाहना करुणा-स्त्री० [सं०] अनुकंपा, दया। -निधान,-निधिकराल-वि० [सं०] बड़े-बड़े दाँतोंवाला डरावना, भयानका वि० करुणा, दयासे भरा हुआ करालिका-स्त्री० [सं०] दुर्गा । करुणामय-वि० [सं०] दयालु कराली-स्त्री० [सं०] अग्निकी सात जिह्वाओंमेंसे एक। करुना*-स्त्री० दे० 'करुणा' । कराव-पु० दे० 'करावा'। करुर*-वि० कडुआ। करावा-पु० पतिके जीवित रहते हिंदू स्त्रीका दूसरा ब्याह, करुवारि*-स्त्री० पतवार । सगाई। करेजा*-पु० दे० 'कले जा' । कराह-स्त्री० दर्द या पीड़ाकी आवाज, आह । * पु० दे० | करेजी-स्त्री० दे० 'कले जी'। 'कड़ाह'। करेणु-पु० [सं०] हाथीकर्णिकारका पेड़ । स्त्री० हथिनी । कराहना-अ० क्रि० आह-आह करना, पीड़ासे चीखना। करेणुका-स्त्री० [सं०] हथिनी । कराहा*-पु० दे० 'कड़ाहा'। करेणू-स्त्री० [सं०] हथिनी । पु० हाथी कराही*-स्त्री० दे० 'कड़ाही'। करेनुका-स्त्री० दे० 'करेणुका' । करिंद*-पु० ऐरावत; बड़ा हाथी। करेब-पु० [अ० क्रेप] बारीक और झीनी बुनावटवाला करि*-पु० हाथी। एक रेशमी कपड़ा। करिखई*-स्त्री० कालापन । करेमू-पु० पानी में होनेवाली एक बेल जिसके पत्ते सागकी करिखा-पु० कालिख । तरह खाये जाते हैं। करिणी-स्त्री० [सं०] हथिनी । करेर, करेरा*-वि० कड़ा, सख्त । करिनी*-स्त्री० दे० 'करिणी'। करेला, करैला-पु० एक तरकारी। करिया*-पु० ऊखका एक रोग; * पतवार; कर्णधार, करेली,करैली-स्त्री०छोटी जातिका करेला; जंगली करेला। For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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