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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १४१ करछी, करछुली | - स्त्री० दे० 'कलछी' । करछैयाँ* * - वि० स्त्री० कुछ-कुछ काली, श्यामा (गाय) । करट - पु० [सं०] कौआ; हाथीकी कनपटी; निंद्य जीवन । करण - पु० [सं०] करना; क्रिया; क्रियाविशेषके लिए अनिवार्य, आवश्यक साधन; औजार; इंद्रिय; तृतीय, साधन 'बतानेवाला कारक ( व्या०); हेतु; देह; क्षेत्र; स्थान; नाचमें हाथकी चेष्टासे भाव बतानेकी क्रिया; कालका एक विशेष मान; दिनका एक विभाग; गणितको एक क्रिया; दस्तावेज, लिखित प्रमाणः परमात्मा; उच्चारण; एक रतिबंध; वह संख्या जिसका पूरा-पूरा वर्गमूल न निकल सके; * कान (कर्णं) । करतबिया - वि० दे० 'करतबी' । करतबी - वि० गुणी; पुरुषार्थी; करतब दिखानेवाला । करतरी * - स्त्री० दे० 'कर्तरी; दे० ' करतली' । करतव्य * - पु० करने योग्य काम; धर्म । वि० करणीय । करता - पु० दे० 'कर्ता'; मुखिया, अधिकारी; एक वर्णवृत्त । -धरता - पु० जिसकी मरजी, आदेशसे सब काम हों, सर्वाधिकारी | करतार - पु० दे० 'कर्ता'; * दे० 'करताल' । करतारी* - स्त्री० करतापन, कर्तृत्व; ईश्वरकी लीला; एक बाजा; ताली । करतूत - स्त्री० काम, करनी; निंद्य कर्म; गुण; कला । करतूति* - स्त्री० दे० 'करतूत' । करणीय - वि० [सं०] करने योग्य, कार्य । करतब - पु० काम, कर्म; हुनर, गुण, कौशल; अचरजमें करमकल्ला - पु० पत्तेवाली गोभी, पातगोभी । डालनेवाला काम ( दिखाना); बाजीगरी । करद - स्त्री० छुरी, चाकू । वि० [सं०] दे० 'कर' में | करदम * -- पु० कर्दम, कीच; पाप; मांस | करदा- पु० बिक्रीके अनाज आदि में मिला हुआ कूड़ा-करकट; कूड़े-करकटकी वजहसे होनेवाली मूल्य में कमी; बदलाई । करधन - स्त्री० दे० 'करधनी' । करधनी - स्त्री० एक गहना जो कमर में पहना जाता है; सूत या रेशमकी बनी हुई मेखला । करन + - पु० दे० 'कर्ण; जरिश्क । -धार-पु० दे० 'कर्णधार' । - फूल - पु० कानमें पहननेका एक गहना, काँप । - बेध - पु० कनछेदन | करना - स० क्रि० किसी कामके होनेमें यलवान् होना, अंजाम देना; साधन-संपादन; निबटाना; बनाना, अन्य रूप देना; पकाना; रखना; पहुँचाना; रोजगार, पेशा करना; भाड़े पर लेना (एक्का ताँगा आदि ) ; पति या पत्नीके रूपमें ग्रहण करना; पोतना; प्रसंग करना । * पु० करनी, काम । करनाई - स्त्री० तुरही। करनाल - स्त्री० एक तरहकी तोप; पु० भोंपा; बड़ा ढोल | करनी - स्त्री० कर्म, करतूत; अंत्येष्टि; पेसराजोंका एक औजार, कन्नी । करपर* - पु० खोपड़ी; खप्पर । वि० कृषण । करबरना * - अ० क्रि० फलरव करना (पक्षियों आदिका) । करबला - स्त्री० [अ०] इराके अरबका वह जलहीन मैदान जहाँ इमाम हुसैन अपने साथियों सहित शहीद हुए; वह स्थान जहाँ ताजिये दफन किये जाते हों; जलहीन स्थान । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करछी - करसना करबूस- पु० घोड़ेके जीनमें टँकी हुई पट्टी जिसमें हथियार लटकाया जाता है । करभ - पु० [सं०] करपृष्ठ; हाथीकी सूँड़; हाथीका बच्चा; ऊँटका बच्चा; ऊँट; एक सुगंधित द्रव्य । करभक - पु० [सं०] ऊँट; हाथीका बच्चा । करभी - स्त्री० [सं०] ऊँटनी । कभी ( भिन्) - पु० [सं०] हाथी । करभोरु - वि० स्त्री० [सं०] जिसकी जाँघ हाथीकी सूँड़के समान हो, सुंदर जाँघोंवाली । करम - पु० कर्म, काम; कर्मफल; भाग्य । - चंद* - पु० कर्म । - भोग- पु० कर्मफल; कर्मफल- रूप में मिलनेवाला दुःख । करमट्ठा* - वि० कंजूस । करमठ * - वि० दे० 'कर्मठ' । करमी* - वि० दे० 'कमी' । करमुँहा, करमुखा - वि० काले मुँहवाला; जिसके मुँहमें कालिख लगी हो; कलंकित । कररना - अ० क्रि० चर चर करके टूटना; कर्कश बोली बोलना । करराना * - अ० क्रि० दे० 'कररना' । कररी - स्त्री० वनतुलसी; एक पक्षी, कुररी । करल* - पु० कड़ाही । करला - पु०, करली - स्त्री० कल्ला, कोमल पत्ता । करवट - स्त्री० दाहिने या बायें बाजू लेटना; इस तरह लेटनेकी स्थिति; पहलू, बाजू । पु० करवत, आरा । मु०न लेना - कर्तव्यपर ध्यान न देना; चुप्पी साधना । - वदलना - लेटने में पहलू बदलना, दूसरी ओर हो जाना; बेचैनीसे बार-बार पहलू बदलना, सो न सकना । - लेना-लेटे या सोये हुए आदमीका दूसरी ओर घूमना, पहलू बदलना; बदलना, पलटनाः स्वर्ग प्राप्तिकी आशासे काशी, प्रयाग आदिके विशेष आरोंके नीचे कटकर जान देना । करवत - पु० करपत्र, आरा । करवर* - स्त्री० घात; संकट, विपत्ति; कठिनाई । पु० करवाल । करवरना * - अ० क्रि० चहकना, कलरव करना । करवा - पु० मिट्टी या धातुका टोंटीदार बरतन । करवानक* - पु० गौरैया पक्षी, चिड़ा । करवाल- पु० [सं०] दे० 'कर' के साथ | करवीर - पु० [सं०] दे० 'कर' के साथ | करवील* - पु० करील । करवैया - वि० करनेवाला, करतबी । करश्मा - पु० [फा०] आँख या भौंका इशारा; नाजनखरा; अनोखी बात; चमत्कार, करामात । करष * - पु०, स्त्री० खिंचाव; अक्स; वैर; ताप; क्रोध । करषक * - पु० कृषक, किसान । करपना* - स० क्रि० तानना, खींचना, सोखना; बुलाना; actor | करसना * - स० क्रि० दे० 'करषना' । For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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