________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुण चरित्र. // 16 // कर्पूरकालागुरुगंधधूपमुक्षिप्य धूमच्छददरितैनाः // घंटानिनादेन समं सुरेंद्रः, चतुर्दशीमातनुतेस्म पूजाम् // 157 / / अष्टोत्तरस्तोत्रशतं पठित्वा, जानुस्थितः स्पृष्टधरः सुरेशः // शक्रस्तवं प्रोच्य शिरस्थपाणिनत्वा जिनं संसदमालुलोके // 158 / / आलोकनाकूनविदो ततोऽस्य, गंधर्वनाट्याधिपती अमत्यौ // तूर्यत्रिकं सज्जयतःस्म तत्र, प्रभोर्निषण्णे पुरतः सुरेंद्रे // 159 // मृदंगभेरीवरवेणुवीणाषड्भ्रामरीझल्लरिकिंकिणीनाम् // भंभादिकानां च तदा निनादैः, क्षणं जगच्छन्दमयं बभूव // 160 // मुदा ततस्तुंबुरुनारदाद्याः, प्रभोर्गुणालीरुपवीणयंतः॥ सुधाशनादप्यधिकं वितेरुः, सुधाशनानां हृदये प्रमोदम् // 161 // ततश्चलत्कुंडलतारहारशृंगारभारस्फुरदंगयष्टिः // रंभा चिरं भावयतिस्म लास्यलीलां विनीलांगजिनाब्दविद्युत् // 162 / / // 16 // For Private and Personal Use Only