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सख
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सस स्त्री०; न० चैन; सुख; आराम; क़रार । [ -पड = शांति या चैन होना; क़रार पाना । वळवु = चैन, क़रार पाना; शान्ति मिलना. ] सखणुं वि० नरम स्वभावका ; सीधा ; सरल (२) जो शरीर, नटखट, उपद्रवी न हो; जो चुलबुला न हो; अचंचल सतत वि० सख्त; सुखत; कड़ा ( २ ) दृढ़ मजबूत; सख्त ( ३ ) निर्दय कठोरहृदय; कड़ा; सख्त ( ४ ) थका - डालनेवाला; घोर; कड़ा; कठिन (५) हदसे ज्यादा; भारी: गजबका ; उदा० 'सखत भीड- (६) तेज; तीखा; उग्र ; सख्त (७) जोरवार; आग्रहयुक्त; उदा० 'सखत भलामण' (८) मुश्किल; भारी । [ सजा : क़ैद सख्त ; कड़ी क़ैद । -हाये: कढ़ाईके साथ; सख्तीसे.] सखतळी स्त्री • सुखतला; पाताबा सखताई, सखती-स्त्री० सख्ती; कड़ापन (२) जुल्म कठोर व्यवहार; सख्ती (३) प्रतिबंध; रोक । [ -गुजारवी, वापरवी = कड़ाई करना; - सख्ती करना. ] [ हो गया हो; शिथिल सखळखळ वि० ढीला-ढाला ; जो ढीला सखावत स्त्री० सखावत दान ( २ )
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उदारता; सखावत सखावती वि० सखी; दानी; उदार (२) सखावतका; खैराती
सखी वि० सखी; दानशील; उदार । [ -नो लाल - बहुत उदार स्वभावका आदमी; दरियादिल आदमी. ] सखी स्त्री० सखी; सहेली सखुन पुं० देखिये 'सुखन' [ आदि सख्त (- हताई, ख्ती) देखिये 'सखत '
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सगँ स्त्री० ( दीयेकी) लौ; दीपशिखा सगड पुं०; स्त्री० समाचार; लंबर; टोह (२) चोरका पदचिह्न (३) पीछा सगड वि० अस्थिर; डाँवाडोल ; डगमग सगडगो पुं० अस्थिरता; अनिश्चितता (२) संदेह; अनिश्चय
सगडी स्त्री० देखिये 'शगडी'
सगण पुं० पीछा [ सगाई; मँगनी सगपण व० सगापन; खूनका नाता (२) सगराम पुं०; न० देखिये 'शिगराम' सगवड स्त्री० व्यवस्था; सुपास;सुभीता; अनुकूलता । [ - जोवी = किसी चीज्रका इंतजाम होगा या नहीं यह सोचना । - पडतुं = अनुकूलताके अनुसार; जो रास आये या अनुकूल हो; मुआफ़िक़ ] सगवडियं वि० जो रास आये; मनोनुकूल; जैसा चाहिये वैसा सगवाड, सगाई स्त्री० देखिये 'सगपण' सगांसांई न० ब० व० सगे-सम्बन्धी; रिश्तेदार
सगीर वि० सगीर; नाबालिग स वि० एक ही खूनका; जिससे विवाह आदिके कारण संबंध हो; सगा; निकट संबंधी (२) न० संबंधी; रिश्तेदार; सगा सगंबहालुं वि० सगा ; संबंधी ; रिश्तेदार सगुंसंबंधी न० सगे-संबंधी सघळं वि० सकल, सब; सारा सचराचर वि० जिसमें स्थावर-जंगम सभी हों, सचराचर ( २ ) अ० सब जगह; सर्वत्र [ ( २ ) अ० चिताके साथ सचित वि० चितायुक्त; सचित; चिंतित सचोट वि० अचूक; जो चोट पहुँचा सके; खाली न जानेवाला; शर्तिया ; पुर-असर (२) अ० चूक न जाय इस तरह; प्रभावपूर्वक; अचूक
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