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शासनळी
यम फ्रना होता । - सेवो सांस लेना (२) विश्राम करना, सुखाना, दम लेना. ] इलासनळी स्त्री० वह नाली जिसके
उदा०
स पुं० ऊष्मवर्गका तीसरा वर्ण (२) यह नामके आरंभमें आकर 'सह, सहित, साथ' या कहीं-कहीं ' समान ' आदि अर्थ बताता है; 'सकुंटुंब ; सपिंड; सजाति; सगोत्र' से एक पूर्वग; यह शब्दके आरंभ में आकर 'सु, अच्छा' आदि अर्थ बताता है; उदा० 'सजात; सपूत सई पुं० दर्जी; दरजी सईस पुं० साईस
सकटम वि० देखिये 'साकटम'; सपरिवार सकवं स० क्रि० जकड़ना; कसकर बाँधना ; कसना
सकरकंद न० सकरकंदी; शकरकंद सकरटेटी स्त्री० देखिये 'शकरटेटी' सकरपारो पुं० देखिये 'शकरपारो' सकर्मक वि० सकर्मक (क्रिया) [व्या. ] सकर्मी वि० भाग्यशाली; नसीबदार सकल ( - ) वि० सकल; सब; समस्त सकंचो ( - जो ) पुं० शिकंजा (यंत्रणा देनेका यंत्र ) (२) कसकर पकड़ने, दबाने का यंत्र ; शिकंजा (३) [ला. ] पकड़ क़ाबू; शिकंजा सकाम वि० कामनायुक्त; सकाम (२) फलाकांक्षासे कार्य करनेवाला; सकाम; फलासक्त (३) स्वार्थी; खुदगर्ज
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स
सक्को
द्वारा सांस फेफड़ोंमें जाती है; श्वासप्रणाली [ च्छ्वास श्वासोच्छ्वास, श्वासोश्वास पुं० श्वासो
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सकार पुं० ढंग; सलीक़ा (२) स्वाद; जायका (३) (किसी पदार्थका ) सार; सत; सत्त्व (४) 'स' अक्षर या उसकी ध्वनि; सकार। [-आववो = अच्छा बनना; कोई चीज रसोत्पादक बने ऐसा करना; जमना ] सकारी पुं० वह लकड़ी या फट्टी जो तानेके तारोंको व्यवस्थित रखनेके लिए सूतमें डाली जाती है; सुतारा सकुटुंब वि० सपरिवार; सकुल सक्कई वि० टकसाली; प्रमाणभूत; बढ़िया क़िस्मका ; खरा; जो बनावटी न हो ( २ ) सुन्दर; मजेदार सक्करखोर पुं० देखिये 'शकरखोर' सक्करटेटी स्त्री० देखिये 'शकरटेटी' सक्करपारो पुं० देखिये 'शकरपारों' सक्कस वि० अच्छी तरह कसा हुआ; खूब खींचा हुआ; जकड़बंद (२) सख्त; मजबूत सक्काई वि० देखिये 'सक्कई' सक्कावार वि० देखिये 'शक्कादार' सक्को पुं० देखिये 'सिक्को' (२) लेन-देन संबंधी इतबार या प्रतिष्ठा; साख; छाप; असर; प्रभाव ( ३ ) रोब; दबदबा ; सिक्का ( जमना) (४) शक्ल-सूरत चेहरा (५) खेलनेकी पत्थरकी गोटी, मोली
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