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वेग पुं० वेग; गति; त्वरा (२) जोश; आवेश (३) कसक; शूल (४) त्रास; आतंक; डर। [-मारवा = कसकना; शूल उठना.] वेगळु वि० जो दूर हो; दूर (२) अलग; जुदा । [-होवं% रजस्वला होना; कपड़ोंसे होना.] वेगळे अ० फ़ासले पर; दूर वेगी(लं) वि० वेगी; तेज ; वेगयुक्त वेचवाल वि० बेचनेवाला; वेचवाल
(शेयर आदिका) वेचवें स० क्रि० बेचना । विचीने चणा खावा = किसीसे न दबना (२) बेच खाना; उड़ा डालना.] वेचाउ वि० बिकाउ वेचाण न० बेचना; बिक्री; बै वेचाणखत न० बैनामा; विक्रय-लेख देचातुं वि० मोल लिया हुआ या दिया हुआ; दाम देकर लिया हुआ या दिया हुआ। [कजियो वेचातो लेवो, लडाई वेचाती लेवी = झगड़ा मोल लेना (२)किसीका पक्ष लेकर झगड़ना.] वेचा, अ०क्रि० 'वेचq' का कर्मणि; बिकना
[प्रजा वेजा स्त्री० निशान (२) विपत्ति (३) बेठ स्त्री० बेगार (काम) (२) जबदस्ती कराया जानेवाला काम; बेगार (३) [ला.] बोझ; बला; आफ़त; कष्ट देनेवाली वस्तु या व्यक्ति। [-उतारवी, काढवी, बाळबी = बिना मन लगाये, बेगारकी तरह काम करना; बेगार टालना। बेठे काढवं, पकड = बेगार पकड़ना। बेठे नवं = बेगारके लिए जाना.]
पेठ, स० क्रि० सहना; झेलना (२) किसी स्थिति, संबंध आदिकी रक्षा किये जाना; निबाहना वेठियो पुं० वह आदमी जिससे बिना मजदूरी दिये काम कराया जाय; बेगारी (२)बेगारमें पकड़ा हुआ बगैर दामका नौकर वेडफबुं सक्रि० व्यर्थ खर्च करना; उड़ा
डालना; नष्ट कर देना; बिगाड़ना वेडफा अ० क्रि० 'वेडफवू' का कर्मणि वेडमी (वे') स्त्री० पूरन भरी हुई रोटी;
पूरनपूरी वेडलो पुं० देखिये 'वेल्लो' वे सक्रि० जालीदार लग्गीसे(फल)
तोड़ना, उतारना वेडवो पुं० देखिये 'वीरडो' बेसरी स्त्री० वह लग्गी जिसके सिरेपर जालीदार थैली रहती है (आम आदि तोड़नेकी) वेडो पुं० लग्गीसे फल उतारनेवाला वेढ पुं० उँगलीकी गाँठ; पोर;पोरवा
(२)छल्ला; पोरिया वेढमी स्त्री० देखिये 'वेडमी' वेदो पुं० उंगलीकी गाँठ; पोर;पोरवा (२) लकड़ीकी गाँठ। [वेढा गणवा = पोरें गिनकर हिसाब करना (२) दिन गिनना; प्रतीक्षा करना। बेटे गणाय एटलं =अल्प संख्यामें;उँगलियों पर गिना जा सके उतने; इने-गिने.] वेण (वॅण,) स्त्री० कपासका पौधा;
कपास (२) प्रसवकी वेदना वेण (वें) न० वचन; बोल ; बैन [प.] (२) प्रतिज्ञा; कोल। [-कावं = बोलना। -मार = बोल मारना; मर्मभेदी वचन कहना; ताना मारना।
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