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ज्या समव; लग्न (४) किती शुम कार्यको करनेका महतं; लग्न (५) विवाहका महतं या शुभकाल (६)
बाबी लग्न भरपर वि• फटेहाल
वि. स; छोटा (२) हलका; लघु (३) आसान (४) हस्व; एक मात्रापाला; लघु [फोन मोन पुं०९० से छोटा कोषम्यूनमन वि०सतम; सबसे छोटा (२) पुसतम समापवयं [ग] wnet स्त्री० बल्पमत (२)अल्पमतगालोग या पक्ष; अल्पमत (३)पोड़े परवीना या रसना
स्त्री. संक्षिप्तलिपि; 'शार्टहै?' वन स्त्री. लघुशंका (२) मोच सस्त्री० रुटकती चाल; लचकन साईब.क्रि. लचकना; दबाव बारिसे बीपका झुकना (२) मोच बाना(३)इठलाते हुए चलनेसे कमरका मुम्मा लपकना पकाई हुई बाल सो पुं० कोंदा; पिंड (२)लोंदा जैसी सपना ब. तरबतर; चकाचक लबई ब० कि. लचकना; झुकना सो पुं० मांझा चढ़ाये हुए गेरकी बंटी; मांझा- [करना; लजाना लगाई सक्रि० लज्जित करना;शमिदा वा, स०कि. 'साम'का प्रेरणार्थक; सज्जित करना; लबाना; लखवाना मानवी स्वी. लाजवंती; छुईमुई; लालू [लायक; शर्मनाक समालवि. लज्जाजनक; लजानेमा०कि. लजाना; शरमाना र स्त्री०ट; बुक(२)बड़की पर
(३)(सूतके) बमकतार मा गरेकी बंटी; लटिया (४) मोतियोंकी सड़ी लटक स्त्री० लटक; नखरा(२)छटा;
खूबी; शैली; लटका; ब. (३) मोच लटकम(-णि) वि० लटकता, झूलता हुवा (२)न० मुमका (कानका गहना) लटकई अ० कि० लटकना; मूलना टॅगना (२) आधाररहित होना; काम अधूरा रह जाना; लटकना [ला.] अटकावस.क्रि. 'लटक'का प्रेरणा र्थक; लटकाना [युक्त (२) नखरेवार लटकाळू वि० लटकीला; हाव-भावनई न० नखरा; अदा; चोचला लडको पुं० बदा; अंग-भंगी; हाव-बार
कोनटको पुं० मटक; नाज-बदा. सपट वि. प्रेमासक्त; एक बचते लिपटा हुमा (२)स्त्री खटपट;प्राचा [-करवी = अन्यको भरमानेके लिए चालाकी, खटपट या धमाल करना। -पनप्रेमासक्त होना.] लटपटियं न० चमोटा (हज्जामका) सह, अ.क्रि. झुकना; नत होना लटार स्त्री. चक्कर; मटरगश्त सटियुं न० सिरका बाल सट्ट वि० बहुत डीला; सुस्तशिषित (२) परवश; पराधीन (३) स्तम्ब बड़ीभूत (४) पुं० लटू (खिलौना) लठ वि. पट्ठा; मुस्तंडा(२)पुं० लठि(-)गं वि० मुस्तंडा (२) पूर्त लख वि० (२) पुं० देखिये 'लठ' लको पुं० गाड़ीके पहियेका लोहेका रंग;
अक्ष; धुरा (२) मुस्तंडा आदमी पट्ठा लरकन(-) (ल') वि. सदाका;
झगड़ालू सस्त(ल') स्त्री० लड़ाई
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