________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
ल पुं० तीसरा अंतःस्थ वर्ण लईने अ० लेकर ( २ ) - के कारण ; को लेकर; उदा० ' एने लईने ' लकडघकड अ० घड़ाकेसे; धड़ाधड़; जोरोंसे लकडियं वि० लकड़ीका ( २ ) सख्त; कड़ा; कठिन (३) पेड़को भी झुलस दे ऐसा (पाला) (४) न० मसाले रखनेकी लकड़ीकी खानेदार छोटी पेटी; चौघड़ा लवो पुं० लकवा ; पक्षाघात: लकुं (कं) बोपुं० लुकमा; कौर ( २ ) काम; प्रयोजनकी सिद्धि; फ़ायदा ( व्यंग्यमें)
४१९
लक्कड न० लकड़ी [ईका काम लक्कडकाम न० लकड़ीका काम; बढ़लक्कडखोद पुं० कठफोड़ा; हुदहुद (पक्षी) देखिये 'लकडधकड
"
अ०
स्त्री० लकड़ीकी दुकान;
टाल; अड़ार
लक्कडफोडो पुं० लकड़हारा [लड्डू लक्कडशी लाड पुं०. एक तरहके चीनीके लक्कडियं वि० (२) न० देखिए 'लकडियं' लक्ष पुं० लक्ष; लाखकी संख्या (२) किसी विषयमें चितकी एकाग्रता; ध्यान (३) उद्देश्य; लक्ष्य (४) निशाना ; लक्ष्य । [ -आपवुं देवं = ध्यान देना; खयाल करना । - खेच, बोरबुं = ध्यान आकर्षित करना; ध्यान पर लाना। - पर लेबुं = ध्यान देना खयाल करना । - राखबुं = ध्यान रखना; निगाह रखना 1 - साधवं = प्रयोजन, उद्देश्य सिद्ध करना ( २ ) ठीक, लक्ष्यवेध करना. ].-.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लक्षणं
लक्षण न० लक्षण; चिह्न (२) अन्य वस्तुओंसे अलग करनेवाला खास गुण; खासीयत (३) व्याख्या; परिभाषा; लक्षण (४) चाल-ढाल; आचरण; लक्षण लक्षणवंतुं वि० शुभ लक्षणोंवाला; सु-लक्षण (२) (व्यंग्धमें) अशुभ -बुरे लक्षपोंवाला
लक्षवं स०क्रि० स्थित दृष्टिसे दिखना ; ताकना ( २ ) निशाना बांधना ; साधना (३) ताक में रहना, तकना (प.) (४) अटकल करना (५) खोज निकालना; - देख जाना
लाषिपति पुं० लक्षर्पति; लखपती लक्षी वि० लक्ष्यवाला; लक्ष्य ( सामान्यतः समासके अंतमें आता है। उदा० 'एकलक्षी '
लक्ष्मीपूजन न०, लक्ष्मीपूजा स्त्री० पेनतेरसके दिन की जानेवाली लक्ष्मीकी पूजा
For Private and Personal Use Only
लक्ष्य कि० ध्यान देने योग्य, लक्ष्य (२) जिस पर निशाना लगाया जाय; जिसका निशाना बाँधा जाय (३) जो देखा या जाना जा सके; दर्शनीय; दृश्य ( ४ ) न० ध्येय; उद्देश्य, लक्ष्य (५) हेतु मक़सद ( ६ ) निशाना ; लक्ष्य(७) लक्ष्यार्थ लक्ष्यबिन्दु न० लक्ष्य; ध्येय लखचोराशी स्त्री० चौरासी लाख योनि - जन्मका चक्र; चौरासी लखणी न० सूची; फेहरिस्त (दान था चंदेकी)
F
लक्ष्णुं न० लेखनी (२) (देवी) सूची