________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बपोरी काम करनेवाला मजदूर या कारीगर (५) एक तरहकी आतिशबाजी बपोरी वि० दोपहरका (२) स्त्री० दुपहरी। [-करवी = दोपहरीमें आराम करना। -गाळवी%दोपहरकी बेला गुजारना, काटना.] बफारो पुं० ऊमस बफायँ अ० क्रि० 'बाफवू' का कर्मणि
रूप (२)ऊमससे जी घबड़ाना। [वफाई : जq= कुछका कुछ कह देनेसे बात
बिगड़ना.] बबडवू अ० क्रि० बड़बड़ाना बबडाट पुं० देखिये 'बडबडाट' बबरची पुं० बावरची [[ला.] बबरचीखानुंन०बावरचीखाना(२)गंदगी बबूचक वि० मूर्ख; बौड़म बब्बे वि० दो-दो बमणवू अ.किवभिनभिनाना; भिनकना
(२) भिनभिनाते हुए मंडराना बमणाट पुं० भिनभिनाहट; भिन-भिन बमणुं वि० दोगुना; दुगुना; दूना . बर पुं० अर्ज़; पनहा (२) किस्म (३)
माल (४)अ०-के अनुसार; की तरह .. (५) वि० सफल ; बर(आना); पूरा (६) जैसा चाहिए ऐसा; योग्य । [-आव_= सफल होना; बर आना। - न होवू = किस्म या पनहेका होना (कपड़ा).] बरकत स्त्री० बरकत; लाभ (२)फ़तह; सिद्धि (३)बरकत; बहुतायत; समृद्धि बरको पुं० चिल्लाहट; चीख बरखास्त वि० बरखास्त; विसजित। [-कर-(जलसा)बरखास्त करना। -यवंबरखास्त होना.] .
बरछट वि०जिसकी सतह चिकनी न हो;
खुरदरा (२) मोटा; पटिया (अनाज) बरछी स्त्री० बस्छी बरड वि० जल्दी टूट जानेवाला; कनकना बरवू न देखिये 'बडवू'; क़ब्जा बरसो पुं० पीठ। [- थाबडवोपीठ ठोंकना। बेवड वळी जवो सख्त मार पड़ना (२) (हँसने के कारण) लोट-पोट होना.] बरणी स्त्री० एक पात्र-विशेष बरदाश(-स, त) स्त्री० देखभाल; तीमारदारी। [ -करवी - देखभाल करना; तीमारदारी करना (२)सहना; बरदाश्त करना; उदा० भूलनी बरदाश करवी'। -राखवी, लेवी देखभाल करना (२) मेहमानदारी करना.] बरफ पुं०; न०. बर्फ़; बरफ़ बरफी स्त्री० बरफ़ी बरफीबूरमुं न० एक मिष्टान्न बरबाद वि० रद्द; निकम्मा; खराब
(२)नष्ट; बरबाद . बरबादी स्त्री० बरबादी बरागळ स्त्री० हलका बुखार; हरारत बराड, अ० क्रि० चीखना; चिल्लाना बराडो पुं० चिल्लाहट; चीख .. बराबर वि०(२) अ० बराबर; समान; तुल्य (३)खरा; उचित; वाजिब (४) जैसा चाहिए ऐसा; सही; ठीक बराबरियं वि० बराबरका; समकक्ष बराबरियो पुं० बराबरका व्यक्ति;
प्रतिस्पर्धी बराबरी स्त्री० बराबरी; मुकाबला।
[-करवी मुक़ाबला, स्पर्धा करना.] बरास न० बरास-कपूर बरास न० सौ घनफुट
For Private and Personal Use Only