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म्यातजात
भ्यातजात स्त्री० जात-पाँत न्याय पुं० न्याय; इंसाफ़ ( २ ) योग्यता ; उचित - अनुचितका विवेक, न्याय (३) प्रथा; रिवाज; क़ायदा (४) दृष्टांतवाक्य; कहावत ; न्याय; उदा० 'काकतालीय न्याय' ( ५ ) प्रमाण द्वारा किसी वस्तुकी परीक्षा; न्याय ( ६ ) न्यायदर्शन ( शास्त्र ) । [ तोळवो = दोनों
प पुं० 'प' वर्गका - पहला ओष्ठय व्यंजन
पकड स्त्री० पकड़ना; पकड़नेकी क्रिया (२) पकड़नेकी शक्ति, मौका या उसका तर्ज; पकड़ (३) सँड़सी जैसा पकड़नेका साधन । [ -आववी = पकड़में आना (२) ग्रहण करना; समझना. ] पकड स०क्रि० पकड़ना; ग्रहण करना; थामना (२) धारण करना; धरना; किसी वस्तुमें व्याप्त होना; पकड़ना (रंग) (३) भागते हुएको रोकना ; गति या व्यापारसे निवृत्त करना; पकड़ना (४) खोज निकालना (भूल) ; पकड़ना (५) पकड़ना; समझना ( अर्थ, बात ) (६) गिरफ़्तार करना; बंदी बनाना; 'अरेस्ट' करना; पकड़ना । [ पकडी - पाडवं = पकड़ना; किसी काममें आगे
बढ़े हुएकी बराबरीमें आ जाना ( २ ) पता लगाना; खोज निकालना। पकडी लेबुं = उठा लेना ( २ ) एकदम पकड़कर क़ाबूमें करना या बंदी बनाना (३) किसी विषय या बात पर क़ाबू, अधिकार पाना. ]
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पक्ष
पक्षोंकी सचाई - शुठाई या उचितअनुचितकी जाँच करके फ़ैसला करना; न्याय करना. ]
न्यायी (स्य) वि० ठीक न्याय करनेवाला; न्यायी ( २ ) न्यायोचित; न्याय्य न्यायं वि० न्यारा; जो दूर हो ( २ ) अनोखा ; अजीब; न्यारा न्याल वि० निहाल; कृतार्थ ( २ ) मालदार
पकडहुकम पुं० गिरफ़्तार करनेका हुकम ; वारंट गिरफ़्तारी पearपकडी स्त्री० लगातार गिरफ़्तारियाँ; पकड़-घकड़
पकवबुं स० क्रि० पकाना; रांधना (२) मिट्टी आदिके बरतनको भट्ठी में रखकर तपाना; आँच देकर कड़ा करना; पकाना (३) कोई चीज़ पक जाय ऐसा करना; पकाना पकवान न० पकवान; पक्वान्न
पकावतुं स०क्रि० देखिये 'पकवबुं ' पकोडी स्त्री० पकौड़ी पक्काई स्त्री० धूर्तता; छल पक्कुं वि० जो किसीसे धोखा न खाय; अनुभवी (२) धूर्त; मक्कार ( ३ ) पूरापूरा; समूचा (४) पक्का; अचल; दृढ़ (५) पक्का ( रसोई आदि ) पक्ष पुं० पक्ष; तरफ़दारी (२) तड़; पक्ष; भाग ( ३ ) विवादके विषयका एक हिस्सा ; पक्ष ( ४ ) तरफ़दारी; पक्षपात (५) पखवाड़ा; पक्ष ( ६ ) स्त्री० पंख ; डैना; पक्ष । [ -करवो, चवो, ताणवो = पक्षपात करना. ]
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