________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पवावं घवा, अ० क्रि० घायल होना; चोट
लगना पतषसाट अ० गहराईसे (नींद लेना) पसब्दोरो पुं० घसीट लिखावट लिखने
का श्रम घसर स० कि० घसीटना (२)घसीट लिखावट लिखना या जैसे-तैसे काम करना; रगड़ मारना [ला.] घसरको पुं० निशानीकी रेखा; चिह्न
आंक; खरोंच [का काम; बेगार बासरी पुं० खरोंच; रगड़ (२)वेमनबसरपसर अ० घसीटते हुए; ज्यों-त्यों
करके (२) बेगारकी तरह बस स० कि० घिसना (२) हायसे रगड़ना; मलना (३)(बरतन)मलना (४)ओपना; चमकाना पाससे बसाईन (जर्बु) = करीबसे, बिलकुल घसातुं वि. जो अपमानित करे, नीचा दिखाये; कटती (कहना) (२) नुकसानदेह; हानिकर पसारवं न० घिसकर पीनेकी औषधि घसारो पुं० घिसा जाना; छीज ; घटाव (२) घिसनेसे गिरी हुमी रज; घिसाई (३) नुकसान; घाटा; छीज। [-साचो, वेठयो= घाटा या खर्च सहन करना। -पहोंचो, लागवो= खर्च होना; घाटा होना; नुकसान पहुंचना.] बसाव, स० कि० घिसाना पसावं अ० क्रि० 'घस' क्रियाका कर्मणि रूप; घिसा जाना; घिसना (२)नुकसान उठाना पाटेमें रहना। [बसाई जq= (खूब काम आदिसे शरीरका) क्षीण होना; काम बाना; खप जाना.
बसि वि० चूर्ण जैसा (नमक) . धसियो j० आटेको सेंककर बनाई
जानेवाली एक खास वस्तु घंधोलियं न निकम्मा, खराब घर; घरोंदा (२) सारी देह ढक जाय इस तरह ओड़ना; झुरमुट (३)तहस-नहस होना; बर्बादी घंट पुं० बड़ी चक्की; जांता घंट पुं० घंटा; कासेका लंगरदार घंट (२) कांसेका बजानेका गोल और मोटा पट्ट; घड़ियाल (३) घंटा बजनेका शब्द; डंका (४) चंट; धूर्त; घाष ; उस्ताद (व्यक्ति)ला.]। [-फरवो, वागवो-घरका सब कुछ खर्च हो जाना (२) गरीबी होना। -बगाउवो प्रकट करना; जाहिर करना.] घंटसी स्त्री० बहुत छोटा घंटा; घंटी घंटीकी आवाज (२) घंटा; शून्य कुछ नहीं [ला. चंठलो.दलनेकी बग्रेर थालेकी चक्की घंटी स्त्री० चक्की । षषी घंटीमोनो लोट साचो होवो बहुत अनुभवी होना; पुराना पाप होना.] घंटीचोर पुं० चालाक चोर; पाऊषप घंटो पुं० बड़ा घंटा (२) उसका संका था पुं० कागजके चौबीस तावोंकी गही; दस्ता घा पुं० चोट; बाघात (२) धाव; जस्म (३) भारी गमका गहरा असर [ला. [-परखो - उस्म होना (२) माफ़त आना (३) [ला.] खूब सहन करना; बल लगाना;जोर करना; उदा. 'काम करतां शा पा पड़े छे?'। -गो घसरको इतना हुबा तो और क्यादा होने दो.]
For Private and Personal Use Only