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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - - करई() न० करीलका फल; टेंटी केरबो (क) पुं० एकनाच; कहरवा (२) इसमें गाया जानेवाला गीत (३) इसका राग; कहरवा केरी (के) स्त्री० आमका फल; आम केरीगाळो पुं० आमका मौसम केई (के) न० करीलका फल; टेंटी केरोसीन न० केरोसिन; मिट्टीका तेल केल पुं० पीसा हुआ चूना । केवटुं वि० कितना केबडंक वि० अंदाजन कितना। केबडेय वि० कितना ही केवड़ा केवडो पुं० केवड़ा (पड़)(२) इसका फूल; केवळ वि० केवल; शुद्ध (२) सिर्फ़; मात्र (३) एकमात्र ; अकेला; केवल (४) अ० निपट; बिलकुल [(अव्यय) केवळप्रयोगी वि० विस्मयादिबोषक के वि० कैसा? किस तरहका? केवंक वि० कैसा? केबुंय वि० कैसा भी केशर न० देखिये 'केसर' केशरी वि० पुं० केसरिया; जाफ़रानी केशरी पुं० केसरी; सिंह केशवाळी स्त्री० अयाल; केसर केस न० केस; मामला; मुकदमा (२) नुसखा (वैद्य, डाक्टर आदिका) (३) अमुक बात या घटना या इससे संबद्ध व्यक्ति। [-चालयो मुकदमा इजलासमें चलना। -मारवो= मुकदमा दायर करना. केसर न० केसर; जाफ़रान (२) इसके फूलके बीचोंबीच उगनेवाला महकदार रेशा-सींका; केसर (३)प्रत्येक फूलके अंदर होनेवाला सींका; केसर (४) अयाल; केसर केसरभीन वि० केसरिया बाना पहनकर समर-भूमिमें मरनेको उद्यत केसरियां न० ब०५० केसरिया बाना पहन या तो अफ्रीमका आखिरी चूंट पी मरजिया बनकर लड़ना केसरिय वि. केसरिया; पीला(२) रंगीला; मौजी (३) न० स्त्रियोंका - केसरिया कपड़ा केसरी वि० केसरिया; पीला केसरी पुं० केसरी; सिंह [टेसू केस(ग) न००व० पलाशके फूल; केसूगे पुं० पलाश; टेसू (वृक्ष) केळ स्त्री० केला; कदली केळवणी स्त्री० देखिये केळवq' (२) . व्यवस्थित पालन-पोषण, विकास और शिक्षा (३) शिक्षा; तालीम (४) पढ़ाई; अध्ययन केळवणीकार पुं० शिक्षा-शास्त्री केळव, स० क्रि० व्यवस्थित रूपसे विकास करना, पालना-पोसना, सुधारना; शिक्षण देना (२) (साना हुआ आटा)गूंधकर तैयार करना (३)(कच्चे चमड़ेको) कमाना (४) सवारी ढोने या जोताईकी शिक्षा देना; सघाना केळू न० केला (फल) : .. केनत्यागी वि० केन्द्रापसारी केन्द्रवर्ती वि० केन्द्रवर्ती; मध्यवर्ती को स० (२) वि० देखिये 'कोई [प.] . (३) कौन कोई स० (२) वि० कोई कोई (०ए)क वि० (२) स० कोई भी एक कोक वि० (२) स० देखिये 'कोईक' कोकटी वि० कुकटी (२) इससे बनने वाली (खादी). कोकगई अ०क्रि० (शरीर या चमड़ीका) ऐंठना; सुरीं पड़ना; सूखना-सिकुड़ना For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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