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अनगारधर्मामृतवर्षिणी टी० अ० १३ नन्दमणिकारभवनिरूपणम् ७६५ दहणेहि य' अवदहनैः दम्भनैः-तप्तलोहकोशादिना शरीरावयवविशेषे दाहकर पैश्च 'अवण्हाणेहि य' अवस्नानैः शरीरे कण्डूयनादिवारणार्थ तदनुकूलद्रव्यमिश्रित तजलस्नानैश्च, ' अणुवासणेहि य ' अनुवासनैः विरेचनविशेषैः-यन्त्रद्वारेणापानमार्गेण तैलादीनामुदरे प्रवेशनरूपैश्च, 'वत्थिकम्मेहि य' वस्तिकर्मभिः मलनिर्गमार्थ गुदे वादिप्रक्षेपैः, 'निरूहेहि य' 'निरूहैः '-द्रव्यपक्वतैलप्रयोगेण विरेचनविशेषैश्च 'सिरावेहिहेहि य' शिरावधैः-विकृतरूधिरनिस्सारणार्थं नाडीवेधैर्य, 'तच्छणाहि य' तक्षणैः क्षुरप्रादिना त्वक् छेदनैश्च, 'पच्छणाहि य' प्रतक्षण = क्षुरादिनाहस्तलाघवेन त्वचः प्रतनूकरणैश्च, 'सिरावेडेहि य ' शिरावेष्टैः नाड़ीवेष्टनैश्व, तप्पणाहि य ' तर्पणेश्व-स्निग्धद्रव्येण शरीरसंवाहनैश्च, 'पुडपागेहि य' पुटपाकैः पाकविशेषनिष्पन्नौषधविशेषैश्व, छल्लीहि य' छल्लीभिश्च=निवादित्वग्भिः, विरेचन कराने से, उष्णजल से स्नान कराने से तकुआ आदि को अग्नि में तपाकर उसका शरीर के किसी अवयव विशेष में डाम देने से अवस्नानों से-खाज-आदि मिटाने के लिये शरीर पर तदनु कूल द्रव्य मिश्रित जल से बार २ स्नान कराने से अनुवासनों से-यंत्र बारा अपान मार्ग से उदर में तैलादिकों के पहुँचाने से, वस्ति कर्मों से-मल को निकालने के लिये गुदा में वादि के प्रवेश कराने से, निरूहों से द्रव्य पक्क तैल के प्रयोग से विरेचन करवाने से, शिरावेध से-विकृत खून को निकालने के लिये शिरा-नस के काट देने से-नाडीवेध सेतक्षण से क्षुरा आदि द्वारा चमड़ी के काट देने से, प्रतक्षण से क्षुरा आदि द्वारा हस्तलाघव पूर्वक चमड़ी के छील देने से, शिरावेष्ट-नाडी वेष्टन से, स्निग्घ द्वारा शरीर की मालिश कराने से, पुट पाक सेपाक विशेष से तैयार की गई औषधियों से, छालों से-निम्ब आदि की ગરમ પાણીએ નાન કરાવવાથી, લેખંડ વગેરેને અગ્નિમાં તપાવીને શરીરના કઈ વિશેષ અવયવને ડામવાથી અવસ્નાનથી–ખરજવું વગેરે મટાડવા માટે શરીર ઉપર તદનુકૂલ દ્રવ્ય મિશ્રિત પાણીમાં વારંવાર સ્નાન કરાવવાથી, અનુ. વાસનોથી-યંત્ર વડે ગુદા માર્ગથી પેટમાં તેલ વગેરે પહોંચાડવાથી, વસ્તિકર્મોથી-મળને બહાર કાઢવા માટે ગુદામાં વર્યાદિને પ્રવિષ્ટ કરાવવાથી નિરુહાથી-દ્રવ્યમાં પરિપકવ થયેલા તેલના પ્રયોગથી, વિરેચન કરાવવાથી, શિરોધથી ખરાબ લેહીને બહાર કાઢવા માટે શિરા-નસને કાપવાથી-નાડધથી, પ્રતિક્ષણથી છરા વગેરેથી બહુ જ કુશળતાથી ચામડીને છોલવાથી, શિરાવેષ્ટથી–નાડી વર્ણનથી, સ્નિગ્ધ પદાર્થ વડે શરીરના ઉપર માલીશ કરવાથી, પુટપાકથી-પાક વિશેષથી તૈયાર કરવામાં આવેલી ઔષધીઓથી, છાલ (છોડ) થી-નિબ
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