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साताधर्मकथासूत्रे होत्था, तीसे णं सुबाहुदारियाए अन्नया चाउम्मासियमजणए जाए यावि होत्था, तएणं से रुप्पी कुणालाहिवई सुबाहुदारियाए चाउम्मासियजणयं उवट्टियं जाणइ, जाणित्ता कोडंबिय पुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी -एवं खलु देवाणुप्पिया ! सुबाहुदारियाए कल्लं चाउम्मासियमजणए भविस्सइ, तं कल्लं तुब्भणं रायमग्गमोगाढंसि मंडबं जलथलयदसद्धवन्नमल्लं साहरेह जाव सिरिदामगंडं ओलइंति । तएणं से रुप्पी कुणालाहिवई सुवन्नगारसेणि सदावेइ सदावित्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायमग्गमोगाढंसि पुप्फमंडवंसि णाणाविहपंचवन्नेहिं तंदुलेहिं णगरं आलिहइ, तस्स बहुमज्झदेसभाए पट्टए रयेह, रएइत्ता जाव पञ्चप्पिणंति, तएणं से रुप्पी कुणालाहिवई हत्थिक्खंधवरगए चाउरंगिणीए सेणाए महया भडचडगरयहयरविंदपरिक्खित्ते अंतेउरपरियालसंपरितुडे सुबाहुं दारियं पुरओ कटु जेणेव रायमग्गे जेणेव पुप्फमंडवे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता हस्थिखंधाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहिता पुप्फमंडवं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता सोहासणवरगए पुरस्थाभिमुहे सन्निसन्ने, तएणं ताओ अंते उरियाओ सुबाहुदारियं पट्टयंसि दुरूहेंति दुरूहित्ता सेयपीयएहिं कलसेहि पहाणेति, पहाणित्ता सव्वालंकारविभूसियं करेंति करित्ता पिउणो पायं वंदिउं उव.
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