________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६
00000000000 भूमि का।
Procesraeos साहित्य क्या है ? ___मानव जीवन में साहित्य का स्थान अत्यन्त उच्च एवं महत्वपूर्ण है । यह आज किसी भी साहित्यसेवी कों शायद ही बतलाने की आवश्यकता है। साहित्य ही राष्ट्र का प्राण है । साहित्य ही समस्त राष्ट्र को एक सूत्र में बद्ध कर सक्ता है तथा उसमें उत्साह का संचार कर सकता है। साहित्य ही भावी सन्तान का महान् पथ प्रदर्शक है। साथ ही साथ भावी पीढी के मानवों की नसों में सुधा का संचार कर सकता है तथा अपने पूर्वजों की गौरव-मयी स्मृति को सदैव ताजा बनाये रखता है, जो किसी भी समाज की उन्नति में महान सहायक होता है। भूतकाल को वर्तमानकाल में परिणित करने को पूर्व निर्मित साहित्य ही प्रोत्साहित कर सकता है । जिस देश व धर्म का साहित्य जितना निर्दोष, विवेकपूर्ण और प्रौढ होगा वे राष्ट्र तथा धर्म उतने ही नीतिवान् समर्थ विचारवान् व उन्नत होंगे। महाराज भर्तृहरि की निम्न पंक्ति साहित्य की महत्ता समजने को काफी है
संगीतसाहित्यकलाविहीन साक्षात् पशु पुच्छविषाणहीनः । हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि पूर्णजी ने क्या ही अच्छा कहा है।
%A4%
AC%*
45CALCCASHASANCHAR
For Private and Personal Use Only