SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 185
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. (1 ७५पार्नु 954293, 2 सोणपासी, पेद्रोए), शूर्पणखा (मे सक्ष सीनू नाम). शूल, (अ) प. 1. रुजायां संघोषे च. 1 पीsj, नsj, 2 2074 ४२वी. शूलति चोरम् न्योरने पाछे. शूलम् (1 ५सरोग, लालो, जी, 3 सयोग), त्रिशूलम् = तिसूळं = 1245. शूप, (अ) प. 1. प्रसवे. प्रसवोऽभ्य नुज्ञानम्. २मामा ४२वी, मनुमत वो. शूषति माना 42. श, (3) उ. 1. उंदने. उंदनं क्लेदनम् नीD४२, रोह.. शति -ते जलेन मृ. त्तिकाम् ४५प भारीने पाणे. शृद्धः, मृधम् (25), शिबा (शिंग). शृध, (उ) आ१. शब्दकुत्सायाम् शब्दकुत्सा पायुशब्दत्वात्. 1 56, 1642Q. शईते वातुलः पार पाडेछ. शर्द्धनम्, शर्द्धः, शजिहाः माषा: (पाना॥ म), शर्द्धनः (पाइयु), शिंबा (सिंग). शुध, (उ) उ. 10. प्रसहने. प्रसहनमभिभवः. 1 सितयु, ५४य ४२पो. शर्द्ध__ यति-ते, शति शत्रुम् शत्रुने छ. शु, प. 9. हिंसायाम्. ए. शृणाति छ. विशीर्णः (वरायेद), 1 शृंगम् = सिंगं = सिंग. 2 शृंगकम् = सिंगडं = सिंगई. शर्वरी (रात्री), शृंखला = सांस. शरः (1 मा, 2 मुंभ), शरुः (1 मा, 2 हिस्स), 1 शिविः, 2 शरारुः, 3 शिरिः (स), शीणिः (शेष), शरणम् (घ२), 1 शरावम्, 2 शरावकम् = शरावलं = वसुं. शिरीषः (१क्ष नाम), 1 शूर्पम्, 2 शूर्पकम् = सूपडं = सूपडं (ए। आपातुं पात्र), शर्करः (77), शर्करा = सकरा = सा४२. नीशारः (२॥समोवानी), शहरीकः (भि), शर्शरीका (भांगण्यान२६५), शारंगः (यात 4 पक्षी), शरठः (मायुध), शारिः (1 सोंटी, 2 पीपक्षी), शारिका (पक्षी), शरीरम्, शिरः (मस + माथु), विशरणम् (हिंसा), किंशारुः (3), परशुः, शराटिः (मऽयनामे 4554ii), शर्मिः (भृग). शेल, (3) प. गती. 4 शैलति यथे. शेव, (क) आ. 1. सेवने सेक्यु. शेवते सेवछ. शेवा. शै. प. 1. पाके. राध. शायति शंबेछ. For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy