________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 165 वस्, (अ) आ. 2. आच्छादने. मोछा, aisj. वस्ते मुखम् भुपने टॉछे. 1 वसनम्, 2 वस्त्रम्, 3 वासः (स् + गई), वस्ति; (पढ़), वस्तः (5542), सुवासिनी = सुवासिणी = सोवासे९५. वस, (उ) प. 4. स्तंभे. ग. वस्यति थमेछ. वस्तः (40), वस्ति: (पट). वस्, (अ) उ. 10. स्नेहच्छेदापहरणेषु. 1 ली, 42, पलाम, 2 , ५यु, 3 6. वासयति-ते भूमिम् ने पमाणेछ. वासयति-ते वृक्षम् वृक्षने पिछे. बासयति-ते चोरम् न्योर ने हणुछ. वस्, उ. 10. निवासे. १सयुं, 23. वसयति-ते पसेछे. 1 वासः, 2 निवासः, 3 वसतिः (52). वस्क, (अ) आ. 1. गत्यर्थे. पुं. वस्कते यछे. वस्त्, (अ) आ. 10. अदने. 503j, नऊj. वस्तयते पाउछे. वस्ति: (लक्षाए). वह, (अ) उ. 1. प्रापणे, ले , पो-याउ, वडे, पहन 42. वहति भारं वाहक: 16 मारने 24 14. नदी वहति नही पडेछ. वह: (मनुं wi4), वाहः, प्रवाहः, परीवाहः, संवाहः, निर्वाहः, दुर्वाहः, विवाहः, उद्दाहः (525), वहनम्, उद्वहनम्, उढा, नवोढा मौढः, मौढा, वह्यं शकटम् (१६न४२वा योग्य // ), वाह्यमन्यत् (मी पस्तुते वाय), वहित्रम् (पाह), वाहनम् = पाहण. वाहनम् (मवाद), बन्हि: (मनि), वधूः- पू. वाहा (नही), भारवाहः. वह, (इ) आ. 1. वृद्धौ. 15. वहते छे. बहुलाः (४०१५क्ष), बहिः (स् + मा४२), बहु.. वा, पं. 2. गतिगंधनयो.. 1 लघु, पापुं, 2 6j. वाति जयछे. 1 वाः, 2 वायुः, 3 वातः. (पवन), वामा (48). वा, उ. 10. सुखसेवनयोः गती च. 1 सु५ 42, 2 सेपy, 3rj. वाप यति-ते सु५ 437. वाक्ष, (इ) प. 1. कांक्षायाम. 127. वांक्षति ४-छेछ. वांक्षा (4il). वाल, (इ) प. 1. इच्छायाम्. पु. वांछति / / 22. वांछति = वांछइवांछ. वांछा (4/27), वांछितम् == वांछिअं = पांछy. वाइ, (+) आ. 1. आप्लाव्ये प्रीती च. १हा, स्नान 42j, 2 प्रीति ४२वी. वाडते गंगायां मुनिः मुनि // i हायछे. वाडः-लखे वाल:= पाण. For Private And Personal Use Only