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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 137 (भा२४), मर्मरः (सुपानांनो 256), मरामरः (मनु४२१५ 2004), मरीचिः (1 4i2, 2 मे षि), 1 मरकः, 2 मारिः (4Y मुत्यु, जोगणियु), मरिचम् = मरियं = भरियं. मृकंडुः (मेषि ), मर्मराकः (नि), मृत्युंजयः (शिव), मृक्ष, (अ) प. 1. संघाते. मेहुँ 42, गयो ४२वो. मृक्षति मे९४२. मृग, (अ) प. 4. अन्वेषणे. शोव, योगयु, तपास. मृग्यति मृगं मृगने . भोणछ. मृगः (26), मार्गणः (मा). मार्गणः = मग्गणो = भाग. मृग. आं. 10. अन्वेषणे. मोयु, शोधयु, तपासधू. मृगयते मृगं व्याधः पा२धी भृगने योणेछ. मृगः (हरि), मृगय: (पारथी), 1 माया, 2 मृगव्यम् (शोध), मृगरिपुः (सिंह), मृगांकः (), मृगशिरः (अस् +F 122), मृगितः (शोधेियो), मृज, (अ) प. 1 शब्द. 2256 ४२वो. मर्बति रा 432. मृत्, (अ) प. 2 शुद्धौ. शु 42j, wirj. माष्टिं जलेन देहं नरः 12.45. ने शु६ 422. मृष्टम् = मिठं = भाई (निर्भर). मार्गः = मग्गो = भा. 1 मार्जनम्, 2 मजा, 3 मृष्टिः (शुदि). संमार्जनी (स.१२९), मृज, (3) उ. 10. शौचालंकारयोः. 1 मirg, शु६.४२y, निर्मल 42j, 2 मा 42, शोलाप, शं॥२. मार्जयति - ते, माति नारेण शरीरम् // 8 ने भालो. मार्जयति -- ते. मार्जति कुंकुमेन ललाटं नारी 4 नारी सलाउने गरिंधे. मार्जति = मज्जइ - भाले. 1, मार्जनम, 2 मार्जना, 3 मृजा (शुदि). मार्जनः (सो५२ नामें वृक्ष), मार्जिता (हिना श्री ), मृड्, (अ) प. 6. सुखने. सुपी ४२यु. मृडति धर्मों धार्मिकम् बभीने धर्म सुनी 422. मृडः (शिव), मृडानी (पार्वती), मृद, (अ) प. ९.क्षोदे सुखे च. 1 शे-दी-न्यून। ४२यो; मृj, 2 सुपी ४२पुं. मृड्णाति. 1 न्यूरो 42, 2 सुपी 422. मृड: (1 यूरो, 2 शिप), मृडानी (पार्वती), मृडीकः (सु५४२), मृण, (अ) प. 6. हिंसायाम्. 6. मृणति हथे. मृणालम् (भवनाल), मृणितः (हत). For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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