________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 130 धातुसंग्रह. मए, (अ) प. 1. हिंसार्थः. ए. मषति छ. माषः (25.76), 1 मषिः, 2 मषी (24) मए (अ) प. 1. शब्दे रोषकृतेच. 1 2106 ४२यो, 2 रीस ४२वी. मषति शरछे इ० मस्, (ई) प. 4. परिणामे परिमाणे च. परिणामो विकारः. 1. 1i42 पाभj, रूपांतर पामपुं. 2 परिभाए 42, तोब 42, मा५. मस्यति 1i412 पामेछ. मस्तः (वित), मासः (महिनो), पौर्णमासी = पुण्णमासी = पुनभ्य. मस्तकः (मायुं), मस्तु (हिनीत२), 1 मसिः, 2 मसी (24), मसूरः. मस्क, (अ) आ. गत्यर्थे. 4. मरकते यछ. मस्त्, (टु, ओ) प. 6. शुद्धौ. शुद्धचास्नानं ब्रुडनं च लक्ष्यते. 1 हायु, 2 गान४२j, 2 74ii भा२वी, . मज्जति मुनिः मुनि न्हाय, 7741 भारछे, इ०, 1 ममः, 2 निममः (युयो). मन्जनम् (1 लान, 2 7.541), मज्जा (अन् + (13नो 24, भी०४), मदः (साग). मह, (अ) प. 1. पूजायाम्. 5 // ४२वी. महति पूछे. महः (1 स१, 2 504), मही (240), महान् (हत् + भोटो), महती (मोटी), मुखम् = मुहं = मूह = (म्हो), मखः (41), 1 माहितम् 2 महितम् (2674), महितः (माहात्म्यवान्), महिषः (पाओ), महिषी (मेय), 1 महिला, 2 महेला (4) मह, (इ) आ. 1. वृद्धौ. 15. महते वधेछे. मह, (इ) उ. 10. भाषार्थ भासाथै च. 1 भोर, 2 5. महयति-ते, मंहति मोल. मह. उ. 10. पूजायाम्. ल. महयति- ते पूलय. महः (रसप), महिषः (पाओ), महिषी (23), मही (240), महान् (हत् + भोटो), महो, (ङ) आ. 11. पूजायाम्. पूल पाभवी, लघु, महीयते-पूजां लभत इत्यर्थः पूल पामेछ. For Private And Personal Use Only